वैशालीः बिहार में शराबबंदी है, लेकिन अगर आप कोड वर्ड जानते हैं तो आपको शराब मिल सकती (Liquor smuggling in Bihar) है. यह मैं नहीं शराब पीने वाला बता रहा है. यह भी जानकारी दी कि बिहार में कहां-कहां शराब मिलती है. 50 रुपए में एक गिलास शराब मिलती है, लेकिन आपके पास कोड वर्ड है तभी इसका लुत्फ उठा पाएंगे. दरअसल, सड़क दुर्घटना में घायल ऑटो चालक ने बिहार में शराबबंदी की पोल खोल दी. उसने बताया कि वह रोज ऑटो चलाने के दौरान कई बार शराब पीता है.
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खास कोड मिलेगी शराबः ऑटो चालक ने बताया कि शराब बेचने के लिए एक खास कोड बनाया गया है. बस आपको एक पीस कहना है और एक उंगली का इशारा करना है. फिर पॉलिथीन में पैक की गई देसी विदेशी शराब आपके पास होगी. बदले में आपको मात्र 50 रुपए देना होगा. और शराब चाहते हैं तो फिर से आपको यही प्रक्रिया दुहरानी होगी. यह सिस्टम जाल की तरह बिहार की राजधानी पटना से लेकर हाजीपुर सहित अन्य जगहों पर फैला हुआ है.
शराब पीकर ऑटो चलाते हैं चालकः सड़क दुर्घटना में घायल पटना का ऑटो चालक मोहम्मद अशरफ को इलाज के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल लाया गया. देर रात वैशाली के हाजीपुर के औद्योगिक थाना क्षेत्र स्थित पासवान चौक पर एक सड़क दुर्घटना हुई थी. ऑटो ने चलती ट्रक के पीछे धक्का मार दिया था. ऑटो में पटना के रहने वाले मोहम्मद असरफ सहित 2 लोग सवार थे. मोहम्मद अशरफ ऑटो चला रहा था. दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों ने इलाज के लिए अस्पताल लाया. जहां से एक अन्य घायल को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया. इलाज करा रहे हैं ऑटो चालक अशरफ ने बताया कि वह शराब पीकर गाड़ी चला रहा था.
50 रुपए में गिलास शराबः उसने यह भी बताया कि कहां-कहां शराब मिलती है. मोहम्मद रफी ने बताया कि पटना से गाड़ी लेकर आते हैं. नीचे गायघाट पुल के नीचे भी शराब मिलता है. पासवान चौक वहां भी दारु मिलता है वो भी 50 रुपए में गिलास. गांधी सेतु के पास भी 50 में वाइट पानी में शराब देते हैं. 'एक पीस' बोलने पर शराब देते हैं. सवारी को लेकर दो तीन राउंड लगाते हैं. जब भी वापस जाते हैं तो शराब पी लेते हैं. बिहार में पीना गुनाह है मगर सभी जगह शराब मिलती है. दिनभर गाड़ी चलाते हैं थके होने के कारण एक पैक पीते हैं, खाना पीना खाकर सो जाते हैं.
शराबबंदी पूरी तरह से फेलः देसी-विदेशी दोनों शराब मिलती है. कभी गायघाट में पी लेते है तो कभी सिटी क्षेत्र गए तो वहां पर पी लिए, कभी राजा घाट में पी लेते है. ऑटो चालक के इस खुलासे के बाद कहा जा सकता है कि कहीं न कहीं शराब माफियाओं ने सरकारी तंत्र को बैकफुट पर धकेल दिया है. पुलिस, उत्पाद विभाग, एंटी लिकर फोर्स सहित कई सरकारी तंत्र शराब माफियाओं के पीछे लगे हुए हैं लेकिन माफिया सरेआम राजधानी सहित अन्य जगहों पर शराब बेच रहे हैं. एक ऑटो चालक सहित आम लोगों को शराब आसानी से मिल रही है. फिर सरकारी तंत्र कैसे पूर्णता शराबबंदी को लागू करने में पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही है.
"गायघाट पुल के नीचे, पासवान चौक, गांधी सेतु के पास, सभी जगह 50 रुपए में शराब मिलती है. एक पीस बोलने पर शराब देते हैं. दिन में दो से तीन बार पीते हैं. बिहार में पीना बंद है लेकिन सभी जगह शराब मिलती है. दिनभर गाड़ी चलाने में थक जाते हैं इसलिए रात में पीकर सो जाते हैं. देसी-विदेशी दोनों शराब मिलती." - मोहम्मद अशरफ, घायल ऑटो चालक.