पटना : हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के विधायक दल की बैठक में जीतन राम मांझी ने कॉमन सिविल कोड का समर्थन किया है. यही नहीं उनकी पार्टी ने ये भी तय किया है कि वो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से इस्तीफे की भी मांग करेंगे. दरअसल, बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का आज पहला दिन था. पहले दिन ही हंगामेदार रहा. पहले दिन की कार्यवाही के बाद सभी दलों के विधायकों ने अपने विधायकों के साथ बैठक रणनीति बनाई.
कॉमन सिविल कोड का समर्थन करेगी HAM : पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा है कि कॉमन सिविल कोड को लेकर हम लोगों ने चर्चा किया था, पहले इसके बारे में कुछ ठीक तरीके से पता नहीं चल रहा था, लेकिन जब एनडीए में आए और सब कुछ साफ हुआ तो हमें लगता है कि कॉमन सिविल कोड देश के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि हम लोग बाबा भीमराव अंबेडकर के द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने वाले लोग हैं. संविधान में बाबा भीमराव अंबेडकर ने इसकी चर्चा की है. अनुच्छेद 44 में भी इसकी चर्चा की गई है. देश में कॉमन सिविल कोड होना जरूरी है. यह मत बाबा भीमराव अंबेडकर का था.
''हम पार्टी एनडीए सरकार का साथ देगी और इसको लेकर हमने अपने विधायकों को भी सब कुछ बता दिया है. कॉमन सिविल कोड बहुत अच्छी चीज है और देश में ऐसा होना चाहिए. क्योंकि बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपने विचारों में इन बातों को साफ-साफ कह दिया है और संविधान में भी इसकी चर्चा की गई है. कॉमन सिविल कोड देश के लिए जरूरी है.''- जीतन राम मांझी, संरक्षक, HAM
'तेजस्वी इस्तीफा दें या सीएम नीतीश बर्खास्त करें' : बैठक के बाद जीतन नाम मांझी ने कहा कि जिस तरह से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम चार्जशीट किया गया है, उसके बावजूद वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, तो हम लोग सदन में उनके इस्तीफा का मांग करेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री से यह भी मांग करेंगे कि वह उनका इस्तीफा लें. अगर वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं तो उन्हें बर्खास्त किया जाए. इन सब मुद्दों पर हम सदन में एनडीए का साथ देंगे.
'प्रदेश में बढ़ा अपराध, नीतीश की चुप्पी' : मांझी ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि राज्य में अपराध लगातार बढ़ रहा है. नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं, उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के साथ लगातार मारपीट किया जा रहा है. लेकिन एक प्राथमिकी तक नहीं दर्ज कराई जा रही है. यही नीतीश कुमार का राज है? यही उनके सुशासन हैं? निश्चित तौर पर इस मुद्दे पर भी हिंदुस्तानी अब आपको जहां सदन में सरकार से जवाब मांगेगी.