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पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- स्पीकर सतर्क रहते तो न होती विधायकों के साथ मारपीट

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Published : Mar 26, 2021, 8:34 PM IST

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 के खिलाफ 23 मार्च को विधानसभा में विपक्षी दलों के विधायकों ने हंगामा किया था. इसके बाद इतिहास में पहली बार पुलिस ने विधानसभा के अंदर कार्रवाई की. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा सतर्क रहते तो इस स्थिति को टाला जा सकता था.

Uproar in the assembly
विधानसभा में हंगामा

पटना: बिहार विधानसभा में 23 मार्च को सदन के अंदर पुलिसकर्मियों ने जिस प्रकार से विधायकों के साथ मारपीट की और उन्हें जबरदस्ती बाहर फेंका. महिला विधायक को भी चोटें आई हैं. पूरे मामले में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की ओर से पहल हुई है.

यह भी पढ़ें- इस बार सदन में सबकुछ हुआ जो नहीं होना चाहिए था, बवाल..हाथापाई और हंगामे के बीच बजट सत्र समाप्त

विधानसभा अध्यक्ष ने डीजीपी और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव से वैसे पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट मांगी है जिन्होंने विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया. इसके साथ ही विजय सिन्हा ने विधानसभा के आचार समिति को वीडियो फुटेज के आधार पर विधायकों पर कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है.

देखें रिपोर्ट

आसन से हुई भूल
10 साल तक नीतीश कुमार के राज में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका में रहे उदय नारायण चौधरी अब आरजेडी के नेता हैं. उनका कहना है कि पहले भी घटनाएं हुई हैं, लेकिन कभी ऐसी नौबत नहीं आई. इस बार भी अध्यक्ष पहले से पहल करते तो यह स्थिति नहीं आती. आसन से कहीं ना कहीं भूल हुई है.

"यदि पहले विधानसभा अध्यक्ष सतर्क हो गए होते तो यह स्थिति नहीं आती. पूरे मामले को प्रवर समिति को सौंपा जाता तब भी स्थिति को टाला जा सकता था."- उदय नारायण चौधरी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष

Former Assembly Speaker Uday Narayan Chaudhary
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी

"कहीं भी हिंसा को जायज नहीं ठहराया जा सकता. विधानसभा तो लोकतंत्र का मंदिर है. वहां मसल्स पावर नहीं दिखाना चाहिए. जितनी अधिक बहस कर सकते हैं करना चाहिए था."- आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू

विधानसभा अध्यक्ष के एक्शन की प्रमुख बातें

  • जिन पुलिसकर्मियों ने विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया उन्हें चिह्नित किया जाए
  • जिन विधायकों ने गलत आचरण दिखाया वे भी चिह्नित होंगे
  • आचार समिति विधायकों के बारे में रिपोर्ट तैयार करेगा
  • वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिसकर्मियों और विधायकों को चिह्नित किया जाएगा
  • विधानसभा में अंदर और बाहर बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं इनके फुटेज की जांच होगी

नाराज हैं विपक्ष के विधायक
विधानसभा में पुलिस की कार्रवाई से विपक्षी विधायक काफी नाराज हैं. विपक्ष की ओर से सदन का बहिष्कार किया गया. विधानसभा के बाहर समानांतर सदन भी चलाया गया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 5 साल तक सदन के बहिष्कार की बात की है. विधानसभा में विधायकों के साथ हुई मारपीट के विरोध में शुक्रवार को राजद ने बिहार बंद किया. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जो पहल हुई है देखना है उसका क्या परिणाम निकलता है. माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष की कोशिश विरोधी दल के विधायकों के लिए मरहम का काम कर सकता है.

विधानसभा में विधायकों के साथ हुई थी मारपीट
पुलिस बिल को लेकर बिहार विधानसभा में 23 मार्च को हंगामा हुआ था. विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर और सदन के अंदर उनके चेयर को अपने कब्जे में ले लिया था. विधानसभा के इतिहास में इससे पहले भी हंगामा जरूर कई बार हुआ था, लेकिन इस तरह की घटना नहीं हुई थी. तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि पुलिस अधिकारियों ने विधायकों को बेरहमी से पीटा.

यह भी पढ़ें- तेजस्वी ने नीतीश पर साधा निशाना, कहा- 'CM के तौर पर नहीं दिखता आचरण, दूसरे दल के नेताओं को देते हैं धमकी'

पटना: बिहार विधानसभा में 23 मार्च को सदन के अंदर पुलिसकर्मियों ने जिस प्रकार से विधायकों के साथ मारपीट की और उन्हें जबरदस्ती बाहर फेंका. महिला विधायक को भी चोटें आई हैं. पूरे मामले में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की ओर से पहल हुई है.

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विधानसभा अध्यक्ष ने डीजीपी और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव से वैसे पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट मांगी है जिन्होंने विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया. इसके साथ ही विजय सिन्हा ने विधानसभा के आचार समिति को वीडियो फुटेज के आधार पर विधायकों पर कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है.

देखें रिपोर्ट

आसन से हुई भूल
10 साल तक नीतीश कुमार के राज में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका में रहे उदय नारायण चौधरी अब आरजेडी के नेता हैं. उनका कहना है कि पहले भी घटनाएं हुई हैं, लेकिन कभी ऐसी नौबत नहीं आई. इस बार भी अध्यक्ष पहले से पहल करते तो यह स्थिति नहीं आती. आसन से कहीं ना कहीं भूल हुई है.

"यदि पहले विधानसभा अध्यक्ष सतर्क हो गए होते तो यह स्थिति नहीं आती. पूरे मामले को प्रवर समिति को सौंपा जाता तब भी स्थिति को टाला जा सकता था."- उदय नारायण चौधरी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष

Former Assembly Speaker Uday Narayan Chaudhary
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी

"कहीं भी हिंसा को जायज नहीं ठहराया जा सकता. विधानसभा तो लोकतंत्र का मंदिर है. वहां मसल्स पावर नहीं दिखाना चाहिए. जितनी अधिक बहस कर सकते हैं करना चाहिए था."- आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू

विधानसभा अध्यक्ष के एक्शन की प्रमुख बातें

  • जिन पुलिसकर्मियों ने विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया उन्हें चिह्नित किया जाए
  • जिन विधायकों ने गलत आचरण दिखाया वे भी चिह्नित होंगे
  • आचार समिति विधायकों के बारे में रिपोर्ट तैयार करेगा
  • वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिसकर्मियों और विधायकों को चिह्नित किया जाएगा
  • विधानसभा में अंदर और बाहर बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं इनके फुटेज की जांच होगी

नाराज हैं विपक्ष के विधायक
विधानसभा में पुलिस की कार्रवाई से विपक्षी विधायक काफी नाराज हैं. विपक्ष की ओर से सदन का बहिष्कार किया गया. विधानसभा के बाहर समानांतर सदन भी चलाया गया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 5 साल तक सदन के बहिष्कार की बात की है. विधानसभा में विधायकों के साथ हुई मारपीट के विरोध में शुक्रवार को राजद ने बिहार बंद किया. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जो पहल हुई है देखना है उसका क्या परिणाम निकलता है. माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष की कोशिश विरोधी दल के विधायकों के लिए मरहम का काम कर सकता है.

विधानसभा में विधायकों के साथ हुई थी मारपीट
पुलिस बिल को लेकर बिहार विधानसभा में 23 मार्च को हंगामा हुआ था. विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर और सदन के अंदर उनके चेयर को अपने कब्जे में ले लिया था. विधानसभा के इतिहास में इससे पहले भी हंगामा जरूर कई बार हुआ था, लेकिन इस तरह की घटना नहीं हुई थी. तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि पुलिस अधिकारियों ने विधायकों को बेरहमी से पीटा.

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