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पटना: पूर्व मंत्री तुलसीदास मेहता का 94 साल की उम्र में निधन, RJD नेताओं ने दी श्रद्धांजलि - patna latest news

पूर्व मंत्री तुलसी दास मेहता का निधन गुरुवार को पटना आवास पर 94 साल की उम्र में हो गया. उनकी मौत के बाद राजद नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

श्रद्धांजली देते तेजस्वी यादव
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Published : Sep 12, 2019, 7:39 PM IST

पटना: पूर्व मंत्री तुलसी दास मेहता का निधन गुरुवार को पटना आवास पर हो गया. वह 94 साल के थे. उनके निधन के बाद राजद नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. बता दें कि सबसे पहले उन्होंने 37 साल की उम्र में 1962 में जंदाहा विधानसभा से चुनाव जीतकर राजनीति में एंट्री ली थी. उस समय में वो सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव जीतकर आये थे.

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पूर्व मंत्री के निधन पर उनके आवास पर पहुंचे राजद नेता

कर्पूरी ठाकुर और लोहिया को मानते थे आदर्श
अपने राजनीतिक जीवन में तुलसी दास मेहता दो बार कैबिनेट मिनिस्टर भी रह चुके थे. सोशलिस्ट पार्टी से करियर की शुरूआत करने वाले मेहता पांच बार विधानसभा का चुनाव जीते थे. तुलसी दास मेहता 1990 में जब जनता दल से चुनाव जीते तो लालू यादव की सरकार में ऊर्जा मंत्री बनाये गए. दूसरी बार जीते जाने पर वन एवं पर्यावरण मंत्री के रूप में उन्होंने काम किया. कर्पूरी ठाकुर और लोहिया के आदर्श को आत्मसात करनेवाले तुलसी दास मेहता का राजनीतिक सफर बेदाग रहा. आज भी उनका परिवार राष्ट्रीय जनता दल के साथ है. उनके पुत्र आलोक मेहता राजद में प्रधान महासचिव हैं और राजद के पिछली सरकार में सहकारिता मंत्री थे.

पूर्व मंत्री के निधन पर राजद नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

'कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाया'
बता दें कि तुलसी दास मेहता की एक पुत्री सुहेली मेहता भी राजनीति में सक्रिय हैं. वो सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में प्रवक्ता हैं. राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए कर्पूरी और लोहिया के सिद्धांतों को महत्व देते हैं. तुलसी दास मेहता के करीबी पूर्व विधान पार्षद विष्णुदेव राय का कहना है कि वो एक ऐसे नेता थे जो समाज के कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाने में लगे रहते थे. सोशलिस्ट आंदोलन से जुड़ने के बाद उन्हें लोगों ने सिर आंखों पर बिठाया. वो बिहार में कमजोर वर्ग के नेतृत्वकर्ता थे.

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पूर्व मंत्री के निधन पर उनके आवास पर पहुंचे राजद नेता

पटना: पूर्व मंत्री तुलसी दास मेहता का निधन गुरुवार को पटना आवास पर हो गया. वह 94 साल के थे. उनके निधन के बाद राजद नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. बता दें कि सबसे पहले उन्होंने 37 साल की उम्र में 1962 में जंदाहा विधानसभा से चुनाव जीतकर राजनीति में एंट्री ली थी. उस समय में वो सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव जीतकर आये थे.

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पूर्व मंत्री के निधन पर उनके आवास पर पहुंचे राजद नेता

कर्पूरी ठाकुर और लोहिया को मानते थे आदर्श
अपने राजनीतिक जीवन में तुलसी दास मेहता दो बार कैबिनेट मिनिस्टर भी रह चुके थे. सोशलिस्ट पार्टी से करियर की शुरूआत करने वाले मेहता पांच बार विधानसभा का चुनाव जीते थे. तुलसी दास मेहता 1990 में जब जनता दल से चुनाव जीते तो लालू यादव की सरकार में ऊर्जा मंत्री बनाये गए. दूसरी बार जीते जाने पर वन एवं पर्यावरण मंत्री के रूप में उन्होंने काम किया. कर्पूरी ठाकुर और लोहिया के आदर्श को आत्मसात करनेवाले तुलसी दास मेहता का राजनीतिक सफर बेदाग रहा. आज भी उनका परिवार राष्ट्रीय जनता दल के साथ है. उनके पुत्र आलोक मेहता राजद में प्रधान महासचिव हैं और राजद के पिछली सरकार में सहकारिता मंत्री थे.

पूर्व मंत्री के निधन पर राजद नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

'कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाया'
बता दें कि तुलसी दास मेहता की एक पुत्री सुहेली मेहता भी राजनीति में सक्रिय हैं. वो सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में प्रवक्ता हैं. राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए कर्पूरी और लोहिया के सिद्धांतों को महत्व देते हैं. तुलसी दास मेहता के करीबी पूर्व विधान पार्षद विष्णुदेव राय का कहना है कि वो एक ऐसे नेता थे जो समाज के कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाने में लगे रहते थे. सोशलिस्ट आंदोलन से जुड़ने के बाद उन्हें लोगों ने सिर आंखों पर बिठाया. वो बिहार में कमजोर वर्ग के नेतृत्वकर्ता थे.

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पूर्व मंत्री के निधन पर उनके आवास पर पहुंचे राजद नेता
Intro:एंकर पूर्व मंत्री तुलसी दास मेहता का निधन आज पटना आवास पर होगया तुलसी दास मेहता 94 साल के थे सबसे पहले उन्होंने 37 साल के उम्र में 1962 में जंदाहा विधानसभा से चुनाव जीतकर राजनीति में एंट्री किया था उस समय मे वो सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव जीत था अपने राजनीतिक जीवनमें तुलसी दास मेहता दो बार कैबिनेट मिनिस्टर भी रह चुके थे सोसलिस्ट पार्टी से कैरियर की सुरुआत करने वाले मेहता पांच बार विधानसभा का चुनाव बिभिन्न दलों से जीते


Body: तुलसी दास मेहता 1990 में जब जनता दल से चुनाव जीते तो लालू यादव की सरकार में ऊर्जा मंत्री बनाये गए और फिर जनता दल के सरकार में दूसरी बार वन एबम पर्यावरण मंत्री के रूप में उन्होंने काम किया कर्पूरी ठाकुर और लोहिया के आदर्श को आत्मसात करनेवाले तुलसी दास मेहता का राजनीतिक सफर बेदाग रहा और आज भी उनका परिवार रास्ट्रीय जनता दल के साथ है आज भी उनके पुत्र आलोक मेहता राजद में प्रधान महासचिव हैं और पिछले सरकार में सहकारिता मंत्री थे


Conclusion: तुलसी दास मेहता की एक पुत्री सुहेली मेहता भी राजनीति में सक्रिय है और वो नीतीश कुमार की पार्टी ज द यू में प्रवक्ता हैं राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता अपने पिता के पदचिन्ह पर चल कर्पूरी और लोहिया के सिद्धांत की महत्ता देते हैं तुलसी दास मेहता के करीबी पूर्व बिधान पार्षद विष्णुदेव राय का कहना है कि वो एक ऐसे नेता थे जो समाज के कमजोर वर्ग को आगे बढ़ने में लगे रहते थे सोशलिस्ट आंदोलन से जुड़ने के बाद उन्हें लोगों ने सर आंखों पर बिठाया था इसका कारण था कि वो बिहार में कमजोर वर्ग के नेतृत्वकर्ता थे
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