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लिखी जाएगी नई पटकथा..! फतेहाबाद रैली के लिए भाजपा विरोधियों को एकजुट करने में लगे नीतीश - बिहार मिशन 2024 के लिए जंग का मैदान

बिहार मिशन 2024 का बैटलफील्ड बनता जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार से ही विपक्षी एकता को धार देने में जुटे हैं तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह Union Home Minister Amit Shah सीमांचल से मिशन 2024 का आगाज करने जा रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार तमाम भाजपा विरोधी नेताओं से मुलाकात कर विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं.

विपक्षी एकजुटता
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Published : Sep 7, 2022, 8:37 PM IST

पटना: बिहार मिशन 2024 के लिए जंग का मैदान (Bihar Battleground for Mission 2024) बनता जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सियासत के केंद्र में हैं. नीतीश कुमार ने एनडीए विरोधी महागठबंधन को मजबूत करने (Nitish engaged in uniting BJP opponents) का फैसला लिया है और वह पीएम मोदी को सीधे-सीधे चुनौती देने की तैयारी में दिख रहे हैं. नीतीश कुमार अपने 3 दिनों की दिल्ली यात्रा को समाप्त कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें:-शरद पवार से मिले नीतीश कुमार: बोले- 'अगर सभी एकजुट हुए, तो ये देश के भले के लिए होगा'

नीतीश ने दिल्ली यात्रा के दौरान की तमाम भाजपा विरोधी नेताओं से मुलाकात: नीतीश कुमार ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, सीताराम येचुरी, डी राजा, शरद यादव सरीखे नेताओं से मुलाकात की और विपक्षी नेताओं को एकजुट करने को लेकर रणनीति पर विमर्श किया. नीतीश कुमार को भरोसा है कि अगर हम बिहार में भाजपा को कम सीटों पर रोक देंगे तो नरेंद्र मोदी का विजयी रथ रुक जाएगा. नीतीश कुमार ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से भाजपा को 50 सीटों पर शिकस्त देने की योजना बनाई है. नीतीश कुमार की मंशा है कि जिस तरीके से बिहार में 8 दलों का महागठबंधन तैयार हुआ है, उसी तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा विरोधी दलों का एक गठबंधन तैयार हो.

फतेहाबाद में 25 को होने वाला है विपक्षी नेताओं का जुटान : 25 सितम्बर को हरियाणा के फतेहाबाद में चौधरी देवीलाल की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और तमाम विपक्षी नेताओं से रैली में पहुंचने के लिए सहमति भी ली जा रही है. आपको बता दें कि पिछले साल भी हरियाणा के जींद में चौधरी देवीलाल की जयंती के मौके पर विपक्षी एकता को लेकर रैली की गई थी लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में होने के चलते नीतीश रैली में नहीं गए थे और केसी त्यागी को हिस्सा लेने के लिए भेजा गया था. के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को लेकर विपक्षी खेमे में संशय है. कुछ दल जहां गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी गठबंधन की वकालत कर रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार तमाम दलों को एक फोरम पर लाने की कोशिश में जुटे हैं. संभव है कि प्री पोल और पोस्ट पोल गठबंधन को लेकर मंथन का दौर जारी हो.

भाजपा भी मिशन 2024 को लेकर कमर कस चुकी है. सीमांचल से आगाज की तैयारी है. गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आ रहे हैं और 23 सितंबर को पूर्णिया में बड़ी रैली होने वाली है. सीमांचल से अमित शाह सन 2024 का आगाज करेंगे और देश भर में संदेश भी दिया जाएगा.

अमित शाह को चुनौती देने के लिए तैयार :जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि हमारे नेता कमर कस चुके हैं और देश भर का भ्रमण कर रहे हैं. तमाम बड़े नेताओं से उनकी मुलाकात हो चुकी है और भाजपा विरोधी दलों को हम एकजुट कर रहे हैं. भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए नीतीश कुमार ने तैयारी कर रखी है.

लालू प्रसाद यादव हैं विपक्षी एकता के शिल्पकार : राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि विपक्षी एकता के शिल्पकार लालू प्रसाद यादव हैं और उनके ही प्रयासों से नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं को एकजुट कर रहे हैं, हमारी कोशिश रंग लाएगी और हरियाणा की रैली में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगेगा और अभूतपूर्व एकजुटता देखने को मिलेगी. नेताओं से मुलाकात से सीएम नीतीश कुमार भी उत्साहित हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं से हमारी सकारात्मक मुलाकात हुई है.हम सब को एक फ्रंट पर लाने की कोशिश में जुटे हैं.

नीतीश कुमार देख रहे हैं दिवास्वप्न : भाजपा के प्रदेश महामंत्री और विधायक संदीप चौरसिया ने कहा है कि नीतीश कुमार दिवास्वप्न देख रहे हैं. नेताओं से मिलकर वह भ्रम पाल रहे हैं लेकिन उन्हें कामयाबी हासिल होने वाली नहीं है. नरेंद्र मोदी को चुनौती देने की स्थिति में विपक्ष नहीं है और एकता की बात भी बेमानी है. राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि नीतीश कुमार ने तमाम नेताओं से मुलाकात कर एकजुटता के संकेत दिए हैं. हरियाणा में इसकी परिणति देखने को मिल सकती है संभव है कि गठबंधन में सभी दल न आए लेकिन चुनाव के पहले और चुनाव के बाद के गठबंधन पर सहमति बन सकती है.

ये भी पढ़ें:-पीएम पद का ना ही दावेदर ना ही इच्छुक, समय विपक्ष को एकजुट करने का: नीतीश कुमार

पटना: बिहार मिशन 2024 के लिए जंग का मैदान (Bihar Battleground for Mission 2024) बनता जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सियासत के केंद्र में हैं. नीतीश कुमार ने एनडीए विरोधी महागठबंधन को मजबूत करने (Nitish engaged in uniting BJP opponents) का फैसला लिया है और वह पीएम मोदी को सीधे-सीधे चुनौती देने की तैयारी में दिख रहे हैं. नीतीश कुमार अपने 3 दिनों की दिल्ली यात्रा को समाप्त कर चुके हैं.

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नीतीश ने दिल्ली यात्रा के दौरान की तमाम भाजपा विरोधी नेताओं से मुलाकात: नीतीश कुमार ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, सीताराम येचुरी, डी राजा, शरद यादव सरीखे नेताओं से मुलाकात की और विपक्षी नेताओं को एकजुट करने को लेकर रणनीति पर विमर्श किया. नीतीश कुमार को भरोसा है कि अगर हम बिहार में भाजपा को कम सीटों पर रोक देंगे तो नरेंद्र मोदी का विजयी रथ रुक जाएगा. नीतीश कुमार ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से भाजपा को 50 सीटों पर शिकस्त देने की योजना बनाई है. नीतीश कुमार की मंशा है कि जिस तरीके से बिहार में 8 दलों का महागठबंधन तैयार हुआ है, उसी तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा विरोधी दलों का एक गठबंधन तैयार हो.

फतेहाबाद में 25 को होने वाला है विपक्षी नेताओं का जुटान : 25 सितम्बर को हरियाणा के फतेहाबाद में चौधरी देवीलाल की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और तमाम विपक्षी नेताओं से रैली में पहुंचने के लिए सहमति भी ली जा रही है. आपको बता दें कि पिछले साल भी हरियाणा के जींद में चौधरी देवीलाल की जयंती के मौके पर विपक्षी एकता को लेकर रैली की गई थी लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में होने के चलते नीतीश रैली में नहीं गए थे और केसी त्यागी को हिस्सा लेने के लिए भेजा गया था. के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को लेकर विपक्षी खेमे में संशय है. कुछ दल जहां गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी गठबंधन की वकालत कर रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार तमाम दलों को एक फोरम पर लाने की कोशिश में जुटे हैं. संभव है कि प्री पोल और पोस्ट पोल गठबंधन को लेकर मंथन का दौर जारी हो.

भाजपा भी मिशन 2024 को लेकर कमर कस चुकी है. सीमांचल से आगाज की तैयारी है. गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आ रहे हैं और 23 सितंबर को पूर्णिया में बड़ी रैली होने वाली है. सीमांचल से अमित शाह सन 2024 का आगाज करेंगे और देश भर में संदेश भी दिया जाएगा.

अमित शाह को चुनौती देने के लिए तैयार :जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि हमारे नेता कमर कस चुके हैं और देश भर का भ्रमण कर रहे हैं. तमाम बड़े नेताओं से उनकी मुलाकात हो चुकी है और भाजपा विरोधी दलों को हम एकजुट कर रहे हैं. भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए नीतीश कुमार ने तैयारी कर रखी है.

लालू प्रसाद यादव हैं विपक्षी एकता के शिल्पकार : राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि विपक्षी एकता के शिल्पकार लालू प्रसाद यादव हैं और उनके ही प्रयासों से नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं को एकजुट कर रहे हैं, हमारी कोशिश रंग लाएगी और हरियाणा की रैली में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगेगा और अभूतपूर्व एकजुटता देखने को मिलेगी. नेताओं से मुलाकात से सीएम नीतीश कुमार भी उत्साहित हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं से हमारी सकारात्मक मुलाकात हुई है.हम सब को एक फ्रंट पर लाने की कोशिश में जुटे हैं.

नीतीश कुमार देख रहे हैं दिवास्वप्न : भाजपा के प्रदेश महामंत्री और विधायक संदीप चौरसिया ने कहा है कि नीतीश कुमार दिवास्वप्न देख रहे हैं. नेताओं से मिलकर वह भ्रम पाल रहे हैं लेकिन उन्हें कामयाबी हासिल होने वाली नहीं है. नरेंद्र मोदी को चुनौती देने की स्थिति में विपक्ष नहीं है और एकता की बात भी बेमानी है. राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि नीतीश कुमार ने तमाम नेताओं से मुलाकात कर एकजुटता के संकेत दिए हैं. हरियाणा में इसकी परिणति देखने को मिल सकती है संभव है कि गठबंधन में सभी दल न आए लेकिन चुनाव के पहले और चुनाव के बाद के गठबंधन पर सहमति बन सकती है.

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