पटना: जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव और पूर्व राजद विधान पार्षद रविन्द्र तांती की शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया. वे पटना एम्स में 10 दिनों से भर्ती थे. कुछ दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था.
रविन्द्र तांती के निधन पर सीएम नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि तांती ने पार्टी की जिम्मेदारी का बेहतर से निर्वहन किया है. राजनीतिक जगत के साथ-साथ जदयू को अपूरणीय क्षति हुई है.

तांती के निधन पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए शोक व्यक्त किया है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'राजद से दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे श्री रविन्द्र तांती जी के असामयिक निधन से आहत हूं. कोरोना संक्रमित होने से कुछ समय पूर्व वो अपने प्रबुद्ध साथियों के साथ हमसे मिले थे. ईश्वर शोक-संतप्त परिजनो को दुख सहने की शक्ति और दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.'
राबड़ी को सीएम बनाने के लिए दे दिया था इस्तीफा
- रविन्द्र तांती राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी माने जाते थे.
- लालू ने ही उन्हें 1996 में पहली बार एमएलसी बनाया था.
- इसके बाद 1997 में राबड़ी देवी को सीएम बनाने के लिए तांती ने अपनी एमएलसी सीट से त्यागपत्र दे दिया. ताकि राबड़ी एमएलसी बन सकें.
- रविन्द्र तांती वर्तमान में वे जेडीयू के प्रदेश महासचिव थे.
- वे बिहार राज्य अति पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष भी रहे.
- पटना के फतुहा स्थित मकसुदपुर के निवासी थे तांती.
- उनके निधन से जेडीयू में शोक व्याप्त है.
राजद से दो बार एमएलसी रहे तांती
1997 में राबड़ी देवी को किसी भी सदन की सदस्य नहीं थीं. लिहाजा, नियत अवधि के भीतर उन्हें राज्य के दोनों सदनों में से एक का सदस्य होना संवैधानिक जरूरत थी. इसे देखते हुए रविन्द्र तांती आगे आए और उन्होंने अपनी सीट से त्यागपत्र देकर राबड़ी देवी को एमएलसी बना दिया. इसके बाद वे 1998 में एक बार फिर एमएलसी बने और 2004 तक राजद से एमएलसी रहे.