पटना: राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में फोर्थ ग्रेड (चतुर्थ वर्गीय) कर्मियों को प्रजाइडिंग ऑफिसर नहीं बनाया जाएगा. इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिया है. आयोग ने पत्र में कहा है किसी भी स्थिति में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को पीठासीन पदाधिकारी नहीं बनाया जाए. आयोग ने पीठासीन अधिकारी, मतदान कर्मियों और गश्ती दल दंडाधिकारी सह संगठन दल के मतदान केंद्रों पर तैनाती का मानक निर्धारित कर दिए हैं.
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मतदान पदाधिकारी का चयन वेतनमान के आधार पर
चुनाव में कार्य करने वाले कर्मियों की तैनाती राज निर्वाचन आयोग द्वारा तय मानक के आधार पर ही की जाएगी. आयोग ने निर्देश दिया है कि पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी का वर्गीकरण उनके पद, रैंक या वेतनमान के आधार पर किया जाना चाहिए. पीठासीन पदाधिकारी के रूप में वैसे व्यक्तियों की प्रतिनियुक्ति होनी चाहिए जो अन्य मतदान अधिकारियों से उच्चतर वेतनमान श्रेणी के व्यक्ति हैं.
समान विभाग से दो अधिकारी नहीं होंगे एक बूथ पर
आयोग ने निर्देश दिए हैं कि पंचायत चुनाव में तैनात कर्मी गृह और कार्यक्षेत्र प्रखंड के निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी हाल में तैनात ना हो. मतदान दल के दो कर्मी एक ही विभाग से ना हो इस विषय पर भी गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. खासतौर से पीठासीन अधिकारी और प्रथम मतदान अधिकारी समान विभाग से नहीं होने चाहिए.
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मतदान अधिकारियों का चयन रैंडम आधार पर होगा तय
आयोग के अनुसार प्रत्येक मतदान दल के मतदान अधिकारियों का चयन रैंडम आधार पर किया जाना चाहिए. आयोग ने निर्देश दिया है कि मतदान दल की तैनाती भी मतदान केंद्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर किया जाए. प्रत्येक मतदान कर्मी को उनके वास्तविक मतदान केंद्र की जानकारी उसके मतदान केंद्र के लिए रवाना होने के कुछ समय पूर्व दी जाए.
गौरतलब है कि राज्य में तकलीफ हुई 2 लाख 90 हजार पदों पर पंचायत चुनाव होने हैं. चुनाव कार्य में वही मतदान कर्मी तैनात होंगे जो विधानसभा या लोकसभा चुनाव में तैनात रहते हैं.