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VIDEO: 'घर पानी में समा गया, 2 दिन से खाना नहीं बना...' सुनिए बाढ़ पीड़ितों का दर्द

पटना (Patna Flood) में धनरूआ के दरधा नदी, कररूआ नदी के किनारे बसे गांव एक बार फिर से जल प्रलय की विभीषिका झेल रहे हैं. कोल्हाचक के 50 से अधिक महादलित परिवार पलियान कर चुके हैं. प्रशासन की अनदेखी के कारण लोगों में गहरी नाराजगी है.

Flood in Bihar
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Published : Aug 2, 2021, 5:18 PM IST

पटना: बिहार के पटना (Patna Flood) में लगातार हो रही बारिश से मसौढ़ी के धनरूआ (Dhanarua) में जल प्रलय (Water Level Of Rivers) का मंजर भयावह होता जा रहा है. चारों तरफ पानी ही पानी है. हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है. दर्जनों तटबंध टूट चुके हैं. पचास से अधिक परिवार यहां से पलायन कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें- LIVE VIDEO: बिना बारिश अचानक फल्गु नदी में आया सैलाब, आसपास के लोग हैरान

धनरूआ के दरधा नदी, कररूआ नदी के किनारे बसे गांव (Flood Area In Patna) के ग्रामीण रतजगा करने को विवश हैं. सबसे ज्यादा कोल्हाचक महादलित टोले (Kolhachak Mahadalit Tola) की भयावह स्थिति है. कोल्हाचक में लगातार मकान गिर रहे हैं. लोगों का जीना मुहाल है.

देखें वीडियो

10 घर टूट चुके हैं. सभी स्कूल में शरण लिए हुए हैं. कोई देखने तक नहीं आया है. न निकलने के लिए कोई रास्ता है न खाने की कोई व्यवस्था है. बहुत परेशानी हो रही है.- सरीता देवी, कोल्हाचक, धनरूआ

लेकिन अभी तक इस गांव के लोगों की किसी ने भी सुध नहीं ली है. कोई सरकारी अमला देखने तक नहीं गया और ना ही कोई जनप्रतिनिधि ही पहुंचा है. ऐसे में ईटीवी भारत बाढ़ विभिषिका का दंश झेल रहे उन परिवारों के पास पहुंचा और उनका दर्द जानने की कोशिश की.

बाढ़ हर साल आती है लेकिन तीन साल से हमें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. घर में पानी घुस गया है. दो दिन से खाना नहीं बना है. कोई सरकारी नुमाइंदा हमारी सुध लेने के लिए अब तक नहीं पहुंचा है.- रवि कुमार, कोल्हाचक, धनरूआ

बता दें कि बिहार के पटना में लगातार हो रही बारिश से मसौढ़ी की नदियों का जलस्तर बढ़ गया हैं. ऐसे में धनरूआ के दरधा, कररूआ और भुतही नदी डराने लगी हैं. अब तक 6 तटबंध टूट चुके हैं, जिसको लेकर 100 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं और 1500 से अधिक एकड़ में लगी धान की खेती चौपट हो चुकी है, जिसको लेकर किसान परेशान हैं और टूटे हुए तटबंध को लेकर ग्रामीणों में दहशत है.

हालांकि गंगा नदी का जलस्तर अभी सभी स्थानों पर खतरे के निशान से नीचे है. गंगा का जलस्तर कहलगांव में 61 सेंटीमीटर नीचे और फरक्का में 65 सेंटीमीटर नीचे है. राजधानी पटना के प्रमुख गंगा घाटों की स्थिति कुछ इस प्रकार से है. दीघा घाट 48.09 मीटर, गांधी घाट 47.56 मीटर और हाथीदह 40.45 मीटर है.

यह भी पढ़ें- मधेपुरा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग परेशान, मदद का इंतजार

यह भी पढ़ें- Bettiah ग्राउंड रिपोर्ट: टापू बने गांव में पहुंची मदद, पीड़ितों ने कहा- शुक्रिया ETV Bharat

पटना: बिहार के पटना (Patna Flood) में लगातार हो रही बारिश से मसौढ़ी के धनरूआ (Dhanarua) में जल प्रलय (Water Level Of Rivers) का मंजर भयावह होता जा रहा है. चारों तरफ पानी ही पानी है. हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है. दर्जनों तटबंध टूट चुके हैं. पचास से अधिक परिवार यहां से पलायन कर चुके हैं.

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धनरूआ के दरधा नदी, कररूआ नदी के किनारे बसे गांव (Flood Area In Patna) के ग्रामीण रतजगा करने को विवश हैं. सबसे ज्यादा कोल्हाचक महादलित टोले (Kolhachak Mahadalit Tola) की भयावह स्थिति है. कोल्हाचक में लगातार मकान गिर रहे हैं. लोगों का जीना मुहाल है.

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10 घर टूट चुके हैं. सभी स्कूल में शरण लिए हुए हैं. कोई देखने तक नहीं आया है. न निकलने के लिए कोई रास्ता है न खाने की कोई व्यवस्था है. बहुत परेशानी हो रही है.- सरीता देवी, कोल्हाचक, धनरूआ

लेकिन अभी तक इस गांव के लोगों की किसी ने भी सुध नहीं ली है. कोई सरकारी अमला देखने तक नहीं गया और ना ही कोई जनप्रतिनिधि ही पहुंचा है. ऐसे में ईटीवी भारत बाढ़ विभिषिका का दंश झेल रहे उन परिवारों के पास पहुंचा और उनका दर्द जानने की कोशिश की.

बाढ़ हर साल आती है लेकिन तीन साल से हमें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. घर में पानी घुस गया है. दो दिन से खाना नहीं बना है. कोई सरकारी नुमाइंदा हमारी सुध लेने के लिए अब तक नहीं पहुंचा है.- रवि कुमार, कोल्हाचक, धनरूआ

बता दें कि बिहार के पटना में लगातार हो रही बारिश से मसौढ़ी की नदियों का जलस्तर बढ़ गया हैं. ऐसे में धनरूआ के दरधा, कररूआ और भुतही नदी डराने लगी हैं. अब तक 6 तटबंध टूट चुके हैं, जिसको लेकर 100 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं और 1500 से अधिक एकड़ में लगी धान की खेती चौपट हो चुकी है, जिसको लेकर किसान परेशान हैं और टूटे हुए तटबंध को लेकर ग्रामीणों में दहशत है.

हालांकि गंगा नदी का जलस्तर अभी सभी स्थानों पर खतरे के निशान से नीचे है. गंगा का जलस्तर कहलगांव में 61 सेंटीमीटर नीचे और फरक्का में 65 सेंटीमीटर नीचे है. राजधानी पटना के प्रमुख गंगा घाटों की स्थिति कुछ इस प्रकार से है. दीघा घाट 48.09 मीटर, गांधी घाट 47.56 मीटर और हाथीदह 40.45 मीटर है.

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