पटनाः बिहार के बैकुंठपुर विधासभा सीट ( Baikunthpur Assembly Seat ) से पूर्व विधायक मंजीत सिंह ( Former MLA Manjit Singh ) अब राजद ( RJD ) का दामन थामेंगे. इस घोषणा के बाद से जेडीयू में खलबली मच गई है. पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह, मंत्री लेसी सिंह और कई अन्य नेता पूर्व विधायक को मनाने उनके गोपालगंज स्थित आवास पहुंच गए हैं.
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हालांकि मंजीत सिंह आरजेडी में शामिल होने को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) से मुलाकात भी कर चुके हैं. वो 3 जुलाई को अपने समर्थकों के साथ राजद का झंडा उठा लेंगे.
2020 विस चुनाव में टिकट नहीं मिलने से थे नाराज
विधानसभा चुनाव 2015 में बैकुंठपुर से मंजीत सिंह महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार थे. तब राजद और जदयू ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि इस बार वे भाजपा के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी से चुनाव हार गए थे. लेकिन जब 2020 विधासभा चुनाव में बैकुंठपुर सीट भाजपा के खाते में चला गया, इसके बाद मंजीत सिंह बागी होकर निर्दलीय मैदान ने उतरे थे. इस बार भी वे खुद तो नहीं जीत पाए, लेकिन समीकरण बदलते हुए मिथिलेश तिवारी को भी शिकस्त दे दी थी.
मंजीत पर पार्टी ने की थी कार्रवाई
मंजीत सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण एनडीए उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी को शिकस्त मिली थी. इसके बाद पार्टी ने मंजीत सिंह पर कार्रवाई भी की थी. परिणाम के बाद मंजीत मान-मनव्वल के लिए जदयू के नेताओं से लगातार संपर्क में रहे. बात तब भी नहीं बनी तो अंत में उन्होंने राजद ज्वाइन करने का फैसला किया है.
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नीतीश के करीबी माने जाते रहे हैं मंजीत
बता दें कि मनजीत सिंह के पिता बृज किशोर सिंह बिहार सरकार में मंत्री थे. वे बैकुंठपुर से प्रतिनिधित्व करते रहे थे. उनके निधन के बाद मंजीत सिंह ने उनकी विरासत संभाली और जदयू से दो बार विधायक चुने गए. मंजीत सिंह नीतीश कुमार के काफी करीबी नेता माने जाते रहे हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव 2020 के बाद से हालात बदल गए हैं. वे राजपूत बिरादरी से आते हैं. उनकी सारण क्षेत्र में अपनी अलग पहचान है.
मंजीत को जाने नहीं देना चाहते नीतीश
मंजीत सिंह के राजद में शामिल होने की खबर सामने आने के बाद जदयू खेमे में खलबली मच गई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें किसी भी कीमत पर रोकने के लिए अपने मंत्रियों और नेताओं की फौज उतार दी है. खबर है कि नीतीश ने मंजीत सिंह के करीबी नेताओं लेसी सिंह और जय कुमार सिंह को उनसे मिलकर रोकने का निर्देश दिया है.
अब देखना ये होगा कि जदयू से बागी हुए मंजीत सिंह फिर से अपने पुराने घर में वापस लौटते हैं, या फिर उन्हें तेजस्वी यादव का साथ ही रास आता है. फिलहाल मंजीत के ऐलान के बाद नीतीश का टेंशन तो बढ़ ही गया है.