पटनाः आनंद मोहन की रिहाई को लेकर एक ओर जहां महागठबंधन के नेता इसे न्याय संगत बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसका विरोध कर रहे हैं. पूर्व आईपीएस अभ्यानंद के बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने भी मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि मैं सरकार के खिलाफ कोर्ट में याचिक दायर करूंगा. सरकार ने कानून में संसोधन कर यह काम कर रही है, जो पूरी तरह से गलत है. इसको लेकर सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई होगी. इसके लिए मैने सिर पर कफन बांध लिया है.
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कोर्ट में चुनौती देने का फैसलाः बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को महागठबंधन की सरकार ने रिहा करने का फैसला लिया है. इस रिहाई में आनंद मोहन को लेकर विरोध हो रहा है. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर पेंच फंस रहा था. सरकार ने कानून में संसोधन कर रिहाई का रास्ता साफ कर दिया. सरकार ने कुल 27 लोगों का नाम रिहाई के लिए जारी किया है, जिसमें आनंद मोहन का भी नाम शामिल है. आनंद मोहन को छोड़े जाने के फैसले का व्यापक विरोध शुरू हो गया है. भाजपा ने सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने भी सरकार के फैसले को चुनौती देने की ठान ली है.
"सरकार का यह फैसला जनहित में नहीं है. इस फैसले से लोक सेवकों का मनोबल गिरेगा. सरकार ने इस फैसले को लेने के समय कानून के तमाम बिंदुओं पर विचार नहीं किया है. हम सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने के लिए तैयार हैं. बकायदा हमने वकालतनामा पर दस्तखत भी कर दिया है और 1 से 2 दिनों में हाईकोर्ट में मामला दर्ज भी हो जाएगा. इस मामले को मुकाम तक पहुंचाने के लिए किसी हद तक लड़ाई लड़ने को तैयार हैं." -अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस
क्या है मामलाः आपको बता दें कि बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 481(i)(क) में किसी लोकसेवक की हत्या मामले में आरोपी को रिहा करने का प्रावधन नहीं है, लेकिन सरकार ने लोकसेवक की हत्या को इस नियम से हटा दिया और कानून में संसोधन कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया. आनंद मोहन के साथ साथ 27 लोगों को भी रिहा करने का फैसला लिया है. सरकार के इसे फैसले का विरोध हो रहा है. बता दें कि आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं.