ETV Bharat / state

BJP foundation day: 13 प्रदेश अध्यक्ष और 4 संगठन महा मंत्रियों ने BJP को सींचा, सुशील मोदी साबित हुए गेम चेंजर

author img

By

Published : Apr 6, 2023, 10:41 PM IST

भाजपा का 44वां स्थापना दिवस (BJP 44th foundation day) बिहार में धूमधाम से मनाया जा रहा है. अब तक 13 प्रदेश अध्यक्ष बिहार में हुए और कई वरिष्ठ नेताओं ने इसे आज बिहार में इस मुकाम तक पहुंचाने में अपना योगदान दिया. इसमें सबसे अहम योगदान बिहार भाजपा के पितामह कहे जाने वाले कैलाशपित मिश्र का है. पढ़ें पूरी खबर..

Etv Bharat
Etv Bharat
बिहार में भाजपा का 44वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है

पटना: भाजपा 44वां स्थापना दिवस (Foundation day of BJP in Bihar) मना रही है. बिहार भाजपा भी स्थापना दिवस समारोह को बड़े ही धूमधाम से मना रही है. भाजपा को बिहार के अंदर शून्य से शिखर तक पहुंचाने में कई नेताओं ने भूमिका निभाई. प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर 13 नेताओं ने अपना कार्यकाल पूरा किया. भारतीय जनता पार्टी 43 साल की हो चुकी है. अप्रैल 1980 में स्थापना के बाद भाजपा ने कई उतार-चढ़ाव देखे. दोहरी सदस्यता के सवाल पर भाजपा अलग पार्टी के रूप में अस्तित्व में आई. बिहार में भी भाजपा ने लंबे संघर्ष के बाद जगह बनाई.

ये भी पढ़ेंः Bihar BJP: सम्राट चौधरी ने संभाली बिहार बीजेपी की कमान, कहा- मैं नीतीश का नाम भी नहीं लेना चाहता


कैलाशपति मिश्र बिहार भाजपा के पितामहः कैलाशपति मिश्र बिहार भाजपा के पितामह कहे जाते हैं. कैलाशपति मिश्र के प्रयासों से ही पार्टी ने मुकाम हासिल किया है. कैलाशपति मिश्र भाजपा की स्थापना काल से ही पार्टी के बिहार के अंदर कर्ताधर्ता थे. तमाम फैसले कैलाशपति मिश्र ही लिया करते थे. भाजपा के अंदर जो बड़े नेताओं की फौज बिहार में दिख रही है, वह कैलाशपति मिश्र के ऊपर माने जाते हैं. कैलाशपति मिश्र पार्टी और संगठन दोनों की जिम्मेदारी संभालते थे.

सुशील मोदी ने पार्टी को दी नई ऊंचाईः कैलाशपति मिश्र के बाद दूसरे कद्दावर नेता के रूप में सुशील मोदी की ख्याति दल में थी. सुशील मोदी भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इनकी अध्यक्षता में भी बिहार के अंदर भाजपा को सत्ता में जगह मिली थी. प्रदेश के वरिष्ठ में नेताओं में अश्विनी कुमार, यशवंत सिन्हा, सुशील मोदी, इंदर सिंह नामधारी, नंदकिशोर यादव, राधा मोहन सिंह, नित्यानंद राय, मंगल पांडे, डॉ सीपी ठाकुर और संजय जयसवाल सरीखे नेताओं का नाम शामिल है. पार्टी ने अब सम्राट चौधरी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी दी है. सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के 14 वें प्रदेश अध्यक्ष हैं.

सीपी ठाकुर के कार्यकाल में पार्टी ने किया ऐतिहासिक प्रदर्शनः डॉ सीपी ठाकुर के कार्यकाल में पार्टी ने ऊंचाई हासिल की थी. 2010 के चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था और पार्टी को 91 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. पार्टी ने 102 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. नित्यानंद राय का नाम भी सफल अध्यक्ष की सूची में शामिल है. नित्यानंद राय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इनके कार्यकाल में लोकसभा चुनाव में 40 में से 39 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी. बेहतर परफॉर्म करने के चलते बाद में नित्यानंद राय को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली.

तीन प्रदेश अध्यक्षों को मिला दो कार्यकालः भाजपा में वैसे तो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर एक ही कार्यकाल मिलता है, लेकिन अपवाद स्वरूप कुछ नेताओं को दो कार्यकाल मिले हैं. मिसाल के तौर पर कैलाशपति मिश्र, राधा मोहन सिंह और नंदकिशोर यादव को दो कार्यकाल मिले हैं. भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि हमारी पार्टी में अब तक 14 प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं. हर प्रदेश अध्यक्ष ने अपने अपने तरीके से परिस्थितियों के हिसाब से पार्टी को आगे बढ़ाया. दोहरी सदस्यता के मसले पर हम अलग हुए थे और पार्टी का गठन किया गया था. भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में एक ही कसक है कि पार्टी का कार्यकर्ता अब तक मुख्यमंत्री नहीं बना है, लेकिन जल्द ही इस ख्वाब को भी हम सच कर लेंगे.

"हमारी पार्टी में अब तक 14 प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं. हर प्रदेश अध्यक्ष ने अपने अपने तरीके से परिस्थितियों के हिसाब से पार्टी को आगे बढ़ाया. दोहरी सदस्यता के मसले पर हम अलग हुए थे और पार्टी का गठन किया गया था. भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में एक ही कसक है कि पार्टी का कार्यकर्ता अब तक मुख्यमंत्री नहीं बना है, लेकिन जल्द ही इस ख्वाब को भी हम सच कर लेंगे" - संजय टाइगर, प्रवक्ता, बीजेपी

सुशील मोदी बेहतर रणनीतिकारः भाजपा नेता और विधान पार्षद अनुज शर्मा का मानना है कि कैलाशपति मिश्र के नेतृत्व में पार्टी को मजबूती मिली, सुशील मोदी पार्टी के अंदर रणनीतिकार के रूप में उभरे, तो कई नेताओं ने अपने खून पसीने से पार्टी को सींचा है. भाजपा नेता ने कहा कि सुशील मोदी के नेतृत्व में ही पार्टी को सत्ता हासिल हुई. हालांकि योगदान कई नेताओं का रहा. किसी को कम कर नहीं आंका जा सकता है.

बिहार में भाजपा का 44वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है

पटना: भाजपा 44वां स्थापना दिवस (Foundation day of BJP in Bihar) मना रही है. बिहार भाजपा भी स्थापना दिवस समारोह को बड़े ही धूमधाम से मना रही है. भाजपा को बिहार के अंदर शून्य से शिखर तक पहुंचाने में कई नेताओं ने भूमिका निभाई. प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर 13 नेताओं ने अपना कार्यकाल पूरा किया. भारतीय जनता पार्टी 43 साल की हो चुकी है. अप्रैल 1980 में स्थापना के बाद भाजपा ने कई उतार-चढ़ाव देखे. दोहरी सदस्यता के सवाल पर भाजपा अलग पार्टी के रूप में अस्तित्व में आई. बिहार में भी भाजपा ने लंबे संघर्ष के बाद जगह बनाई.

ये भी पढ़ेंः Bihar BJP: सम्राट चौधरी ने संभाली बिहार बीजेपी की कमान, कहा- मैं नीतीश का नाम भी नहीं लेना चाहता


कैलाशपति मिश्र बिहार भाजपा के पितामहः कैलाशपति मिश्र बिहार भाजपा के पितामह कहे जाते हैं. कैलाशपति मिश्र के प्रयासों से ही पार्टी ने मुकाम हासिल किया है. कैलाशपति मिश्र भाजपा की स्थापना काल से ही पार्टी के बिहार के अंदर कर्ताधर्ता थे. तमाम फैसले कैलाशपति मिश्र ही लिया करते थे. भाजपा के अंदर जो बड़े नेताओं की फौज बिहार में दिख रही है, वह कैलाशपति मिश्र के ऊपर माने जाते हैं. कैलाशपति मिश्र पार्टी और संगठन दोनों की जिम्मेदारी संभालते थे.

सुशील मोदी ने पार्टी को दी नई ऊंचाईः कैलाशपति मिश्र के बाद दूसरे कद्दावर नेता के रूप में सुशील मोदी की ख्याति दल में थी. सुशील मोदी भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इनकी अध्यक्षता में भी बिहार के अंदर भाजपा को सत्ता में जगह मिली थी. प्रदेश के वरिष्ठ में नेताओं में अश्विनी कुमार, यशवंत सिन्हा, सुशील मोदी, इंदर सिंह नामधारी, नंदकिशोर यादव, राधा मोहन सिंह, नित्यानंद राय, मंगल पांडे, डॉ सीपी ठाकुर और संजय जयसवाल सरीखे नेताओं का नाम शामिल है. पार्टी ने अब सम्राट चौधरी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी दी है. सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के 14 वें प्रदेश अध्यक्ष हैं.

सीपी ठाकुर के कार्यकाल में पार्टी ने किया ऐतिहासिक प्रदर्शनः डॉ सीपी ठाकुर के कार्यकाल में पार्टी ने ऊंचाई हासिल की थी. 2010 के चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था और पार्टी को 91 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. पार्टी ने 102 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. नित्यानंद राय का नाम भी सफल अध्यक्ष की सूची में शामिल है. नित्यानंद राय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इनके कार्यकाल में लोकसभा चुनाव में 40 में से 39 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी. बेहतर परफॉर्म करने के चलते बाद में नित्यानंद राय को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली.

तीन प्रदेश अध्यक्षों को मिला दो कार्यकालः भाजपा में वैसे तो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर एक ही कार्यकाल मिलता है, लेकिन अपवाद स्वरूप कुछ नेताओं को दो कार्यकाल मिले हैं. मिसाल के तौर पर कैलाशपति मिश्र, राधा मोहन सिंह और नंदकिशोर यादव को दो कार्यकाल मिले हैं. भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि हमारी पार्टी में अब तक 14 प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं. हर प्रदेश अध्यक्ष ने अपने अपने तरीके से परिस्थितियों के हिसाब से पार्टी को आगे बढ़ाया. दोहरी सदस्यता के मसले पर हम अलग हुए थे और पार्टी का गठन किया गया था. भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में एक ही कसक है कि पार्टी का कार्यकर्ता अब तक मुख्यमंत्री नहीं बना है, लेकिन जल्द ही इस ख्वाब को भी हम सच कर लेंगे.

"हमारी पार्टी में अब तक 14 प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं. हर प्रदेश अध्यक्ष ने अपने अपने तरीके से परिस्थितियों के हिसाब से पार्टी को आगे बढ़ाया. दोहरी सदस्यता के मसले पर हम अलग हुए थे और पार्टी का गठन किया गया था. भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में एक ही कसक है कि पार्टी का कार्यकर्ता अब तक मुख्यमंत्री नहीं बना है, लेकिन जल्द ही इस ख्वाब को भी हम सच कर लेंगे" - संजय टाइगर, प्रवक्ता, बीजेपी

सुशील मोदी बेहतर रणनीतिकारः भाजपा नेता और विधान पार्षद अनुज शर्मा का मानना है कि कैलाशपति मिश्र के नेतृत्व में पार्टी को मजबूती मिली, सुशील मोदी पार्टी के अंदर रणनीतिकार के रूप में उभरे, तो कई नेताओं ने अपने खून पसीने से पार्टी को सींचा है. भाजपा नेता ने कहा कि सुशील मोदी के नेतृत्व में ही पार्टी को सत्ता हासिल हुई. हालांकि योगदान कई नेताओं का रहा. किसी को कम कर नहीं आंका जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.