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पटना: लॉकडाउन लगते ही कोरोना जांच केंद्रों पर पसरा सन्नाटा

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Published : May 5, 2021, 5:29 PM IST

बिहार में लॉकडाउन लागू होने के बाद कोरोना जांच केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि अगर जांच नहीं होगी तो संक्रमितों की पहचान कैसे की जाएगी.

Corona Testing Centers
Corona Testing Centers

पटना: बिहार में बुधवार से 11 दिनों का लॉकडाउन शुरू हो गया है. ऐसे में लॉकडाउन का असर स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न क्षेत्रों पर भी देखने को मिलने लगा है. संक्रमण के मामले काफी तेजी से प्रदेश में बढ़ रहे हैं और सरकार की तरफ से अधिक से अधिक जांच कर संक्रमण का पता लगाने की बात कही जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बुधवार को राजधानी पटना के सभी कोरोना जांच केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

ये भी पढ़ें: बिहार में लॉकडाउन का दिखने लगा असर, बेवजह घर से निकलने वालों से वसूला जा रहा जुर्माना

कोरोना जांच केंद्र में सन्नाटा
पटना के गर्दनीबाग हॉस्पिटल की बात करें या फिर न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल या होटल पाटलिपुत्र अशोक में चल रहे कोरोना जांच केंद्र की, सभी जगह सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां लोगों की कोरोना जांच के लिए मारामारी लगी रहती थी और भीड़ की स्थिति बेकाबू रहती थी, वहां गिने-चुने एक दो लोग ही कोरोना जांच कराने वाले नजर आ रहे हैं.

देखें वीडियो

बेवजह परेशान नहीं कर रही पुलिस
पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल में कोरोना जांच कराने पहुंचे युवक अभय कुमार ने बताया कि सड़क पर उन्हें लॉकडाउन पालन कराने के लिए मौजूद पुलिस बल की टीम ने जरूर रोका. लेकिन जब उन्होंने बताया कि वह कोरोना की जांच कराने जा रहे हैं, तो ऐसे में प्रशासन की टीम ने उन्हें आगे जाने दिया. जिन्हें जरूरी काम रह रहा है, उन्हें प्रशासन बेवजह परेशान नहीं कर रही.

"लॉकडाउन का पहला दिन है और जांच केंद्र पर कोरोना की जांच कराने आने वाले लोगों की भीड़ नहीं है. ऐसे में यह हो सकता है कि लॉकडाउन का कुछ असर हो. लेकिन यह कोई बड़ी वजह नहीं है. क्योंकि लॉकडाउन में भी जिन लोगों को कोरोना की जांच करानी है या वैक्सीन लगवानी है या फिर अन्य कोई मेडिकल काम है, इमरजेंसी है तो उनके लिए सरकार की तरफ से पहले ही छूट है. जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काम है, प्रशासन उन्हें सड़क पर नहीं रोक रही है और मामूली पूछताछ के बाद आगे जाने दे रही है"- डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन का पहला दिनः पटना में बिना काम के घर से निकलनेवालों की पुलिस डंडों से कर रही है खातिरदारी

डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि यह जरूर है कि अब बेवजह लोग कोरोना जांच केंद्र पर अपने मन का भ्रम मिटाने के लिए जांच कराने नहीं पहुंच रहे हैं, जिन्हें जरूरत है, वह जरूर पहुंच रहे हैं और उनकी जांच भी हो रही है.

पटना: बिहार में बुधवार से 11 दिनों का लॉकडाउन शुरू हो गया है. ऐसे में लॉकडाउन का असर स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न क्षेत्रों पर भी देखने को मिलने लगा है. संक्रमण के मामले काफी तेजी से प्रदेश में बढ़ रहे हैं और सरकार की तरफ से अधिक से अधिक जांच कर संक्रमण का पता लगाने की बात कही जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बुधवार को राजधानी पटना के सभी कोरोना जांच केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

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कोरोना जांच केंद्र में सन्नाटा
पटना के गर्दनीबाग हॉस्पिटल की बात करें या फिर न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल या होटल पाटलिपुत्र अशोक में चल रहे कोरोना जांच केंद्र की, सभी जगह सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां लोगों की कोरोना जांच के लिए मारामारी लगी रहती थी और भीड़ की स्थिति बेकाबू रहती थी, वहां गिने-चुने एक दो लोग ही कोरोना जांच कराने वाले नजर आ रहे हैं.

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बेवजह परेशान नहीं कर रही पुलिस
पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल में कोरोना जांच कराने पहुंचे युवक अभय कुमार ने बताया कि सड़क पर उन्हें लॉकडाउन पालन कराने के लिए मौजूद पुलिस बल की टीम ने जरूर रोका. लेकिन जब उन्होंने बताया कि वह कोरोना की जांच कराने जा रहे हैं, तो ऐसे में प्रशासन की टीम ने उन्हें आगे जाने दिया. जिन्हें जरूरी काम रह रहा है, उन्हें प्रशासन बेवजह परेशान नहीं कर रही.

"लॉकडाउन का पहला दिन है और जांच केंद्र पर कोरोना की जांच कराने आने वाले लोगों की भीड़ नहीं है. ऐसे में यह हो सकता है कि लॉकडाउन का कुछ असर हो. लेकिन यह कोई बड़ी वजह नहीं है. क्योंकि लॉकडाउन में भी जिन लोगों को कोरोना की जांच करानी है या वैक्सीन लगवानी है या फिर अन्य कोई मेडिकल काम है, इमरजेंसी है तो उनके लिए सरकार की तरफ से पहले ही छूट है. जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काम है, प्रशासन उन्हें सड़क पर नहीं रोक रही है और मामूली पूछताछ के बाद आगे जाने दे रही है"- डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

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डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि यह जरूर है कि अब बेवजह लोग कोरोना जांच केंद्र पर अपने मन का भ्रम मिटाने के लिए जांच कराने नहीं पहुंच रहे हैं, जिन्हें जरूरत है, वह जरूर पहुंच रहे हैं और उनकी जांच भी हो रही है.

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