पटनाः बिहार में महागठबंधन में फूट की संभावना दिख रही है. राजद विधायक सुधाकर सिंह (RJD MLA Sudhakar Singh) लगातार सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला बोल रहे हैं. सीएम को शिखंडी कहने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि सुधाकर सिंह ने फिर हमला किया. कहा कि जो सदन में विधायक की बात नहीं सुनते हैं वे क्या समाधान करेंगे. समाधान यात्रा के तहत लोगों की बात सुनेंगे तब न समाधान करेंगे. मुख्यमंत्री किसी भी तरह की यात्रा कर लें लेकिन हम जानते हैं कि वे आम जनता की बातों को नहीं सुनते हैं.
यह भी पढ़ेंः सीएम नीतीश कुमार भाषाई मर्यादा भूल गए, बोली BJP -'बयान वापस लें और माफी मांगे CM'
"जो सदन में 243 विधायकों की बात नहीं सुनते हैं वे किस समस्या का समाधान करेंगे. समाधान यात्रा कर रहे हैं लेकिन क्या लोगों की बात सुनेंगे. नीतीश कुमार BJP की नीति का समर्थन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री यात्रा तो कर रहे हैं लेकिन लोगों की बात नहीं सुनते हैं." - सुधाकर सिंह, विधायक, राजद
उपेंद्र कुशवाहा जदयू का मुखौटाः दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर भी भड़ास निकाला. कुशवाहा ने कहा था कि खरमास के बाद सुधाकर सिंह को राजद पार्टी से बाहर निकाल देगी. जिसपर सुधाकर ने कहा कि जदयू प्रवक्ता नेता के सवाल का जवाब हम नहीं देते हैं. उपेंद्र कुशवाहा पार्टी का मुखौटा हैं. मेरा सवाल सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से है. हम मंडी कानून, खाद की कालाबाजारी और किसानों की समस्या को लेकर सवाल करते हैं. मुख्यमंत्री को इसकी जबाव देना चाहिए. पार्टी के प्रवक्ता कुछ भी बोल रहे हो उसका जवाब नहीं देने वाले हैं.
हम पर कार्रवाई करना पार्टी का कामः सुधाकर सिंह ने कहा कि हमको बाहर निकालने की बात है तो वह पार्टी नेतृत्व तय करेगी. जो लोग कहते हैं कि खरमास बाद ऐसा होगा तो पार्टी अगर कुछ तय करती है तो उसमें कभी भी यह नहीं देखते कि अभी खरमास है. जहां तक पार्टी हम पर कार्रवाई करें या नहीं करें यह पार्टी की बात है. किसी जदयू नेता के कहने से कुछ नहीं होने वाला है. कहा कि तेजस्वी यादव ने कहा था कि भाजपा नीति का समर्थन अच्छी बात नहीं है. लेकिन भाजपा नीति का समर्थन नीतीश कुमार करते हैं.
नीतीश कुमार BJP समर्थितः सीएम नीतीश कुमार बिहार में मंडी कानून हटाए तो भाजपा के साथ थे. अब मंडी कानून को लेकर कुछ जवाब नहीं देते हैं. इससे साफ होता है कि भाजपा नीति का समर्थन अभी भी नीतीश कुमार कर रहे हैं. जब भाजपा में थे और जो काम कर रहे थे फिलहाल वही काम यहां भी आकर कर रहे हैं. इसीलिए मैं इसका विरोध करता हूं. किसानों के सवाल पर हम हमेशा उनसे सवाल करते ही रहेंगे.