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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में 19 दोषी करार, जानें अब तक क्या-क्या हुआ - कोर्ट का फैसला

पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था .

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम
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Published : Jan 20, 2020, 3:01 PM IST

Updated : Jan 20, 2020, 3:18 PM IST

पटना/नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट में फैसला सुनाया गया. ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपी दोषी करार दिए गए.


बता दें कि पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन, 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टल गया था. फिर 12 दिसंबर 2019 को भी एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था.

फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.

दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट के तहत आरोप तय
पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था . इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

कौन-कौन हैं आरोपी?
इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है. उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को देना पड़ा था इस्तीफा
चर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जहां बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा और उनका राजनीतिक करियर पूरी तरह खत्म हो गया. हालांकि, कुछ दिन जेल में रहने वाली मंजू देवी बेल पर रिहा हैं.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला...

  • मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज़ (टीआईएसएस) की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह से 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था.
  • इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्‍टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं.
  • पुलिस पूछताछ में पीड़िताओं ने यह जानकारी दी.वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये लड़कियां गायब हुई थीं.
  • इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराई.पहले तो मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई.
  • गायब हुई लड़कियों का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं था.पूरा मामला सीबीआई के पास पहुंचा.
  • सीबीआई जांच में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.
  • सीबीआई जांच में शेल्टर परिसर में हड्डियां बरामद की गईं.
  • इस मामले में ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों पर सीबीआई ने जार्जशीट दायर की है.
  • मामले पर पहले पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की.
  • इसके बाद मामला दिल्ली के साकेत कोर्ट पहुंचा.

पटना/नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट में फैसला सुनाया गया. ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपी दोषी करार दिए गए.


बता दें कि पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन, 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टल गया था. फिर 12 दिसंबर 2019 को भी एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था.

फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.

दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट के तहत आरोप तय
पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था . इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

कौन-कौन हैं आरोपी?
इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है. उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को देना पड़ा था इस्तीफा
चर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जहां बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा और उनका राजनीतिक करियर पूरी तरह खत्म हो गया. हालांकि, कुछ दिन जेल में रहने वाली मंजू देवी बेल पर रिहा हैं.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला...

  • मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज़ (टीआईएसएस) की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह से 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था.
  • इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्‍टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं.
  • पुलिस पूछताछ में पीड़िताओं ने यह जानकारी दी.वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये लड़कियां गायब हुई थीं.
  • इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराई.पहले तो मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई.
  • गायब हुई लड़कियों का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं था.पूरा मामला सीबीआई के पास पहुंचा.
  • सीबीआई जांच में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.
  • सीबीआई जांच में शेल्टर परिसर में हड्डियां बरामद की गईं.
  • इस मामले में ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों पर सीबीआई ने जार्जशीट दायर की है.
  • मामले पर पहले पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की.
  • इसके बाद मामला दिल्ली के साकेत कोर्ट पहुंचा.
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Last Updated : Jan 20, 2020, 3:18 PM IST
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