पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा रविवार को पटना एयरपोर्ट पहुंचे. जहां कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. यशवंत सिन्हा के साथ पूर्व सांसद नागमणि भी अपने समर्थोकों के साथ मौजूद रहे. बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बिहार के की वरीय नेताओं के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे के गठन को ऐलान किया है. इसको लेकर बीते दिनों उन्होंने कहा था कि 'हम तीसरे विकल्प की तैयारी कर रहे हैं और बिहार की जनता भी किसी तीसरे विकल्प का ही इंतजार कर रही है'.
'हम मुद्दे और मूल्यों की राजनीति करने वाले'
मौके पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम मुद्दे और मूल्यों की राजनीति करने वाले सभी जनप्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं. बिहार की अस्मिता को बचाने के लिए छोटे-छोटे दलों को एकजुट किया जा रहा है. जिससे प्रदेश की खोयी हुई अस्मिता को वापस लाया जाए.
विधानसभा चुनाव की तैयारी
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता यशवंत सिन्हा हार विधानसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर से सक्रिय नजर आ रहे हैं. वे ऐसे दलों को मिलाकर तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जो एनडीए और महागठबंधन को टक्कर दे सके. इसके लिए उन्होंने तीसरे मोर्चे का ब्लू प्रिंट भी तैयार किया है. उनके मोर्चे में एनडीए और गैर महागठबंधन के कई वैसे नेता शामिल हैं. जो पार्टी में हाशिए पर चल रहे हैं. यशवंत सिन्हा के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव,पूर्व सांसद नागमणि,पूर्व सांसद अरुण कुमार, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह जैसे कई सरीखे नेता हैं.
![पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/br-pat-04-purvkendriyamantriyashawantsinhapahunchepatna-pkg-bh10040_05072020192306_0507f_02481_310.jpg)
केंद्र और सीएम नीतीश पर साधा था निशाना
वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने बीते दिनों ही तीसरे मोर्चे का ऐलान किया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा चुनाव लड़ेगा और इसका मुख्य उद्देश्य मौजूदा सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकना होगा.' उन्होंने कहा था कि इस धर्मयुद्ध में जो उनके साथ आना चाहते हैं. उनका स्वागत वे खुले दिल से करेगें. पूर्व मंत्री ने बिहार सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला था. राज्य की बदतर स्थिति के लिए राजग सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा था कि लगभग 15 सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद विकास नहीं हो पाया. यह शर्मनाक है.