पटना/अलीगढ़: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के तिलिस्म में फंस गए हैं. बिहार जंगल राज की तरफ बढ़ रहा है. नीतीश कुमार राजनीति में शून्यता की ओर बढ़ रहे हैं. यानि उनके राजनीतिक जीवन का सूर्यास्त संभव है. अगर वह उत्तर प्रदेश में आते हैं, तो उनके जीवन की सबसे बड़ी हार यूपी में होगी. जिले में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह में पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा(Former Deputy CM Dinesh Sharma) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं.
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पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कहा कि उन्होंने परिवार जोड़ो कार्यक्रम चलाया है. पहले मोतीलाल नहेरू उसके बाद जवाहर लाल नहेरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी से लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक. इनके बाद कोई और होगा, परिवार जोड़ो कार्यक्रम अच्छे से चल रहा है. लेकिन, अब तक पार्टी कांग्रेस जोड़ों के कार्यक्रम को नहीं चला पाए. वह देश को जोड़ने का काम क्या ही करेंगे.
वहीं, उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन उत्तराखंड की भाजपा सरकार हो या यूपी की योगी सरकार हो, जीरो टोलरेंस की नीति पर सरकार चल रही है. कठोर से कठोर कार्रवाई होगी. वहीं, दिग्विजय सिंह द्वारा मोहन भागवत के मस्जिद में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह एक ऐसे सद्पुरुष हैं. जिनके मानसिक संतुलन का समुचित उपचार समय-समय पर होता रहता है. कभी पराजय के रूप में, कभी उनकी पार्टी में उनको निगलेट करके.
पारिवारिक रूप में दिग्विजय सिंह को आज की राजनीति में कोई गंभीरता से नहीं लेता है. मैं समझता हूं कि उन्हें बीजेपी और जनसंघ को अच्छी तरीके से जानने की जरूरत है. संघ में पहले से ही मुस्लिम मंच है और मुस्लिम लोग राष्ट्रीय सेवा में समर्पित है. जो पार्टी के साथ काम कर रहे हैं. बीजेपी में भी अल्पसंख्यक मोर्चा है. जो काम कर रहा है. बीजेपी किसी जाति और धर्म की विरोधी पार्टी नहीं है.