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Black Fungus: फ्रिज, कूलर और AC से भी बढ़ता है ब्लैक फंगस का खतरा, रखें घर की सफाई - क्यों होता है ब्लैक फंगस

पटना: कोरोना का दूसरा लहर अभी कमजोर पड़ना ही शुरू हुआ है कि प्रदेश में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश में अब तक 45 से अधिक ब्लैक फंगस के इंफेक्शन से ग्रसित मरीजों की मौत हो चुकी है.

black fungus
ब्लैक फंगस
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Published : Jun 4, 2021, 7:36 PM IST

Updated : Jun 4, 2021, 8:34 PM IST

पटना: कोरोना का दूसरा लहर अभी कमजोर पड़ना ही शुरू हुआ है कि प्रदेश में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश में अब तक 45 से अधिक ब्लैक फंगस के इंफेक्शन से ग्रसित मरीजों की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- Doctor Advice on Black Fungus: ब्लैक फंगस से डरना नहीं, इन बातों का रखें ध्यान...

फंगस की अगर हम बात करें तो हमारे घर के आस-पास भी काफी फंगस नजर आते हैं. जैसे कि अगर 2 दिन फ्रीज बंद कर देते हैं तो फ्रीज के अंदर फंगस नजर आने लगते हैं. एसी और कूलर में भी कई बार फंगस पनप जाते हैं. घर में बाथरूम के आसपास जहां नमी रहती है वहां भी फंगस पनपते हैं. ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि यह स्थिति कोरोना मरीज या डायबिटीज पेशेंट में ब्लैक फंगस के संक्रमण का खतरा बढ़ा देती है.

देखें रिपोर्ट

इम्यूनिटी लेवल कम होने पर बढ़ता है खतरा
पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने कहा, "फंगस सभी जगह है. यहां तक कि हमारे शरीर में और हमारे वातावरण में फंगस भरे पड़े हैं. ब्लैक फंगस एक तरह का अपॉर्चुनिस्टिक इंफेक्शन है. शरीर का इम्यूनिटी लेवल कम होने पर इसका खतरा काफी बढ़ जाता है. अभी वातावरण में ह्यूमिडिटी काफी ज्यादा है. यह स्थिति फंगस ग्रो करने के लिए काफी अनुकूल है. अभी अगर ब्रेड एक दिन बाहर खुला छूट जाए तो उसमें भी फंगस ग्रो कर जाते हैं."

black fungus
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

खुद से स्टेरॉयड लेना हो सकता है हानिकारक
डॉ. मनोज कुमार ने कहा, "कोरोना महामारी के दौरान लोग आंख बंद कर बिना शुगर नियंत्रित किए स्टेरॉयड यूज करने लगे. इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों का शुगर लेवल बढ़ गया. इसकी वजह से कोमोरबिडिटी कंडीशन (किसी व्यक्ति को एक ही समय में एक से अधिक बीमारियां होना) ज्यादा बढ़ गए. ऐसे में फंगल इन्फेक्शन बढ़ने शुरू हो गए. कोरोना संक्रमितों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ गए हैं. इसे रोकने के लिए कोरोना के इलाज के लिए एक प्रॉपर सिस्टम बनाना चाहिए. सिस्टम ऐसा हो कि कोरोना मरीज को सिर्फ एक फिजीशियन ही ना देखें बल्कि डायबीटीशियन भी देखें और शुगर लेवल जांच करते रहें. रेगुलर बेसिस पर कोरोना मरीज के आंखों की जांच हो. अगर ऐसा होगा तो निश्चित रूप से ब्लैक फंगस के मामले में कमी आएगी."

black fungus
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

"हमारे आसपास फंगस होते हैं. फ्रीज, एसी और कूलर में फंगस हो सकते हैं. जहां नमी और गर्मी होगी वहां फंगस पनप सकता है. ऐसी स्थिति में इंसानों के लिए जानलेवा ब्लैक फंगस भी पनप सकता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि अपने घर के आस-पास सफाई रखें. अगर किसी की ऑक्सीजन थेरेपी चल रही है तो उसके नेबुलाइजर को नियमित अंतराल पर साफ करते रहें."- डॉ. मनोज कुमार, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल, पटना

यह भी पढ़ें- तीसरी लहर की आहट! IGIMS में 8 साल के बच्चे का फेफड़ा 90 प्रतिशत तक संक्रमित, कोरोना रिपोर्ट है निगेटिव

पटना: कोरोना का दूसरा लहर अभी कमजोर पड़ना ही शुरू हुआ है कि प्रदेश में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश में अब तक 45 से अधिक ब्लैक फंगस के इंफेक्शन से ग्रसित मरीजों की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- Doctor Advice on Black Fungus: ब्लैक फंगस से डरना नहीं, इन बातों का रखें ध्यान...

फंगस की अगर हम बात करें तो हमारे घर के आस-पास भी काफी फंगस नजर आते हैं. जैसे कि अगर 2 दिन फ्रीज बंद कर देते हैं तो फ्रीज के अंदर फंगस नजर आने लगते हैं. एसी और कूलर में भी कई बार फंगस पनप जाते हैं. घर में बाथरूम के आसपास जहां नमी रहती है वहां भी फंगस पनपते हैं. ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि यह स्थिति कोरोना मरीज या डायबिटीज पेशेंट में ब्लैक फंगस के संक्रमण का खतरा बढ़ा देती है.

देखें रिपोर्ट

इम्यूनिटी लेवल कम होने पर बढ़ता है खतरा
पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने कहा, "फंगस सभी जगह है. यहां तक कि हमारे शरीर में और हमारे वातावरण में फंगस भरे पड़े हैं. ब्लैक फंगस एक तरह का अपॉर्चुनिस्टिक इंफेक्शन है. शरीर का इम्यूनिटी लेवल कम होने पर इसका खतरा काफी बढ़ जाता है. अभी वातावरण में ह्यूमिडिटी काफी ज्यादा है. यह स्थिति फंगस ग्रो करने के लिए काफी अनुकूल है. अभी अगर ब्रेड एक दिन बाहर खुला छूट जाए तो उसमें भी फंगस ग्रो कर जाते हैं."

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ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

खुद से स्टेरॉयड लेना हो सकता है हानिकारक
डॉ. मनोज कुमार ने कहा, "कोरोना महामारी के दौरान लोग आंख बंद कर बिना शुगर नियंत्रित किए स्टेरॉयड यूज करने लगे. इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों का शुगर लेवल बढ़ गया. इसकी वजह से कोमोरबिडिटी कंडीशन (किसी व्यक्ति को एक ही समय में एक से अधिक बीमारियां होना) ज्यादा बढ़ गए. ऐसे में फंगल इन्फेक्शन बढ़ने शुरू हो गए. कोरोना संक्रमितों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ गए हैं. इसे रोकने के लिए कोरोना के इलाज के लिए एक प्रॉपर सिस्टम बनाना चाहिए. सिस्टम ऐसा हो कि कोरोना मरीज को सिर्फ एक फिजीशियन ही ना देखें बल्कि डायबीटीशियन भी देखें और शुगर लेवल जांच करते रहें. रेगुलर बेसिस पर कोरोना मरीज के आंखों की जांच हो. अगर ऐसा होगा तो निश्चित रूप से ब्लैक फंगस के मामले में कमी आएगी."

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"हमारे आसपास फंगस होते हैं. फ्रीज, एसी और कूलर में फंगस हो सकते हैं. जहां नमी और गर्मी होगी वहां फंगस पनप सकता है. ऐसी स्थिति में इंसानों के लिए जानलेवा ब्लैक फंगस भी पनप सकता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि अपने घर के आस-पास सफाई रखें. अगर किसी की ऑक्सीजन थेरेपी चल रही है तो उसके नेबुलाइजर को नियमित अंतराल पर साफ करते रहें."- डॉ. मनोज कुमार, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल, पटना

यह भी पढ़ें- तीसरी लहर की आहट! IGIMS में 8 साल के बच्चे का फेफड़ा 90 प्रतिशत तक संक्रमित, कोरोना रिपोर्ट है निगेटिव

Last Updated : Jun 4, 2021, 8:34 PM IST
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