पटना: बिहार के सरकारी अस्पतालों में जेनेटिक स्टडी की सुविधा नहीं है. लेकिन अब आईजीआईएमएस में यह सेवा जल्द उपलब्ध होगी. अस्पताल के रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग में भ्रूण के जेनेटिक स्टडी के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू होने वाली है.
भ्रूण की जेनेटिक स्टडी में होगी आसानी: दरअसल, कई महिलाओं के साथ समस्या आती है कि उनका गर्भ तो ठहर जाता है, लेकिन कुछ समय के अंतराल पर बार-बार उनका गर्भपात हो जाता है. ऐसे में कई बार गर्भपात का सही कारण पता लगाने के लिए भ्रूण की जेनेटिक स्टडी की आवश्यकता पड़ती है. प्राइवेट हॉस्पिटल में यह जांच काफी महंगी है. ऐसे में अब आईजीएमएस यह सुविधा शुरू करने जा रही है.
2.5 करोड़ में आती है मशीन: रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग की हेड डॉक्टर कल्पना सिंह ने यह जानकारी दी है कि आईजीएमएस में जेनेटिक स्टडी की सुविधा बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जेनेटिक स्टडी में उपयोग की जाने वाली मशीन की कीमत लगभग 2.5 करोड़ है. प्राइवेट अस्पताल में इस जांच के लिए लोगों को लगभग 17 हजार तक खर्च करना पर जाते हैं.
पता चल सकेगा गर्भपात का सही कारण: ऐसे में आईजीएमएस में यह सुविधा शुरू होगी तो यहां 50 फीसदी कम दाम पर जांच किया जाएगा. हमारा प्रयास है कि नए साल में जेनेटिक स्टडी शुरू हो जाए. इससे महिलाओं में बार-बार होने वाले गर्भपात का सही कारण का पता चल सकेगा. जेनेटिक स्टडी की मदद से गर्भ में पल रहे बच्चे में किसी तरह कोई बीमारी है या नहीं यह जानकारी समय पर मिल जाएगी. इससे समय रहते उसका इलाज हो पाएगा.
"अभी अस्पताल में 3D अल्ट्रासाउंड की सुविधा बहाल हो गई है, जिससे बच्चेदानी की बनावट और उसमें होने वाली बीमारी का पता करना आसान हो गया है. 3D अल्ट्रासोनोग्राफी जांच से बच्चेदानी में यदि कोई बीमारी है तो उसका पता चलता है. इसके साथ ही यहां बांझपन से संबंधित सर्जरी लेप्रोस्कोपी की भी सुविधा हो गई है." - हेड डॉक्टर कल्पना सिंह, रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग, आईजीआईएमएस.
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