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4 महीने में 404 दुष्कर्म, 874 मर्डर, कहां है बिहार का लॉ एंड ऑर्डर? - police at work

बिहार में चार महीनों में हत्या के कुल 874 मामले सामने आए हैं. अपहरण, लूट और चोरी की वारदातों के आंकड़ें इससे कई ज्यादा हैं. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार की क्राइम रिपोर्ट
बिहार की क्राइम रिपोर्ट
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Published : Jun 28, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 2:56 PM IST

पटना: बिहार में इन दिनों क्राइम ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. लॉ एंड ऑर्डर बुरी तरह से चरमराया हुआ है. बिहार में लूट, हत्या जैसी घटनाएं आए दिन सामने आ रही है और इन मामलों में पुलिस की कार्रवाई कई सवालिया निशान खड़े कर रही है.

बात करे पटना पंजाब नेशनल बैंक में हुई डकैती की, तो पुलिस अभी तक बैंक रॉबरी में शामिल अपराधियों से कोसो दूर नजर आ रही है. वहीं, बढ़ें हुए क्राइम ग्राफ को लेकर लोगों का मानना है कि बेरोजगारी बढ़ने की वजह से ऐसा हो रहा है. पटना वासियों का कहना है कि पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. इस वजह से भ्रष्टाचार और अपराध दोनों ही बढ़ता जा रहा है. कुछ युवाओं का कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने गृह जिला नालंदा को नहीं बचा पा रहे हैं, तो बिहार को कैसे बचा पाएंगे.

जनवरी से अप्रैल तक क्राइम (2019 के आंकड़े (सोर्स : वेबसाइट, बिहार पुलिस मुख्यालय)
जनवरी से अप्रैल तक क्राइम (सोर्स : वेबसाइट, बिहार पुलिस मुख्यालय)

अप्रैल की क्राइम रिपोर्ट
बिहार पुलिस मुख्यालय ने अप्रैल तक की रिपोर्ट जारी की है. अप्रैल में जहां देशभर में लॉकडाउन लागू था. वहीं, बिहार में क्राइम की घटनाएं घटती नजर नहीं आईं. हालांकि, मामले जरूर कम हुए.

पटना वासियों की प्रतिक्रिया
  • पुलिस मुख्यालय के क्राइम ग्राफ के मुताबिक अप्रैल 2020 में कुल 177 हत्या हुई हैं.
  • पांच डकैती हुई हैं और 56 रॉबरी हुई है.
  • 1 हजार 168 चोरी के मामले दर्ज हुए हैं.

यह भी पढ़ें- शौच के लिए गई दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म, एक आरोपी गिरफ्तार

  • 929 दंगे हुए हैं, तो अपहरण के कुल 197 मामले दर्ज हुआ हैं.
  • बात करें दुष्कर्म की, तो कुल 82 मामले दर्ज किए गए हैं.
  • सड़क पर डकैती के तीन मामले दर्ज किए गए हैं तो बैंक रॉबरी का एक मामला दर्ज हुआ है.

जनवरी से अप्रैल तक की रिपोर्ट
जनवरी से अप्रैल तक की जारी रिपोर्ट के अनुसार, 'प्रदेश में चार महीने में कुल 874 हत्याएं हुई हैं. 9 हजार 356 चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है. दूसरी ओर दुष्कर्म के कुल 404 मामले दर्ज किए गए हैं.

क्राइम की खबरों के लिए क्लिक करें- 'क्राइम इन बिहार'

  • पुलिस के लाख दावों के बाद भी क्राइम पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है. कुछ युवाओं का मानना है कि 2005 से पहले की तुलना में अभी बिहार में अपराध कम हुआ है.
  • बात करें, 2019 के आंकड़ों की, तो बिहार में पिछले साल हत्या के कुल 3 हजार 138 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं अपहरण के 10 हजार 925, चोरी के 34 हजार 970 और दुष्कर्म के 1 हजार 450 मामले दर्ज किए गए.

पटना: बिहार में इन दिनों क्राइम ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. लॉ एंड ऑर्डर बुरी तरह से चरमराया हुआ है. बिहार में लूट, हत्या जैसी घटनाएं आए दिन सामने आ रही है और इन मामलों में पुलिस की कार्रवाई कई सवालिया निशान खड़े कर रही है.

बात करे पटना पंजाब नेशनल बैंक में हुई डकैती की, तो पुलिस अभी तक बैंक रॉबरी में शामिल अपराधियों से कोसो दूर नजर आ रही है. वहीं, बढ़ें हुए क्राइम ग्राफ को लेकर लोगों का मानना है कि बेरोजगारी बढ़ने की वजह से ऐसा हो रहा है. पटना वासियों का कहना है कि पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. इस वजह से भ्रष्टाचार और अपराध दोनों ही बढ़ता जा रहा है. कुछ युवाओं का कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने गृह जिला नालंदा को नहीं बचा पा रहे हैं, तो बिहार को कैसे बचा पाएंगे.

जनवरी से अप्रैल तक क्राइम (2019 के आंकड़े (सोर्स : वेबसाइट, बिहार पुलिस मुख्यालय)
जनवरी से अप्रैल तक क्राइम (सोर्स : वेबसाइट, बिहार पुलिस मुख्यालय)

अप्रैल की क्राइम रिपोर्ट
बिहार पुलिस मुख्यालय ने अप्रैल तक की रिपोर्ट जारी की है. अप्रैल में जहां देशभर में लॉकडाउन लागू था. वहीं, बिहार में क्राइम की घटनाएं घटती नजर नहीं आईं. हालांकि, मामले जरूर कम हुए.

पटना वासियों की प्रतिक्रिया
  • पुलिस मुख्यालय के क्राइम ग्राफ के मुताबिक अप्रैल 2020 में कुल 177 हत्या हुई हैं.
  • पांच डकैती हुई हैं और 56 रॉबरी हुई है.
  • 1 हजार 168 चोरी के मामले दर्ज हुए हैं.

यह भी पढ़ें- शौच के लिए गई दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म, एक आरोपी गिरफ्तार

  • 929 दंगे हुए हैं, तो अपहरण के कुल 197 मामले दर्ज हुआ हैं.
  • बात करें दुष्कर्म की, तो कुल 82 मामले दर्ज किए गए हैं.
  • सड़क पर डकैती के तीन मामले दर्ज किए गए हैं तो बैंक रॉबरी का एक मामला दर्ज हुआ है.

जनवरी से अप्रैल तक की रिपोर्ट
जनवरी से अप्रैल तक की जारी रिपोर्ट के अनुसार, 'प्रदेश में चार महीने में कुल 874 हत्याएं हुई हैं. 9 हजार 356 चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है. दूसरी ओर दुष्कर्म के कुल 404 मामले दर्ज किए गए हैं.

क्राइम की खबरों के लिए क्लिक करें- 'क्राइम इन बिहार'

  • पुलिस के लाख दावों के बाद भी क्राइम पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है. कुछ युवाओं का मानना है कि 2005 से पहले की तुलना में अभी बिहार में अपराध कम हुआ है.
  • बात करें, 2019 के आंकड़ों की, तो बिहार में पिछले साल हत्या के कुल 3 हजार 138 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं अपहरण के 10 हजार 925, चोरी के 34 हजार 970 और दुष्कर्म के 1 हजार 450 मामले दर्ज किए गए.
Last Updated : Jun 29, 2020, 2:56 PM IST
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