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PFI के 3 लाख फैमिली अकाउंट, देश के खिलाफ साजिश रचने के लिए विदेशों से भेजे जा रहे पैसे

एनआईए फुलवारी फरीफ टेरर मॉड्यूल की जांच तेजी से कर रही है. जांच में एक और बड़ी बात सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक 3 लाख खातों (3 lakh family accounts of PFI) में विदेशों से पीएफआई के सदस्य और उनके परिवारों के खातों में पैसे आते हैं. अगर जांच में इस बात की पुष्टि हुई तो पीएफआई को बैन किया जा सकता है.

Phulwari Sharif Terror Module
Phulwari Sharif Terror Module
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Published : Aug 1, 2022, 1:02 PM IST

पटना: राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ आतंकी कनेक्शन (Phulwari Sharif Terror Module) में पीएफआई के बाद अब बिहार में ISIS लिंक को लेकर एनआईए (NIA) बड़ी कार्रवाई में जुटी है. बिहार में आईएसआईएस कनेक्शन (ISIS Connection in Bihar) मिलने के बाद अररिया जिले में एनआईए ने इस लिंक से जुड़े संदिग्ध के घर छापेमारी भी की है. सूत्रों के अनुसार एक संदिग्ध को हिरासत मे लिया गया है. दरअसल मिल रही जानकारी के अनुसार एक संदिग्ध सीमांचल मे रहकर स्लीपर सेल तैयार कर रहा था.

पढ़ें- Bihar Terror Module : अखलाक को फुलवारी शरीफ से पुलिस ने उठाया, गजवा-ए-हिंद से जुड़े तार

PFI के 3 लाख फैमिली अकाउंट: एनआईए के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआईए के द्वारा अनुसंधान के क्रम में पता चला है कि जो गलती सिमी के सदस्यों द्वारा किया जाता था उन गलतियों को सुधार कर अब पीएफआई के सदस्यों और उनके परिवार वालों के खाते में विदेशों से विभिन्न खातों में हर साल लगभग ₹500 करोड़ भेजे जाते हैं.

PFI के सदस्य और उनके परिवारों के खातों में आते हैं पैसे: जांच एजेंसी या किसी को शक नहीं हो सके जिस वजह से घरेलू खर्च के नाम पर विदेशों से अलग-अलग खातों में पैसे आते हैं. एनआईए के विषय सूत्रों के अनुसार पीएफआई को हर साल सऊदी अरब कतर कुवैत के अलावे अन्य देशों से फैमिली मेंटेनेंस के नाम पर अलग-अलग खातों में वेस्टर्न यूनियन के जरिए पीएफआई सदस्यों के एक लाख और उनके रिश्तेदारों और परिचितों के 2 लाख बैंक खाता में पैसे भेजे जाते हैं.

PFI पर लग सकता है बैन: एनआईए की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए के द्वारा भी इस बात की पड़ताल की जा रही है कि इतने भारी रकम जो विदेशों से आ रहे हैं, यह रकम कहां खर्च हो रहे हैं. जांच में अगर तमाम बिंदुओं की पुष्टि हो जाती है तो उम्मीद जताई जा रही है कि पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध भी लगाया जाएगा.

युवाओं को बरगलाने के लिए फंडिंग: रासायनिक जांच के दौरान पता चला है कि पीएफआई कई ऐसे संगठनों को पैसा देता है जो युवाओं को ब्रेनवाश कर उन्हें बरगलाना सिखाता है, जिसमें पाकिस्तान के अलावा खाड़ी के देशों के कई संगठन शामिल हैं. जांच के दौरान यह भी पता चला है कि पीएफआई ऐसे संघ घटनाओं और सरकारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन पर भी पैसा खर्चा करता है जो मुस्लिम विरोधी होता है.

स्लीपर सेल तैयार करने में की जा रही है मदद: एनआईए की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पीएफआई के द्वारा विभिन्न संगठनों को भेजे जा रहे पैसे से जेलों में बंद कैदियों को कानूनी मदद के साथ साथ स्लीपर सेल तैयार करना और देश में आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों को मदद पहुंचाई जाती है. सूचना के अनुसार यदि यह सब साबित हुआ कि पीएफआई विदेशी फंड आतंकी गतिविधियों में खर्च कर रहा है तो प्रतिबंध लगना तय माना जा रहा है.

पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी : गौरतलब है कि फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले आने के बाद बिहार पुलिस चौकस है. गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद NIA ने मामले में जांच कर दी है. फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज पीएफआई (Popular Front of India) और गजवा ए हिंद (Ghazwa e Hind) जिहादी मॉड्यूल के दोनों एफआईआर को एनआईए ने गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अपने हाथों में ले लिया है. आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे.


क्या है मिशन 2047? : FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी. 2047 तक इंडिया इस्लामिक देश (Mission Islam 2047) बनाने की योजना है. भारत को मुस्लिम राष्ट्र (Plan To Make India An Islamic State) बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान (PFI Seven Page Plan) बनाया था जिसमें लिखा था, 10% मुस्लिम साथ दे तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. उनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित ओबीसी को अलग करने की थी.


पटना: राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ आतंकी कनेक्शन (Phulwari Sharif Terror Module) में पीएफआई के बाद अब बिहार में ISIS लिंक को लेकर एनआईए (NIA) बड़ी कार्रवाई में जुटी है. बिहार में आईएसआईएस कनेक्शन (ISIS Connection in Bihar) मिलने के बाद अररिया जिले में एनआईए ने इस लिंक से जुड़े संदिग्ध के घर छापेमारी भी की है. सूत्रों के अनुसार एक संदिग्ध को हिरासत मे लिया गया है. दरअसल मिल रही जानकारी के अनुसार एक संदिग्ध सीमांचल मे रहकर स्लीपर सेल तैयार कर रहा था.

पढ़ें- Bihar Terror Module : अखलाक को फुलवारी शरीफ से पुलिस ने उठाया, गजवा-ए-हिंद से जुड़े तार

PFI के 3 लाख फैमिली अकाउंट: एनआईए के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआईए के द्वारा अनुसंधान के क्रम में पता चला है कि जो गलती सिमी के सदस्यों द्वारा किया जाता था उन गलतियों को सुधार कर अब पीएफआई के सदस्यों और उनके परिवार वालों के खाते में विदेशों से विभिन्न खातों में हर साल लगभग ₹500 करोड़ भेजे जाते हैं.

PFI के सदस्य और उनके परिवारों के खातों में आते हैं पैसे: जांच एजेंसी या किसी को शक नहीं हो सके जिस वजह से घरेलू खर्च के नाम पर विदेशों से अलग-अलग खातों में पैसे आते हैं. एनआईए के विषय सूत्रों के अनुसार पीएफआई को हर साल सऊदी अरब कतर कुवैत के अलावे अन्य देशों से फैमिली मेंटेनेंस के नाम पर अलग-अलग खातों में वेस्टर्न यूनियन के जरिए पीएफआई सदस्यों के एक लाख और उनके रिश्तेदारों और परिचितों के 2 लाख बैंक खाता में पैसे भेजे जाते हैं.

PFI पर लग सकता है बैन: एनआईए की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए के द्वारा भी इस बात की पड़ताल की जा रही है कि इतने भारी रकम जो विदेशों से आ रहे हैं, यह रकम कहां खर्च हो रहे हैं. जांच में अगर तमाम बिंदुओं की पुष्टि हो जाती है तो उम्मीद जताई जा रही है कि पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध भी लगाया जाएगा.

युवाओं को बरगलाने के लिए फंडिंग: रासायनिक जांच के दौरान पता चला है कि पीएफआई कई ऐसे संगठनों को पैसा देता है जो युवाओं को ब्रेनवाश कर उन्हें बरगलाना सिखाता है, जिसमें पाकिस्तान के अलावा खाड़ी के देशों के कई संगठन शामिल हैं. जांच के दौरान यह भी पता चला है कि पीएफआई ऐसे संघ घटनाओं और सरकारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन पर भी पैसा खर्चा करता है जो मुस्लिम विरोधी होता है.

स्लीपर सेल तैयार करने में की जा रही है मदद: एनआईए की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पीएफआई के द्वारा विभिन्न संगठनों को भेजे जा रहे पैसे से जेलों में बंद कैदियों को कानूनी मदद के साथ साथ स्लीपर सेल तैयार करना और देश में आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों को मदद पहुंचाई जाती है. सूचना के अनुसार यदि यह सब साबित हुआ कि पीएफआई विदेशी फंड आतंकी गतिविधियों में खर्च कर रहा है तो प्रतिबंध लगना तय माना जा रहा है.

पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी : गौरतलब है कि फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले आने के बाद बिहार पुलिस चौकस है. गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद NIA ने मामले में जांच कर दी है. फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज पीएफआई (Popular Front of India) और गजवा ए हिंद (Ghazwa e Hind) जिहादी मॉड्यूल के दोनों एफआईआर को एनआईए ने गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अपने हाथों में ले लिया है. आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे.


क्या है मिशन 2047? : FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी. 2047 तक इंडिया इस्लामिक देश (Mission Islam 2047) बनाने की योजना है. भारत को मुस्लिम राष्ट्र (Plan To Make India An Islamic State) बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान (PFI Seven Page Plan) बनाया था जिसमें लिखा था, 10% मुस्लिम साथ दे तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. उनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित ओबीसी को अलग करने की थी.


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