पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्ष व्यवस्था पर लाख बातें कर लें. तमाम योजनाएं लागू कर लें. लेकिन नतीजा धाक के तीन पात साबित हो रहे हैं. प्रदेश सरकार के शिक्षा व्यवस्था की कलई खुद सरकारी विद्यालय ही खोल रहे हैं. प्रदेश में सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रकर के दावे जमीन पर कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.राजधानी पटना में ही कई स्कूल ऐसे हैं जहां एक स्कूल के भवन में 4 से 5 स्कूलों की कक्षाएं चल रहे हैं.
पटना के विकास के क्रम में कई विभिन्न इलाकों के सरकारी स्कूल भवन को तोड़कर वहां कुछ अलग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है. वहां चल रहे स्कूल को दूसरे स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है. ऐसा ही एक स्कूल है पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज. इस विद्यालय में एक-दो नहीं बल्कि कुल 4 शिक्षण संस्थाएं चलती हैं. जिसमें 3 सरकारी विद्यालय और एक पुनर्वास केंद्र का संचालन हो रहा है.
कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज में चलती हैं 4 शिक्षण संस्थाएं
कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज के भवन में 4 शिक्षण संस्थाएं चलती है. ऐसे में इन सभी संस्थानों के सुचारू और सहज संचालन के लिए एक शिक्षक को को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है और पद का नाम संकुल समन्वयक दिया गया है. विद्यालय के संकुल समन्वयक राजेश कुमार दुबे ने बताया कि यह पूरा भवन कन्या माध्य विद्यालय अदालतगंज का है और यहां इस स्कूल के अलावे जेडी बालिका उच्च विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय गोलघर अंचल और विकलांग पुनर्वास केंद्र का संचालन होता है.
उन्होंने बताया कि विद्यालय का भवन दो ब्लॉक मे बना हुआ है ऐसे में दोनों ब्लॉक को अलग-अलग स्कूलों के लिए बांट दिया गया है. अलग-अलग शिफ्ट में स्कूलों का संचालन होता है. जिसमें उच्च विद्यालय मॉर्निंग शिफ्ट में चलता है, जबकि प्राथमिक और मध्य विद्यालय डे शिफ्ट में चलता है. उन्होंने बताया कि तीनों विद्यालय में 400 से अधिक छात्र हैं और विकलांग पुनर्वास केंद्र में भी 100 के लगभग छात्रों की संख्या है.
'इस पूरे विद्यालय के भवन में दो ब्लॉक में कुल 42 कमरे हैं और सभी में कक्षाओं का संचालन होता है. सभी स्कूलों का संचालन सही से हो जाता है. लेकिन कई बार विद्यालय भवन में पुलिसकर्मियों का ठहराव हो जाता है. ऐसा अमूमन साल में एक से दो बार होता है. विद्यालय भवन में पुलिसकर्मियों के ठहराव से स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित होती है'.- राजेश कुमार दुबे, संकुल समन्वयक