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कोरोना टेस्ट में अजब खेल, बिना सैंपल दिए ही मोबाइल पर आ गई जांच रिपोर्ट

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Published : May 10, 2021, 10:27 PM IST

Updated : May 10, 2021, 10:37 PM IST

जानलेवा कोरोना महामारी के कहर के बीच सरकारी तंत्र के गैर जिम्मेदाराना रवैये से लोग परेशान हैं. पटना में कोरोना जांच के फर्जीवाड़े के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिससे ऐसा लग रहा है कि सरकार आंकड़ों की बाजीगरी करते हुए कोरोना जांच के अपने आंकड़ों को दुरुस्त करने में जुटी है. यहां बिना सैंपल लिए ही मोबाइल पर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट जारी हो रही है. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
पटना

पटना: बिहार में संभावित कोरोना मरीजों की जांच में कितनी लापरवाही बरती जा रही है, इसका ताजा मामला राजधानी पटना में देखने को मिला. जहां कोरोना जांच के मामले में फर्जीवाड़ा हो रहा है. इसके शिकार खुद ईटीवी भारत के संवाददाता कृष्ण नंदन हुए हैं.

ये भी पढ़ें- बॉर्डर पर बेटा...पिता की कोरोना से हुई मौत तो समाज ने नकारा, डॉक्टर और मुखिया ने किया अंतिम संस्कार

कोरोना जांच का अजब खेल
दरअसल, ईटीवी भारत के संवाददाता कृष्ण नंदन ने काफी दिनों से कोरोना की किसी प्रकार की कोई जांच नहीं कराई थी. लेकिन, रविवार के दिन उनके मोबाइल पर बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग का मैसेज आता है कि आपने 7 मई को एंटीजन किट के जरिए कोरोना वायरस की जांच कराई है और आपकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है.

बिना सैंपल दिए आ गई रिपोर्ट
बिना सैंपल दिए आ गई रिपोर्ट

बिना सैंपल दिए रिपोर्ट आई निगेटिव
इतना ही नहीं उनके परिवार के सदस्य उनके भाई श्याम नंदन के मोबाइल पर भी इसी प्रकार का एक मैसेज आता है कि उन्होंने 7 मई को कोरोना का जांच कराई है और जांच रिपोर्ट निगेटिव है, जबकि उन्होंने कोई भी जांच नहीं कराई है.

सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
पटना में इस प्रकार की कई मामले सामने आ रहे हैं. एजी कॉलोनी के रहने वाले प्रकाश कुमार ने भी जानकारी दी कि उनके मोबाइल पर भी इस प्रकार का मैसेज आया है कि उन्होंने कोरोना की जांच कराई है और जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि उन्होंने कई महीनों पहले कोरोना की जांच कराई थी. ऐसे में सवाल ये उठने लगा है कि बिना जांच कराए स्वास्थ्य विभाग जांच रिपोर्ट कहां से लाकर दे रहा है.

ये भी पढ़ें- गोपालगंज: लॉकडाउन में नाच-गाना बंद होने पर किन्नरों ने जमकर किया बवाल

कोरोना जांच केंद्रों पर सन्नाटा
बता दें कि प्रदेश में जब से लॉकडाउन लागू हुआ है, कोरोना जांच केंद्रों पर लोगों की भीड़ कम हो गई है. जांच केंद्रों पर ना के बराबर ही लोग पहुंच रहे हैं. फर्स्ट हाफ में ही जितने लोगों को पहुंचना है पहुंच जा रहे हैं. बाकी दिन भर जांच केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहता है. होटल पाटलिपुत्र अशोका में कोरोना जांच केंद्र पर लोगों का हुजूम उमड़ा रहता था, वहां अब गार्डिनर रोड हॉस्पिटल का भी जांच केंद्र शिफ्ट हो गया है, इसके बावजूद यहां लोगों की भीड़ ना के बराबर नजर आ रही है.

सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग

जांच संख्या बढ़ाने की खानापूर्ति
जब जांच केंद्रों पर भीड़ ही नहीं उमड़ रही है, ऐसे में प्रतिदिन सरकार जो एक लाख से अधिक जांच का आंकड़ा दे रही है, कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में आ गया है. जिस प्रकार से बिना जांच कराए जांच रिपोर्ट आ रही है, उससे ये प्रतीत होता है कि जिन लोगों ने पूर्व में कभी कोरोना का जांच कराई है और अपना मोबाइल नंबर दिया है उसी नंबर पर दोबारा से जांच आईडी भेज दिया जा रहा है और जांच संख्या बढ़ाने की खानापूर्ति की जा रही है.

ये भी पढ़ें- बक्सर के गंगा घाट पर लाशों का अंबार, सवाल- कहां से आयीं इतनी लाशें?

''यह मामला प्रथम दृष्टया पोर्टल की गड़बड़ी का प्रतीत हो रहा है और इस बारे में राज्य स्वास्थ्य समिति से ही और अधिक जानकारी मिल सकती है कि ऐसा आखिर क्यों हुआ है. बिना जांच कराए जांच रिपोर्ट आना गंभीर विषय है. मैं अपने स्तर पर पता लगाने का प्रयास करूंगी कि आखिर ऐसा क्यों हुआ.''- डॉ. विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना

पटना: बिहार में संभावित कोरोना मरीजों की जांच में कितनी लापरवाही बरती जा रही है, इसका ताजा मामला राजधानी पटना में देखने को मिला. जहां कोरोना जांच के मामले में फर्जीवाड़ा हो रहा है. इसके शिकार खुद ईटीवी भारत के संवाददाता कृष्ण नंदन हुए हैं.

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कोरोना जांच का अजब खेल
दरअसल, ईटीवी भारत के संवाददाता कृष्ण नंदन ने काफी दिनों से कोरोना की किसी प्रकार की कोई जांच नहीं कराई थी. लेकिन, रविवार के दिन उनके मोबाइल पर बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग का मैसेज आता है कि आपने 7 मई को एंटीजन किट के जरिए कोरोना वायरस की जांच कराई है और आपकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है.

बिना सैंपल दिए आ गई रिपोर्ट
बिना सैंपल दिए आ गई रिपोर्ट

बिना सैंपल दिए रिपोर्ट आई निगेटिव
इतना ही नहीं उनके परिवार के सदस्य उनके भाई श्याम नंदन के मोबाइल पर भी इसी प्रकार का एक मैसेज आता है कि उन्होंने 7 मई को कोरोना का जांच कराई है और जांच रिपोर्ट निगेटिव है, जबकि उन्होंने कोई भी जांच नहीं कराई है.

सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
पटना में इस प्रकार की कई मामले सामने आ रहे हैं. एजी कॉलोनी के रहने वाले प्रकाश कुमार ने भी जानकारी दी कि उनके मोबाइल पर भी इस प्रकार का मैसेज आया है कि उन्होंने कोरोना की जांच कराई है और जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि उन्होंने कई महीनों पहले कोरोना की जांच कराई थी. ऐसे में सवाल ये उठने लगा है कि बिना जांच कराए स्वास्थ्य विभाग जांच रिपोर्ट कहां से लाकर दे रहा है.

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कोरोना जांच केंद्रों पर सन्नाटा
बता दें कि प्रदेश में जब से लॉकडाउन लागू हुआ है, कोरोना जांच केंद्रों पर लोगों की भीड़ कम हो गई है. जांच केंद्रों पर ना के बराबर ही लोग पहुंच रहे हैं. फर्स्ट हाफ में ही जितने लोगों को पहुंचना है पहुंच जा रहे हैं. बाकी दिन भर जांच केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहता है. होटल पाटलिपुत्र अशोका में कोरोना जांच केंद्र पर लोगों का हुजूम उमड़ा रहता था, वहां अब गार्डिनर रोड हॉस्पिटल का भी जांच केंद्र शिफ्ट हो गया है, इसके बावजूद यहां लोगों की भीड़ ना के बराबर नजर आ रही है.

सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग

जांच संख्या बढ़ाने की खानापूर्ति
जब जांच केंद्रों पर भीड़ ही नहीं उमड़ रही है, ऐसे में प्रतिदिन सरकार जो एक लाख से अधिक जांच का आंकड़ा दे रही है, कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में आ गया है. जिस प्रकार से बिना जांच कराए जांच रिपोर्ट आ रही है, उससे ये प्रतीत होता है कि जिन लोगों ने पूर्व में कभी कोरोना का जांच कराई है और अपना मोबाइल नंबर दिया है उसी नंबर पर दोबारा से जांच आईडी भेज दिया जा रहा है और जांच संख्या बढ़ाने की खानापूर्ति की जा रही है.

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''यह मामला प्रथम दृष्टया पोर्टल की गड़बड़ी का प्रतीत हो रहा है और इस बारे में राज्य स्वास्थ्य समिति से ही और अधिक जानकारी मिल सकती है कि ऐसा आखिर क्यों हुआ है. बिना जांच कराए जांच रिपोर्ट आना गंभीर विषय है. मैं अपने स्तर पर पता लगाने का प्रयास करूंगी कि आखिर ऐसा क्यों हुआ.''- डॉ. विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना

Last Updated : May 10, 2021, 10:37 PM IST
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