पटना(दानापुर): राजधानी के दानापुर न्यायालय के आदेश के तीन साल बाद भी नगर पर्षद प्रशासन की ओर से नासरीगंज से कूड़ा डांपिंग को रामचक बेरिया में ट्रांसफर नहीं किया गया है. जिसको लेकर लोगों में आक्रोश बना हुआ है. घनी आबादी के बीच कूड़ा डांपिंग रहने के कारण आस-पास के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, कचरे की बदबू की वजह से लेागों का जीना मुहाल हो गया है.
कचरे के दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर परिषद और छावनी परिषद क्षेत्र के सड़े-गले कचरे को ट्रैक्टर से कूड़ा डांपिंग में गिराया जा रहा है. कभी-कभी कचरे के साथ मरे हुए पशुओं को फेंक दिया जाता है. जिसकी दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो जाता है. खासकर गर्मी में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसको लेकर 30 साल पहले स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कूड़ा फेकने पर रोक लगा दिया था. साथ ही हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए कूड़ा फेकने पर रोग लगा दिया. जिसको देखे हुए छावनी परिषद प्रशासन ने उक्त जगह पर कूड़ा नष्ट करने का मशीन लगाया. लेकिन नियमित मशीन चालू नहीं होने से समस्या का निदान नहीं हो पाया.
सालों से फेंका जा रहा कचरा
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां सालों से कचरा फेंका जा रहा है, लेकिन नगर परिषद और छावनी परिषद की ओर से पूरे दानापुर नगर का कचरा यहां पर डंपिंग किया जा रहा है. जिससे इस इलाके के रहने वाले लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है. वहीं, कचरे की गंदगी से कई लोग बीमार भी हो जाते हैं. सरकार एक तरफ शहर की साफ-सफाई को लेकर कई योजना चला रही है. वहीं, दानापुर के नासरीगंज में कई सालों से मोहल्ले के बीचो-बीच कूड़ा डंपिंग किया जा रहा है.
'कूड़ा नष्ट करने का लगाया प्लांट'
परिषद के उपाध्यक्ष उमेश कुमार ने बताया कि बेल्ट टूट जाने से कुछ दिन से मशीन बंद पड़ा हुआ है. जिसे जल्द ही चालू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि नगर पर्षद ने तीन साल पहले बोर्ड की बैठक कर कूड़ा सेंटर को बैरिया में स्थानांतरण करने का निर्णय लिया था. कुछ दिन बैरिया कचरे को ले जाया गया, लेकिन दोबारा कचरे को वहीं फेंका जा रहा है. परिषद के कार्यपालक अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि कूड़ा नष्ट करने का प्लांट लगाया है. जल्द ही नियमित कार्य शुरु कर दिया जायेगा.