पटना: बिहार में दूसरे दलों के नेताओं का जनता दल यूनाइटेड में ज्वाइन करने का सिलसिला जारी है. आज कांग्रेस के पूर्व एमएलसी राजेश राम (Former MLC Rajesh Ram) और राजद से नाराज पूर्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी (Former Minister Muneshwar Choudhary) अपने समर्थकों के साथ जदयू में शामिल हो गए. जदयू प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित पार्टी के अन्य नेताओं की मौजूदगी में इन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.
यह भी पढ़ें - सब्जी उत्पादक सहकारी समिति के सैकड़ों सदस्य JDU में शामिल, कुशवाहा बोले- पार्टी होगी और मजबूत
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Election) के नतीजे आने के बाद से ही जदयू (JDU) अपने संगठन विस्तार करने की कवायद में जुट गया है. ऐसे में जदयू सवर्ण और दलित वोट बैंक पर फोकस कर रही है. राजेश राम को पार्टी में शामिल कर जदयू दलितों को साधने की कोशिश करेगी. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. बिहार में जदयू तीसरे पायदान पर आ गई है.
राजेश राम 2020 में विधानसभा में कांग्रस की टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. राजेश राम कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्णमासी राम के भाई हैं और इनके परिवार की चंपारण की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है. राजेश राम का कहना है कि सीएम नीतीश विकास की बात करते हैं तो उसे निभाकर दिखाते भी है. लेकिन अन्य पार्टियां विकास के नाम पर सिर्फ राजनीति करती हैं. उन्हें विकास से कोई मतलब नहीं होता है. नीतीश कुमार की विकास के कार्य से प्रभावित होकर जदयू में शामिल होने का फैसला किया है. पार्टी में शामिल होकर नीतीश के विकास कार्य को ओर रफ्तार देने का कार्य करेंगे.
बता दें कि राजेश राम का हाल ही में 16 जुलाई को विधान परिषद का कार्यकाल समाप्त हुआ है. लोकल बॉडी से चुनकर कांग्रेस की टिकट पर विधान परिषद पहुंचे थे, लेकिन पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण लोकल बॉडी से विधान परिषद सीट के लिए चुनाव भी फिलहाल स्थगित है. इसके कारण लोकल बॉडी से चुने हुए सभी 24 सीट विधान परिषद में फिलहाल खाली है. कांग्रेस के पूर्व एमएलसी अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के लिए काम करेंगे.
राजेश राम के अलावा आज पूर्व राजद विधायक मुनेश्वर चौधरी भी जदयू में शामिल होंगे. पार्टी कार्यालय में दोपहर 2 बजे मिलन समारोह रखा गया है. मुनेश्वर चौधरी की पहचान सारण में राजद के दिग्गज नेता के रूप में रही है. पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के सहयोगी के तौर पर लगातार उन्होंने लंबा राजनीतिक सफर तय किया है. छपरा जिला के गड़खा विधानसभा सुरक्षित सीट से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं और दो बार बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
बीते साल 2020 में विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. जिस वजह से मुनेश्वर चौधरी 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान जन अधिकार पार्टी में शामिल हो गए थे और उन्होंने जाप की टिकट पर चुनाव भी लड़ा, लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे थे. अब मुनेश्वर चौधरी ने अपनी आगे की राजनीति को पटरी पर लाने के लिए जनता दल यूनाइटेड में शामिल होने का फैसला किया है.
यह भी पढ़ें - 'घर वापसी' चाहते हैं JDU के बागी, कर रहे CM नीतीश के ग्रीन सिग्नल का इंतजार