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लोकगीत गायिका अमृता सिन्हा ने बनायी अलग पहचान, कई खिताब कर चुकी हैं अपने नाम

पटना की रहने वाली लोकगीत गायिका अमृता सिन्हा अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं. इस नए साल 2022 में उन्हें नगद मेडल से सम्मानित भी किया गया. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से लोकगीत गानों की कुछ लाइनें भी गाकर सुनाई. तो आइये सुनते हैं अमृता की मधुर आवाज को...

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लोकगीत अमृता सिन्हा
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Published : Jan 10, 2022, 8:15 AM IST

Updated : Jan 10, 2022, 11:19 AM IST

पटना: लोकगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली अमृता सिन्हा ने ईटीवी भारत के साथ खास बीतचीत की. पटना की रहने वाली अमृता सिन्हा लोकगीत (Folk Singer Amrita Sinha) गाकर लोगों के दिल और दिमाग में एक जगह बना चुकी हैं. विगत 15 सालों से संघर्ष करते हुए सुर संग्राम कंपटीशन से लेकर 2021 में हुए जेएसएस आइडल, (जैन श्वेतांबर सोसायटी) के तहत मधुबन में हुए गीत के माध्यम से मुकाबला करने का काम किया है.

इसे भी पढ़ें: मधुबनी की रहने वाली अर्चना की आवाज में है जादू, मधुर संगीत से बिखेर रहीं परंपरा की खुशबू

इस साल 2022 में नगद मेडल जीतने के उपलक्ष्य में अमृता सिन्हा ने ईटीवी भारत से बातचीत (Amrita Sinha Talking With ETV Bharat) के दौरान बताया कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. वहां पर सैकड़ों लोगों के बीच में मेरे गीत को सम्मानित किया गया. हम अपने संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं और बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह संघर्ष हमेशा जारी रहेगा.

लोकगीत गायिका अमृता सिन्हा ने एक से बढ़कर एक गीत गाकर सुनाया. उन्होंने 'बहे के पुरवा रामा बह गईले पछुआ सजनवा रे, बह गईले शीतल बयायार'... नामक गीत को सुनाया. उन्होंने बताया कि वे खासकर भक्ति भजन ज्यादा गाती हैं. अश्लीलता से बहुत दूर रहती हैं. बहुत सारे ऐसे लोग हैं कि अश्लील गीत गा कर चमकने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग चमक भी जाते हैं लेकिन मेरा ऐसा कुछ नहीं है. मैं अपने संस्कृतिक कल्चर के अनुसार लोगों को गाना सुनाती हूं. उन्होंने कहा कि लोग मेरे गाने को पसंद भी करते हैं.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: Chhath Geet: मालिनी अवस्थी की मीठी आवाज में सुनिए छठी मईया का गीत- केरवा के पात पर उगेले सुरुज देव

अमृता ने बताया कि उनके एक भजन को 11 मिलियन लोगों ने पसंद किया है. वह भजन है... 'मैया तेरे भरोसे मेरा परिवार है तू ही मेरे नौका माझी तू ही पतवार है मैया तेरे भरोसे मेरा परिवार है'... इस भजन को काफी लोगों ने पसंद किया. यह गाना काफी हिट हुआ. अमृता सिन्हा का कहना है कि बिहार सरकार अगर बिहार के कलाकारों को थोड़ा सा भी सपोर्ट करें, तो बिहार के कलाकार इससे और ऊपर बढ़कर बिहार का नाम रोशन करने का काम करेंगे. बिहार एक ऐसा राज्य है जहां हर क्षेत्र में प्रतिभा है.

अमृता ने बताया कि उनके पूरे परिवार का फुल सपोर्ट मिला है. बस थोड़ी सी सरकार की अगर सपोर्ट मिले, तो वे अपने संस्कृतिक कल्चर को और आगे बढ़ाते हुए बिहार का नाम रोशन करना चाहती हैं. उन्होंने साफ कहा कि भोजपुरी कलाकार और गायक गन्दे और भद्दे गाने गाकर हमारे संस्कृति को बर्बाद कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पटना की अमृता सिन्हा भोजपुरी और अश्लील गाने से अलग भक्ति गीत गाकर इंटरनेट की इस दुनिया में मान-सम्मान बढ़ा रही हैं. अमृता सिन्हा ने बिहार की सरकार से भोजपुरी में बढ़ती अश्लीलता को रोकने के लिए सेंसर बोर्ड बनाने की मांग की है. वहीं उन्होंने सरकार से कलाकार के लिए कोई बेहतर योजना लागू करने की मांग की है.

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पटना: लोकगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली अमृता सिन्हा ने ईटीवी भारत के साथ खास बीतचीत की. पटना की रहने वाली अमृता सिन्हा लोकगीत (Folk Singer Amrita Sinha) गाकर लोगों के दिल और दिमाग में एक जगह बना चुकी हैं. विगत 15 सालों से संघर्ष करते हुए सुर संग्राम कंपटीशन से लेकर 2021 में हुए जेएसएस आइडल, (जैन श्वेतांबर सोसायटी) के तहत मधुबन में हुए गीत के माध्यम से मुकाबला करने का काम किया है.

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इस साल 2022 में नगद मेडल जीतने के उपलक्ष्य में अमृता सिन्हा ने ईटीवी भारत से बातचीत (Amrita Sinha Talking With ETV Bharat) के दौरान बताया कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. वहां पर सैकड़ों लोगों के बीच में मेरे गीत को सम्मानित किया गया. हम अपने संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं और बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह संघर्ष हमेशा जारी रहेगा.

लोकगीत गायिका अमृता सिन्हा ने एक से बढ़कर एक गीत गाकर सुनाया. उन्होंने 'बहे के पुरवा रामा बह गईले पछुआ सजनवा रे, बह गईले शीतल बयायार'... नामक गीत को सुनाया. उन्होंने बताया कि वे खासकर भक्ति भजन ज्यादा गाती हैं. अश्लीलता से बहुत दूर रहती हैं. बहुत सारे ऐसे लोग हैं कि अश्लील गीत गा कर चमकने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग चमक भी जाते हैं लेकिन मेरा ऐसा कुछ नहीं है. मैं अपने संस्कृतिक कल्चर के अनुसार लोगों को गाना सुनाती हूं. उन्होंने कहा कि लोग मेरे गाने को पसंद भी करते हैं.

देखें रिपोर्ट.

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अमृता ने बताया कि उनके एक भजन को 11 मिलियन लोगों ने पसंद किया है. वह भजन है... 'मैया तेरे भरोसे मेरा परिवार है तू ही मेरे नौका माझी तू ही पतवार है मैया तेरे भरोसे मेरा परिवार है'... इस भजन को काफी लोगों ने पसंद किया. यह गाना काफी हिट हुआ. अमृता सिन्हा का कहना है कि बिहार सरकार अगर बिहार के कलाकारों को थोड़ा सा भी सपोर्ट करें, तो बिहार के कलाकार इससे और ऊपर बढ़कर बिहार का नाम रोशन करने का काम करेंगे. बिहार एक ऐसा राज्य है जहां हर क्षेत्र में प्रतिभा है.

अमृता ने बताया कि उनके पूरे परिवार का फुल सपोर्ट मिला है. बस थोड़ी सी सरकार की अगर सपोर्ट मिले, तो वे अपने संस्कृतिक कल्चर को और आगे बढ़ाते हुए बिहार का नाम रोशन करना चाहती हैं. उन्होंने साफ कहा कि भोजपुरी कलाकार और गायक गन्दे और भद्दे गाने गाकर हमारे संस्कृति को बर्बाद कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पटना की अमृता सिन्हा भोजपुरी और अश्लील गाने से अलग भक्ति गीत गाकर इंटरनेट की इस दुनिया में मान-सम्मान बढ़ा रही हैं. अमृता सिन्हा ने बिहार की सरकार से भोजपुरी में बढ़ती अश्लीलता को रोकने के लिए सेंसर बोर्ड बनाने की मांग की है. वहीं उन्होंने सरकार से कलाकार के लिए कोई बेहतर योजना लागू करने की मांग की है.

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Last Updated : Jan 10, 2022, 11:19 AM IST
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