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'जीएम सीड की फाइल आगे बढ़ाने वाले अफसरों पर कार्रवाई हो', सुधाकर सिंह ने CM को लिखा पत्र

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Published : Nov 9, 2022, 1:42 PM IST

जीएम सीड के बहाने पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह (Former Agriculture Minister Sudhakar Singh) ने विभाग के अधिकारी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के बावजूद जीएम सीड की फाइल को विभाग में आगे बढ़ा रहे अधिकारी पर कार्रवाई हो. इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है. पढ़ें पूरी खबर..

जीएम सीड की फाइल आगे बढ़ाने को लेकर सुधाकर सिंह का बयान
जीएम सीड की फाइल आगे बढ़ाने को लेकर सुधाकर सिंह का बयान

पटनाः बिहार की राजधानी पटना में सियासी पारा हमेशा गर्म रहता है. अब एक बार फिर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कृषि विभाग के कार्यकलापों पर सवाल (Sudhakar Singh demanded action against officer ) खड़ा किया है. उन्होंने जीएम सीड की फाइल आगे बढ़ाने वाले अधिकारी पर कार्रवाई को लेकर सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बिहार में कई ऐसे अधिकारी अभी भी मौजूद हैं, जो मुख्यमंत्री के विरोध के बावजूद जीएम सीड को बढ़ावा देने वाली फाइल मंत्रालय तक पहुंचा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः किसानों के लिए मंत्री पद कुर्बान किया, जरूरत पड़ी तो आगे भी दूंगा कुर्बानी : सुधाकर सिंह

किसानों की जमीन बर्बाद कर रही जीएम सीडः जीएम सीड का देश में लगातार विरोध हो रहा है. खासकर हाइब्रिड सरसों की फसल को लेकर देश में किसानों के साथ नेताओं का भी विरोध जारी है. इसी क्रम में आज राजधानी पटना में आरजेडी विधायक पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए, इस बात की जानकारी दी कि विदेशी कंपनियां जीएम सीड फसल को लेकर देश के अधिकारियों के माध्यम से लगाना चाहती है. सुधाकर सिंह ने कहा कि जीएम सीड फसल भारत के किसानों के लिए सही नहीं है. क्योंकि इस फसल का कोई बीज नहीं होता. सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के कुछ निकम्मे अधिकारियों की वजह से इसे दोबारा बिहार में लागू कराने की कोशिश की जा रही है.

जीएम सीड का विरोध करता रहूंगाः सुधाकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीएम सीड फसल को बिहार में नहीं लागू करने का जब निर्णय लिया है तो आखिरकार अधिकारी यह प्रयास क्यों कर रहे हैं. उन्होंने ने कहा कि आने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में भी इस पर आवाज उठाएंगे. जीएम सीड को लेकर हमने बिहार के मुख्यमंत्री, सभी विधायक और सांसदों को पत्र लिखा है कि जीएम सीड फसल का विरोध करें. सुधाकर सिंह ने कहा कि जरूरत पड़ी तो अब मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि इस नसबंदी किए हुए बीज से किसानों की खेती बर्बाद होगी और अंतर्राष्ट्रीय कंपनी इसको लेकर दवाब बना रही है. इसे विफल करना हमारा लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि भले ही मैं अब मंत्री नहीं हूं फिर भी किसानों की हित की लड़ाई को लड़ता रहूंगा.

भाई वीरेंद्र का बयान नहीं सुनाः इस्तीफे के सवाल को लेकर आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र द्वारा दिए गए बयान पर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि हमने उनके बयानों को सुना नहीं है. वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, विधायक हैं, लेकिन इस मामले पर जब पार्टी ने फैसला लिया है कि किसी भी बड़े बयानों पर तेजस्वी प्रसाद यादव ही कुछ बोलेंगे. हमने भाई वीरेंद्र के बयानों को सुना नहीं है. बताते चलें कि भाई वीरेंद्र कल कैमूर दौरे पर थे. वहां पर उन्होंने कहा कि सरकार में या पार्टी के किसी नेताओं ने सुधाकर सिंह से इस्तीफा नहीं मांगा था बल्कि सुधाकर सिंह ने खुद इस्तीफा दिया है.

"मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. इसका मुख्य विषय यह है कि देशज में कहें तो नसबंदी किए हुए बीज से किसानों की खेती बर्बाद हो रही है. यानी की जीएम सीड से खेत बर्बाद हो रहा है. बिहार में भी इसकी अनुमति मिले इसका प्रयास कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है. इस बीज के खिलाफ सीएम ने पीएम को पत्र भी लिखा था. इसके बाद भी विभाग के किसी निकम्मे अधिकारी ने जीएम सीड की फाइल को आगे बढ़ाया है. ऐसे में मैं चाहता हूं कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने इस मामले में लीड लिया है तो फिर से सीएम पीएम को पत्र लिखें" -सुधाकर सिंह, पूर्व कृषि मंत्री, बिहार

पटनाः बिहार की राजधानी पटना में सियासी पारा हमेशा गर्म रहता है. अब एक बार फिर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कृषि विभाग के कार्यकलापों पर सवाल (Sudhakar Singh demanded action against officer ) खड़ा किया है. उन्होंने जीएम सीड की फाइल आगे बढ़ाने वाले अधिकारी पर कार्रवाई को लेकर सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बिहार में कई ऐसे अधिकारी अभी भी मौजूद हैं, जो मुख्यमंत्री के विरोध के बावजूद जीएम सीड को बढ़ावा देने वाली फाइल मंत्रालय तक पहुंचा रहे हैं.

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किसानों की जमीन बर्बाद कर रही जीएम सीडः जीएम सीड का देश में लगातार विरोध हो रहा है. खासकर हाइब्रिड सरसों की फसल को लेकर देश में किसानों के साथ नेताओं का भी विरोध जारी है. इसी क्रम में आज राजधानी पटना में आरजेडी विधायक पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए, इस बात की जानकारी दी कि विदेशी कंपनियां जीएम सीड फसल को लेकर देश के अधिकारियों के माध्यम से लगाना चाहती है. सुधाकर सिंह ने कहा कि जीएम सीड फसल भारत के किसानों के लिए सही नहीं है. क्योंकि इस फसल का कोई बीज नहीं होता. सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के कुछ निकम्मे अधिकारियों की वजह से इसे दोबारा बिहार में लागू कराने की कोशिश की जा रही है.

जीएम सीड का विरोध करता रहूंगाः सुधाकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीएम सीड फसल को बिहार में नहीं लागू करने का जब निर्णय लिया है तो आखिरकार अधिकारी यह प्रयास क्यों कर रहे हैं. उन्होंने ने कहा कि आने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में भी इस पर आवाज उठाएंगे. जीएम सीड को लेकर हमने बिहार के मुख्यमंत्री, सभी विधायक और सांसदों को पत्र लिखा है कि जीएम सीड फसल का विरोध करें. सुधाकर सिंह ने कहा कि जरूरत पड़ी तो अब मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि इस नसबंदी किए हुए बीज से किसानों की खेती बर्बाद होगी और अंतर्राष्ट्रीय कंपनी इसको लेकर दवाब बना रही है. इसे विफल करना हमारा लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि भले ही मैं अब मंत्री नहीं हूं फिर भी किसानों की हित की लड़ाई को लड़ता रहूंगा.

भाई वीरेंद्र का बयान नहीं सुनाः इस्तीफे के सवाल को लेकर आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र द्वारा दिए गए बयान पर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि हमने उनके बयानों को सुना नहीं है. वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, विधायक हैं, लेकिन इस मामले पर जब पार्टी ने फैसला लिया है कि किसी भी बड़े बयानों पर तेजस्वी प्रसाद यादव ही कुछ बोलेंगे. हमने भाई वीरेंद्र के बयानों को सुना नहीं है. बताते चलें कि भाई वीरेंद्र कल कैमूर दौरे पर थे. वहां पर उन्होंने कहा कि सरकार में या पार्टी के किसी नेताओं ने सुधाकर सिंह से इस्तीफा नहीं मांगा था बल्कि सुधाकर सिंह ने खुद इस्तीफा दिया है.

"मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. इसका मुख्य विषय यह है कि देशज में कहें तो नसबंदी किए हुए बीज से किसानों की खेती बर्बाद हो रही है. यानी की जीएम सीड से खेत बर्बाद हो रहा है. बिहार में भी इसकी अनुमति मिले इसका प्रयास कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है. इस बीज के खिलाफ सीएम ने पीएम को पत्र भी लिखा था. इसके बाद भी विभाग के किसी निकम्मे अधिकारी ने जीएम सीड की फाइल को आगे बढ़ाया है. ऐसे में मैं चाहता हूं कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने इस मामले में लीड लिया है तो फिर से सीएम पीएम को पत्र लिखें" -सुधाकर सिंह, पूर्व कृषि मंत्री, बिहार

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