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बिहार NDA में नहीं चल रहा सबकुछ ठीक, मांझी ने दिए उलटफेर के संकेत

बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के नेता सामने जरूर कहते हैं कि सबकुछ ठीक नहीं है. लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है. समय-समय पर नेताओं के बयान भी आते रहते हैं. अब एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपना बयान दिया (Jitan Ram Manjhi statement On Bihar NDA Alliance) है. जिसको लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. पढ़ें पूरी खबर..

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी
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Published : Aug 2, 2022, 8:30 PM IST

पटना: बिहार की राजनीति (Politics In Bihar) इस समय उत्तल पुथल के दौर से गुजर रही है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सबकुछ सहज नहीं है. नेताओं द्वारा बयानों के तीर चलाए जा रहे हैं. इसी बीच हम पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने अपने बयान से सबको चौंका दिया है. उन्होंने कहा है कि वह नीतीश कुमार के साथ तभी तक हैं जबतक कि नीतीश एनडीए गठबंधन में हैं.

ये भी पढ़ें-आरसीपी सिंह को लेकर उपेंद्र कुशवाहा बोले- 'कोई भी पार्टी अनुशासनहीनता नहीं करती बर्दाश्त'

जीतन राम मांझी ने भाजपा से बढ़ाई नजदीकियां: साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन आकार ले रहा था, तब दो छोटे दलों को भी गठबंधन में जगह दी गई थी. वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश साहनी भाजपा के फोल्डर में आए थे और जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के फोल्डर में गए. चुनाव में सीटों का समझौता भी उसी हिसाब से हुआ. बदली हुई परिस्थितियों में अब भाजपा और जदयू के बीच कुछ मुद्दों को लेकर लगातार तकरार बढ़ रही है. वहीं, इन सब के बीच जीतन राम मांझी के सुर भी बदल गए हैं. मांझी राजनीतिक संकट की स्थिति में भाजपा को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.

मांझी ने दिए उलटफेर के संकेत: हम पार्टी ने गठबंधन को लेकर संकेत दिया है कि वह जदयू के साथ तभी तक है, जब तक जदयू एनडीए का हिस्सा है. अगर जदयू एनडीए से अलग होती है तो वैसी स्थिति में मांझी नीतीश कुमार के साथ नहीं होंगे. गौरतलब है कि एनडीए में जीतन राम मांझी और जदयू की ओर से कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग जोरशोर से उठाई गई थी, लेकिन भाजपा की ओर से रिस्पांस नहीं आया.

"हमारी पार्टी के प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि हम नीतीश कुमार के साथ तब तक हैं जब तक वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हैं. वैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पूरी तरह एकजुट है, दूसरे तीसरे दर्जे के नेताओं के बोलने का कोई मतलब नहीं है."- विजय यादव, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता, हम

"2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा गया था और मांझी जी को नीतीश कुमार ने सम्मान देने का काम किया था. यह तो मांझी जी ही बता सकते हैं कि उन्होंने क्यों ऐसा बयान दिया है."- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

मांझी के बयान पर नेताओं ने दी प्रतिक्रिया: आपको बता दें कि हाल के कुछ दिनों में जदयू नेताओं के सुर बदले हूए नजर आए हैं. जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि कोई जरूरी नहीं है कि वे लोग आगे का चुनाव साथ लड़ेंगे. वहीं, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि अगर भाजपा 200 सीटों पर तैयारी कर रही है तो वे 243 सीटों पर तैयारी कर सकते हैं. इसके साथ ही ललन सिंह ने कहा था कि अभी तक वो भाजपा के साथ हैं. मांझी के बयान पर सभी पार्टियों के प्रवक्ताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.

"भाजपा प्रवक्ता संजय दत्त ने कहा है कि "राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सभी दल एक दूसरे राजनीतिक दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है और जनादेश के खिलाफ कोई भी दल फैसला नहीं लेंगे, ऐसा भाजपा मानती है."- संजय दत्त, भाजपा प्रवक्ता

ये भी पढ़ें-बिहार की राजनीति में चमके IAS के सितारे... ढलान पर रही IPS की किस्मत .. जानें इनसाइड स्टोरी

"जीतन राम मांझी भले ही यह कह रहे हैं कि वह नीतीश कुमार के साथ तब तक रहेंगे जब तक वह एनडीए में है, लेकिन जीतन राम मांझी भाजपा से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि भाजपा उन्हें और उनकी पार्टी को विशेष तवज्जो और जगह दें, जो कि अब तक उन्हें नहीं मिल रहा है. असंतोष होकर शायद उन्होंने यह बयान दिया होगा."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

पटना: बिहार की राजनीति (Politics In Bihar) इस समय उत्तल पुथल के दौर से गुजर रही है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सबकुछ सहज नहीं है. नेताओं द्वारा बयानों के तीर चलाए जा रहे हैं. इसी बीच हम पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने अपने बयान से सबको चौंका दिया है. उन्होंने कहा है कि वह नीतीश कुमार के साथ तभी तक हैं जबतक कि नीतीश एनडीए गठबंधन में हैं.

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जीतन राम मांझी ने भाजपा से बढ़ाई नजदीकियां: साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन आकार ले रहा था, तब दो छोटे दलों को भी गठबंधन में जगह दी गई थी. वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश साहनी भाजपा के फोल्डर में आए थे और जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के फोल्डर में गए. चुनाव में सीटों का समझौता भी उसी हिसाब से हुआ. बदली हुई परिस्थितियों में अब भाजपा और जदयू के बीच कुछ मुद्दों को लेकर लगातार तकरार बढ़ रही है. वहीं, इन सब के बीच जीतन राम मांझी के सुर भी बदल गए हैं. मांझी राजनीतिक संकट की स्थिति में भाजपा को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.

मांझी ने दिए उलटफेर के संकेत: हम पार्टी ने गठबंधन को लेकर संकेत दिया है कि वह जदयू के साथ तभी तक है, जब तक जदयू एनडीए का हिस्सा है. अगर जदयू एनडीए से अलग होती है तो वैसी स्थिति में मांझी नीतीश कुमार के साथ नहीं होंगे. गौरतलब है कि एनडीए में जीतन राम मांझी और जदयू की ओर से कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग जोरशोर से उठाई गई थी, लेकिन भाजपा की ओर से रिस्पांस नहीं आया.

"हमारी पार्टी के प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि हम नीतीश कुमार के साथ तब तक हैं जब तक वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हैं. वैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पूरी तरह एकजुट है, दूसरे तीसरे दर्जे के नेताओं के बोलने का कोई मतलब नहीं है."- विजय यादव, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता, हम

"2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा गया था और मांझी जी को नीतीश कुमार ने सम्मान देने का काम किया था. यह तो मांझी जी ही बता सकते हैं कि उन्होंने क्यों ऐसा बयान दिया है."- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

मांझी के बयान पर नेताओं ने दी प्रतिक्रिया: आपको बता दें कि हाल के कुछ दिनों में जदयू नेताओं के सुर बदले हूए नजर आए हैं. जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि कोई जरूरी नहीं है कि वे लोग आगे का चुनाव साथ लड़ेंगे. वहीं, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि अगर भाजपा 200 सीटों पर तैयारी कर रही है तो वे 243 सीटों पर तैयारी कर सकते हैं. इसके साथ ही ललन सिंह ने कहा था कि अभी तक वो भाजपा के साथ हैं. मांझी के बयान पर सभी पार्टियों के प्रवक्ताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.

"भाजपा प्रवक्ता संजय दत्त ने कहा है कि "राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सभी दल एक दूसरे राजनीतिक दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है और जनादेश के खिलाफ कोई भी दल फैसला नहीं लेंगे, ऐसा भाजपा मानती है."- संजय दत्त, भाजपा प्रवक्ता

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"जीतन राम मांझी भले ही यह कह रहे हैं कि वह नीतीश कुमार के साथ तब तक रहेंगे जब तक वह एनडीए में है, लेकिन जीतन राम मांझी भाजपा से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि भाजपा उन्हें और उनकी पार्टी को विशेष तवज्जो और जगह दें, जो कि अब तक उन्हें नहीं मिल रहा है. असंतोष होकर शायद उन्होंने यह बयान दिया होगा."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

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