ETV Bharat / state

ईशान किशन के दोस्त ने खोले कई राज, कहा- दुआ है वर्ल्ड कप के सभी मैचों में खेले आतिशी पारी

ईशान किशन के दोस्त यशस्वी सिंह ने कहा कि ईशान किशन वर्ल्ड कप के सभी मैच खेलें और सभी मैचों में जिस प्रकार से आईपीएल और अभ्यास मैच में तूफानी पारी खेली है उसी प्रकार की छाप छोड़ने वाली पारी खेलें यह हमारी दुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

ishan kishan
ईशान किशन
author img

By

Published : Oct 22, 2021, 10:51 PM IST

पटना: टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) का खुमार इन दिनों लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. टूर्नामेंट में भारत का पहला मुकाबला पाकिस्तान (India Pakistan Match) से है. ऐसे में मुकाबले को देखेंगे को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है.

यह भी पढ़ें- मुझे कोहली भाई ने ओपनिंग करने के लिए टी-20 विश्व कप टीम में लिया है: ईशान किशन

बिहार के लोग इस बार वर्ल्ड कप मैच को लेकर इसलिए भी ज्यादा उत्साहित हैं कि बिहार के ईशान किशन (Ishan Kishan) इस बार T20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा हैं. ईशान ने जिस प्रकार से अपने डेब्यू मैच में परफॉर्म किया, आईपीएल में जो फॉर्म रहा और फिर उसी फॉर्म को प्रैक्टिस मैच में बरकरार रखा. उन्होंने ताबड़तोड़ 70 रनों की पारी खेली.

देखें वीडियो

इसके बाद से बिहार के लोग यही उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में भारत के पहले मुकाबले में प्लेइंग इलेवन में ईशान किशन भारतीय टीम का हिस्सा होंगे. मैच को लेकर ईशान के दोस्त भी काफी उत्साहित हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने ईशान के बचपन के दोस्त यशस्वी सिंह से बातचीत की. उन्होंने ईशान किशन के कई अनसुने किस्सों को भी साझा किया.


यशस्वी सिंह ने कहा कि वह एक म्यूजिशियन है. ईशान किशन से उनकी दोस्ती स्कूल लाइफ में हुई थी. ईशान और वह डीपीएस स्कूल में एक साथ पढ़ते थे. ईशान किशन बचपन से ही मेहनती हैं. क्रिकेट को लेकर उनमें शुरू से एक दीवानगी थी. ईशान बचपन से ही मैच्योर रहा है. काफी मजाकिया किस्म का उसका स्वभाव है. कोई अगर ईशान के साथ बैठ जाए तो वह बिना हंसे नहीं जा सकता. ईशान अपने दोस्तों और परिवार वालों को लेकर काफी केयरिंग नेचर के हैं.

यशस्वी ने बताया कि उनकी आखरी मुलाकात इंग्लैंड दौरे से पहले हुई थी. इसके पहले कोरोना का समय चल रहा था. लॉकडाउन के बाद अनलॉक के पीरियड में ईशान जब पटना आए हुए थे तो लगभग प्रतिदिन उन लोगों का मिलना होता था. वह और कुछ अन्य दोस्त एक साथ समय बिताया करते थे. साथ में फुटबॉल खेलते थे. इंग्लैंड दौरे के लिए जब चयन हुआ उस समय वह उनके साथ थे. इसके बाद वह दौरे के लिए निकल गए.

यशस्वी ने बताया कि ईशान अपनी हर उपलब्धि का जमकर लुफ्त उठाते हैं. तमाम सेलिब्रेशन अभी ईशान पर ड्यू हैं. जब ईशान तमाम दौरे के बाद वापस पटना आते हैं तो मिलकर सभी उपलब्धियों का सेलिब्रेशन करेंगे. प्रैक्टिस के चलते ईशान के पास समय का अभाव रहता है, लेकिन इसी बीच वह समय निकालकर खुद से उन्हें और अन्य दोस्तों को फोन कर लेते हैं. जब एक बार किसी को फोन करते हैं तो वहां से ग्रुप वीडियो चैट शुरू होता है. इस दौरान खेल की बातें नहीं होती. ढेर सारी अन्य बातें होती हैं. ग्रुप चैट के दौरान अक्सर किसी एक दोस्त की खूब खिंचाई की जाती है और बातचीत के दौरान ईशान सभी दोस्तों से अन्य दोस्तों का हाल भी पूछते हैं. कौन क्या कर रहा है इसकी जानकारी भी रखते हैं.

यशस्वी सिंह ने कहा कि स्कूल के समय में पढ़ाई और खेल दोनों को ईशान साथ लेकर चलता था. इसके लिए काफी कड़ी मेहनत करता था. अक्सर उसे रांची मैच खेलने जाना होता था. ऐसे में स्कूल करने के बाद रात में वह रांची के लिए बस पकड़ता था और रांची पहुंचकर सिर्फ मैगी खाता था और खेलने के लिए निकल जाता था. खेलने के बाद फिर शाम में बस पकड़ कर वापस पटना आता था और फिर पटना आकर उसी दिन स्कूल भी ज्वाइन कर लेता था.

उन्होंने बताया कि एक समय आया जब स्कूल ने ईशान को कहा कि वह या तो क्रिकेट चुने या पढ़ाई. ऐसे में ईशान ने क्रिकेट का चयन किया. जब टूर्नामेंट होते थे तो ईशान स्कूल से छुट्टियों पर रहता था. यह स्कूल को पसंद नहीं था कि वह आए दिन छुट्टियों पर रहे. ईशान की सफलता के पीछे उसके माता-पिता, बड़े भाई और दादा का हाथ है. ईशान किशन को एक क्रिकेटर बनाने के लिए हर कदम पर उसके परिवार ने भरपूर साथ दिया. जब नौवीं कक्षा के समय ईशान ने स्कूल की पढ़ाई और क्रिकेट के बीच क्रिकेट का चयन किया तो खुशी-खुशी उसके पेरेंट्स ने उसका पूरा सपोर्ट किया.

यशस्वी ने बताया कि ईशान की सफलता उसकी कड़ी मेहनत का नतीजा है. रांची में जब वह क्रिकेट खेलता था तो एक बहुत छोटा किफायती कमरा रेंट पर रखे हुए था. वहीं खाना और रहना होता था. जब ईशान किशन ने स्कूल छोड़ा तो उसी समय उसका अंडर 16 में सिलेक्शन हुआ. इसके बाद अंडर-19 भारतीय टीम में सिलेक्शन हुआ और वह टीम का कैप्टन बना. फिर विजय हजारे, सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट, रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट इत्यादि विभिन्न मैचों में ढेर सारे रन बनाए. इसी के बलबूते ईशान भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने में सफल हुआ.

यशस्वी ने बताया कि ईशान किशन अपने दोस्तों के लिए एक मेंटर हैं. ईशान ने अपने लाइफ में इतना स्ट्रगल किया है कि वह हमेशा अपने दोस्तों को खूब प्रोत्साहित करते रहता है. अगर किसी दोस्त को जरा भी तनाव होता है या काम का प्रेशर हैंडल करने में तकलीफ होती है तो वह ईशान किशन को फोन कर लेता है और ईशान से बात करने के बाद वह चैन की नींद सोता है. ईशान उनके लिए और सभी दोस्तों के लिए एक इंस्पिरेशन की तरह है.

यशस्वी ने कहा कि भारतीय टीम ने अभी 3 विकेट कीपर बल्लेबाज हैं और तीनों काफी बेहतरीन हैं और इसी के बदौलत वे टीम इंडिया में अपनी जगह बनाए हुए हैं. प्लेइंग इलेवन में टीम किसी को भी खिलाए ईशान सभी के लिए खुश रहते हैं और काफी सपोर्टिव हैं. वह चाहते हैं कि ईशान किशन वर्ल्ड कप के सभी मैच खेलें और सभी मैचों में जिस प्रकार से आईपीएल और अभ्यास मैच में तूफानी पारी खेली है उसी प्रकार की छाप छोड़ने वाली पारी खेलें. वह चाहते हैं कि ईशान लंबे-लंबे छक्के मारते रहें और उसका जश्न वह घर बैठे मनाते रहे.

यह भी पढ़ें- T-20 World Cup: भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर बंटी राय, पाक के खिलाफ आक्रोश के बावजूद मैच के पक्ष में लोग

पटना: टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) का खुमार इन दिनों लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. टूर्नामेंट में भारत का पहला मुकाबला पाकिस्तान (India Pakistan Match) से है. ऐसे में मुकाबले को देखेंगे को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है.

यह भी पढ़ें- मुझे कोहली भाई ने ओपनिंग करने के लिए टी-20 विश्व कप टीम में लिया है: ईशान किशन

बिहार के लोग इस बार वर्ल्ड कप मैच को लेकर इसलिए भी ज्यादा उत्साहित हैं कि बिहार के ईशान किशन (Ishan Kishan) इस बार T20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा हैं. ईशान ने जिस प्रकार से अपने डेब्यू मैच में परफॉर्म किया, आईपीएल में जो फॉर्म रहा और फिर उसी फॉर्म को प्रैक्टिस मैच में बरकरार रखा. उन्होंने ताबड़तोड़ 70 रनों की पारी खेली.

देखें वीडियो

इसके बाद से बिहार के लोग यही उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में भारत के पहले मुकाबले में प्लेइंग इलेवन में ईशान किशन भारतीय टीम का हिस्सा होंगे. मैच को लेकर ईशान के दोस्त भी काफी उत्साहित हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने ईशान के बचपन के दोस्त यशस्वी सिंह से बातचीत की. उन्होंने ईशान किशन के कई अनसुने किस्सों को भी साझा किया.


यशस्वी सिंह ने कहा कि वह एक म्यूजिशियन है. ईशान किशन से उनकी दोस्ती स्कूल लाइफ में हुई थी. ईशान और वह डीपीएस स्कूल में एक साथ पढ़ते थे. ईशान किशन बचपन से ही मेहनती हैं. क्रिकेट को लेकर उनमें शुरू से एक दीवानगी थी. ईशान बचपन से ही मैच्योर रहा है. काफी मजाकिया किस्म का उसका स्वभाव है. कोई अगर ईशान के साथ बैठ जाए तो वह बिना हंसे नहीं जा सकता. ईशान अपने दोस्तों और परिवार वालों को लेकर काफी केयरिंग नेचर के हैं.

यशस्वी ने बताया कि उनकी आखरी मुलाकात इंग्लैंड दौरे से पहले हुई थी. इसके पहले कोरोना का समय चल रहा था. लॉकडाउन के बाद अनलॉक के पीरियड में ईशान जब पटना आए हुए थे तो लगभग प्रतिदिन उन लोगों का मिलना होता था. वह और कुछ अन्य दोस्त एक साथ समय बिताया करते थे. साथ में फुटबॉल खेलते थे. इंग्लैंड दौरे के लिए जब चयन हुआ उस समय वह उनके साथ थे. इसके बाद वह दौरे के लिए निकल गए.

यशस्वी ने बताया कि ईशान अपनी हर उपलब्धि का जमकर लुफ्त उठाते हैं. तमाम सेलिब्रेशन अभी ईशान पर ड्यू हैं. जब ईशान तमाम दौरे के बाद वापस पटना आते हैं तो मिलकर सभी उपलब्धियों का सेलिब्रेशन करेंगे. प्रैक्टिस के चलते ईशान के पास समय का अभाव रहता है, लेकिन इसी बीच वह समय निकालकर खुद से उन्हें और अन्य दोस्तों को फोन कर लेते हैं. जब एक बार किसी को फोन करते हैं तो वहां से ग्रुप वीडियो चैट शुरू होता है. इस दौरान खेल की बातें नहीं होती. ढेर सारी अन्य बातें होती हैं. ग्रुप चैट के दौरान अक्सर किसी एक दोस्त की खूब खिंचाई की जाती है और बातचीत के दौरान ईशान सभी दोस्तों से अन्य दोस्तों का हाल भी पूछते हैं. कौन क्या कर रहा है इसकी जानकारी भी रखते हैं.

यशस्वी सिंह ने कहा कि स्कूल के समय में पढ़ाई और खेल दोनों को ईशान साथ लेकर चलता था. इसके लिए काफी कड़ी मेहनत करता था. अक्सर उसे रांची मैच खेलने जाना होता था. ऐसे में स्कूल करने के बाद रात में वह रांची के लिए बस पकड़ता था और रांची पहुंचकर सिर्फ मैगी खाता था और खेलने के लिए निकल जाता था. खेलने के बाद फिर शाम में बस पकड़ कर वापस पटना आता था और फिर पटना आकर उसी दिन स्कूल भी ज्वाइन कर लेता था.

उन्होंने बताया कि एक समय आया जब स्कूल ने ईशान को कहा कि वह या तो क्रिकेट चुने या पढ़ाई. ऐसे में ईशान ने क्रिकेट का चयन किया. जब टूर्नामेंट होते थे तो ईशान स्कूल से छुट्टियों पर रहता था. यह स्कूल को पसंद नहीं था कि वह आए दिन छुट्टियों पर रहे. ईशान की सफलता के पीछे उसके माता-पिता, बड़े भाई और दादा का हाथ है. ईशान किशन को एक क्रिकेटर बनाने के लिए हर कदम पर उसके परिवार ने भरपूर साथ दिया. जब नौवीं कक्षा के समय ईशान ने स्कूल की पढ़ाई और क्रिकेट के बीच क्रिकेट का चयन किया तो खुशी-खुशी उसके पेरेंट्स ने उसका पूरा सपोर्ट किया.

यशस्वी ने बताया कि ईशान की सफलता उसकी कड़ी मेहनत का नतीजा है. रांची में जब वह क्रिकेट खेलता था तो एक बहुत छोटा किफायती कमरा रेंट पर रखे हुए था. वहीं खाना और रहना होता था. जब ईशान किशन ने स्कूल छोड़ा तो उसी समय उसका अंडर 16 में सिलेक्शन हुआ. इसके बाद अंडर-19 भारतीय टीम में सिलेक्शन हुआ और वह टीम का कैप्टन बना. फिर विजय हजारे, सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट, रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट इत्यादि विभिन्न मैचों में ढेर सारे रन बनाए. इसी के बलबूते ईशान भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने में सफल हुआ.

यशस्वी ने बताया कि ईशान किशन अपने दोस्तों के लिए एक मेंटर हैं. ईशान ने अपने लाइफ में इतना स्ट्रगल किया है कि वह हमेशा अपने दोस्तों को खूब प्रोत्साहित करते रहता है. अगर किसी दोस्त को जरा भी तनाव होता है या काम का प्रेशर हैंडल करने में तकलीफ होती है तो वह ईशान किशन को फोन कर लेता है और ईशान से बात करने के बाद वह चैन की नींद सोता है. ईशान उनके लिए और सभी दोस्तों के लिए एक इंस्पिरेशन की तरह है.

यशस्वी ने कहा कि भारतीय टीम ने अभी 3 विकेट कीपर बल्लेबाज हैं और तीनों काफी बेहतरीन हैं और इसी के बदौलत वे टीम इंडिया में अपनी जगह बनाए हुए हैं. प्लेइंग इलेवन में टीम किसी को भी खिलाए ईशान सभी के लिए खुश रहते हैं और काफी सपोर्टिव हैं. वह चाहते हैं कि ईशान किशन वर्ल्ड कप के सभी मैच खेलें और सभी मैचों में जिस प्रकार से आईपीएल और अभ्यास मैच में तूफानी पारी खेली है उसी प्रकार की छाप छोड़ने वाली पारी खेलें. वह चाहते हैं कि ईशान लंबे-लंबे छक्के मारते रहें और उसका जश्न वह घर बैठे मनाते रहे.

यह भी पढ़ें- T-20 World Cup: भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर बंटी राय, पाक के खिलाफ आक्रोश के बावजूद मैच के पक्ष में लोग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.