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Bihar Politics : जगन्नाथ मिश्रा के बेटे मनीष ने की CM से मुलाकात.. शुरू हो गई सियासी कयासबाजियां - पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा

पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा के बेटे मनीष मिश्रा ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर उन्हें अपने पिता की लिखी एक पुस्तक भेंट की. अब इस मुलाकात को लेकर सियासी कयासबाजियां शुरू हो गई है. वैसे मनीष के भाई नीतीश मिश्र पहले से बीजेपी में हैं और झंझारपुर से विधायक हैं. ऐसे में मनीष की मुलाकात को सियासी शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि वह राजनीति में सक्रिय नहीं हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 24, 2023, 9:52 PM IST

पटना : पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा के दूसरे पुत्र मनीष मिश्रा ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार से मुलाकात की. इसके बाद से ही अटकलबाजी शुरू हो गई हैं. क्योंकि जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा बीजेपी के विधायक हैं. अब उनके दूसरे पुत्र नीतीश कुमार से मिलकर नए राजनीतिक संकेत दिए हैं. हालांकि यह मुलाकात जगन्नाथ मिश्रा के 86वें जन्मदिन के मौके पर हुई है और मनीष मिश्रा ने अपने पिता द्वारा लिखित पुस्तक 'बिहार बढ़कर रहेगा' सीएम नीतीश कुमार को भेंट की है.

ये भी पढ़ें : जगन्नाथ मिश्रा के पोते को कांग्रेस पर भरोसा, कहा- JDU के साथ घुट-घुट कर जी रहा था

मनीष मिश्र राजनीति में नहीं हैं सक्रिय: जगन्नाथ मिश्रा की यह अंतिम पुस्तक थी, जिसका पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी ने विमोचन किया था. इसका प्रकाशन ललित नारायण मिश्रा व्यापार प्रबंधन संस्थान की ओर से क्या गया है. स्वर्गीय जगन्नाथ मिश्रा के जन्मदिन के मौके पर पटना में विद्यापति भवन में और मुजफ्फरपुर में ललित नारायण मिश्रा प्रबंधन संस्थान में कार्यक्रम हुए. इसमें नीतीश मिश्रा शामिल हुए. नीतीश मिश्रा लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं.

कभी जदयू में थे नीतीश मिश्र : नीतीश मिश्रा कभी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में भी रहे और नीतीश मंत्रिमंडल में भी शामिल थे, लेकिन जीतन राम मांझी के नीतीश कुमार से अलग होने के बाद नीतीश मिश्रा भी जीतन राम मांझी के साथ हो गए और उसी के बाद नीतीश कुमार से नीतीश मिश्रा की दूरियां बढ़ने लगी. बाद में नीतीश मिश्रा बीजेपी में शामिल हो गए और आज बीजेपी में काफी सक्रिय हैं. झंझारपुर से बीजेपी के विधायक हैं, लेकिन मनीष मिश्रा की चर्चा राजनीति कभी नहीं होती है, न ही उनकी राजनीति में सक्रियता कहीं दिखती है.

मनीष मिश्रा की तय हो सकती है नई भूमिका: आज जिस प्रकार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मनीष मिश्रा मिले हैं. आने वाले दिनों में उनकी नई भूमिका तय हो सकती है. जगन्नाथ मिश्रा की मिथिलांचल के कद्दावर नेताओं में गिनती होती थी. बिहार के मुख्यमंत्री के साथ केंद्र में भी मंत्री भी रहे थे. लंबे समय तक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और बिहार कांग्रेस के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है. हालांकि राजनीति के अंतिम पारी में जगन्नाथ मिश्रा ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था.

पटना : पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा के दूसरे पुत्र मनीष मिश्रा ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार से मुलाकात की. इसके बाद से ही अटकलबाजी शुरू हो गई हैं. क्योंकि जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा बीजेपी के विधायक हैं. अब उनके दूसरे पुत्र नीतीश कुमार से मिलकर नए राजनीतिक संकेत दिए हैं. हालांकि यह मुलाकात जगन्नाथ मिश्रा के 86वें जन्मदिन के मौके पर हुई है और मनीष मिश्रा ने अपने पिता द्वारा लिखित पुस्तक 'बिहार बढ़कर रहेगा' सीएम नीतीश कुमार को भेंट की है.

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मनीष मिश्र राजनीति में नहीं हैं सक्रिय: जगन्नाथ मिश्रा की यह अंतिम पुस्तक थी, जिसका पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी ने विमोचन किया था. इसका प्रकाशन ललित नारायण मिश्रा व्यापार प्रबंधन संस्थान की ओर से क्या गया है. स्वर्गीय जगन्नाथ मिश्रा के जन्मदिन के मौके पर पटना में विद्यापति भवन में और मुजफ्फरपुर में ललित नारायण मिश्रा प्रबंधन संस्थान में कार्यक्रम हुए. इसमें नीतीश मिश्रा शामिल हुए. नीतीश मिश्रा लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं.

कभी जदयू में थे नीतीश मिश्र : नीतीश मिश्रा कभी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में भी रहे और नीतीश मंत्रिमंडल में भी शामिल थे, लेकिन जीतन राम मांझी के नीतीश कुमार से अलग होने के बाद नीतीश मिश्रा भी जीतन राम मांझी के साथ हो गए और उसी के बाद नीतीश कुमार से नीतीश मिश्रा की दूरियां बढ़ने लगी. बाद में नीतीश मिश्रा बीजेपी में शामिल हो गए और आज बीजेपी में काफी सक्रिय हैं. झंझारपुर से बीजेपी के विधायक हैं, लेकिन मनीष मिश्रा की चर्चा राजनीति कभी नहीं होती है, न ही उनकी राजनीति में सक्रियता कहीं दिखती है.

मनीष मिश्रा की तय हो सकती है नई भूमिका: आज जिस प्रकार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मनीष मिश्रा मिले हैं. आने वाले दिनों में उनकी नई भूमिका तय हो सकती है. जगन्नाथ मिश्रा की मिथिलांचल के कद्दावर नेताओं में गिनती होती थी. बिहार के मुख्यमंत्री के साथ केंद्र में भी मंत्री भी रहे थे. लंबे समय तक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और बिहार कांग्रेस के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है. हालांकि राजनीति के अंतिम पारी में जगन्नाथ मिश्रा ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था.

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