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राजधानी में रेरा के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे बिल्डर, शिकायत के बाद नींद खुली

एक प्राइवेट कंपनी ने 12 मंजिला अपार्टमेंट में अभी पहली मंजिल का काम भी पूरा नहीं किया है. लेकिन बिल्डर ने छठे मंजिल पर फ्लैट बुकिंग के लिए 45 लाख के लोन में 35 लाख रुपए भी ले लिया है.

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Published : Jul 29, 2019, 8:25 PM IST

पटना

पटना: जिले में एक बिल्डर कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. यह कंपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी के नियमों को ताक पर रख कर अपार्टमेंट का निर्माण किया है. ग्राहक के शिकायत के बाद यह अपार्टमेंट जांच के घेरे में आ गया है.

मामला राजधानी में एम्स के पास का है. यहां एक प्राइवेट कंपनी अपार्टमेंट बना रहा है. अभी यह अपार्टमेंट एक मंजिल भी पूरा तैयार नहीं हुआ है. लेकिन ग्राहकों से 75 प्रतिशत से ज्यादा राशि ले चुका है. बैंक ने लोन भी इसे स्वीकृत कर दिया है. इसके साथ ही इंश्योरेंस कंपनी फ्लैटों का इंश्योरेंस कर ग्राहकों से प्रीमियम भी ऐठ रहा था.

रेरा के सदस्य आरबी सिन्हा का बयान

जांच में दोषी पाया गया
रेरा के सदस्य आरबी सिन्हा ने बताया कि ग्राहक की शिकायत पर रेरा ने जांच करना शुरू कर दिया है. जांच में पाया गया कि 12 मंजिला अपार्टमेंट में अभी पहली मंजिल का काम भी पूरा नहीं हुआ है. लेकिन बिल्डर ने छठे मंजिल पर फ्लैट बुकिंग के लिए 45 लाख के लोन में 35 लाख रुपए ले चुका है.

रेरा ने की कार्रवाई
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेरा के नियमानुसार बिल्डर को ग्राहकों से अधिकतम 30 प्रतिशत की राशि ही लेनी चाहिए. इंश्योरेंस कंपनी ने भी उस फ्लैट का इंश्योरेंस कर दिया है. जो अभी बन कर तैयार ही नहीं हुआ है. बीमा कंपनी प्रीमियम भी वसूल रहा है. रेरा ने कार्रवाई करते इंश्योरेंस कंपनी और बिल्डर को ग्राहक की राशि को लौटाने का आदेश दिया है.

पटना: जिले में एक बिल्डर कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. यह कंपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी के नियमों को ताक पर रख कर अपार्टमेंट का निर्माण किया है. ग्राहक के शिकायत के बाद यह अपार्टमेंट जांच के घेरे में आ गया है.

मामला राजधानी में एम्स के पास का है. यहां एक प्राइवेट कंपनी अपार्टमेंट बना रहा है. अभी यह अपार्टमेंट एक मंजिल भी पूरा तैयार नहीं हुआ है. लेकिन ग्राहकों से 75 प्रतिशत से ज्यादा राशि ले चुका है. बैंक ने लोन भी इसे स्वीकृत कर दिया है. इसके साथ ही इंश्योरेंस कंपनी फ्लैटों का इंश्योरेंस कर ग्राहकों से प्रीमियम भी ऐठ रहा था.

रेरा के सदस्य आरबी सिन्हा का बयान

जांच में दोषी पाया गया
रेरा के सदस्य आरबी सिन्हा ने बताया कि ग्राहक की शिकायत पर रेरा ने जांच करना शुरू कर दिया है. जांच में पाया गया कि 12 मंजिला अपार्टमेंट में अभी पहली मंजिल का काम भी पूरा नहीं हुआ है. लेकिन बिल्डर ने छठे मंजिल पर फ्लैट बुकिंग के लिए 45 लाख के लोन में 35 लाख रुपए ले चुका है.

रेरा ने की कार्रवाई
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेरा के नियमानुसार बिल्डर को ग्राहकों से अधिकतम 30 प्रतिशत की राशि ही लेनी चाहिए. इंश्योरेंस कंपनी ने भी उस फ्लैट का इंश्योरेंस कर दिया है. जो अभी बन कर तैयार ही नहीं हुआ है. बीमा कंपनी प्रीमियम भी वसूल रहा है. रेरा ने कार्रवाई करते इंश्योरेंस कंपनी और बिल्डर को ग्राहक की राशि को लौटाने का आदेश दिया है.

Intro:एंकर बिहार में बिल्डर द्वारा लगातार ग्राहकों को चूना लगाने की खबरें सामने आ रही है जबकि सरकार ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन कर बिल्डर कंपनी पर कई नियम भी लागू किए हैं उसके बावजूद भी बिल्डर बाज नहीं आते हैं और ग्राहकों को धोखाधड़ी करते पकड़े जा रहे हैं ताजा मामला पटना के एम्स के पास का है जहां अभी रियलाइज रियल कॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अपार्टमेंट के अधूरे निर्माण के समय ही ग्राहकों से 75% से ज्यादा राशि ऐंठ लिया था बैंक ने भी लोन स्वीकृत कर दिया था साथ ही इंश्योरेंस कंपनी ने उस फ्लैट का इंश्योरेंस तक कर डाला था


Body: रेरा के सदस्य आर बी सिन्हा ने बताया कि ग्राहक की शिकायत पर रेरा ने जांच करना शुरू किया तो पता चला कि 12 मंजिला अपार्टमेंट में भी पहली मंजिल का काम पूरा नहीं हुआ है लेकिन बिल्डर ने छठे मंजिल पर बुक फ्लाइट के लिए 45 लाख के लोन में से 35 लाख रुपए से अधिक बैंक से लिया है जबकि रेरा के नियमानुसार बिल्डर को अधिकतम 30 प्रतिशत की राशि ही लेनी चाहिए थी जांच में यह भी पाया गया कि इंश्योरेंस कंपनी ने भी उस फ्लैट का इंश्योरेंस कर दिया था जो अभी बन कर तैयार भी नहीं हुआ था और बीमा कंपनी प्रीमियम भी वसूल कर रहा था


Conclusion:रेरा ने कार्रवाई करते हुए ग्राहक को तुरंत राहत दिया और इंश्योरेंस कंपनी को सबसे पहले आदेश दिया कि उसके राशि लौटा दिया जाए साथ ही बैंक ने भी बिल्डर में कार्रवाई सुरु कर दिया है साथ ही रेरा के चेतावनी के बाद बिल्डर कंपनी ने ग्राहक के पैसे लौटा दिया है फिलहाल ग्राहक को रेरा के कार्रवाई से तो राहत जरूर मिल है लेकिन ये सवाल जरूर उठ रहा है कि तमाम कानून और नियम की धज्जी बैंक और इंसयोरेन्स कंपनी किस तरह उड़ा रहे हैं पी टी सी कुंदन कुमार पटना
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