पटना: बिहार में बाढ़ अपने चरम सीमा पर है. प्रदेश के कई जिलों में नदियों के बढ़े जलस्तर के बाद गांव के गांव जलमग्न हो चले हैं. लोग ऊंचे स्थानों की ओर विस्थापित हो चुके हैं. कोरोना महामारी के इस दौर में हालात गंभीर हो चले हैं.
बिहार में पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, खगड़िया, सुपौल, मधेपुरा, गोपालगंज, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिलों में नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं. सभी जिलों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. मुनादी कर लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने की पहल की जा चुकी है. वहीं, ईटीवी भारत सभी जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट दिखा रहा है.
पश्चिमी चंपारण में बाढ़
पश्चिमी चंपारण के बेतिया और बगहा में गंडक नदी रौद्र रूप धारण किये हुए हैं, यहां कई गांव जलमग्न हैं, तो वहीं सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हालांकि, वाल्मीकिनगर गंडक बराज से मंगलवार को रिकार्ड 4.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बुधवार को जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई.
सबसे ज्यादा पिपरासी प्रखंड प्रभावित
पानी का डिस्चार्ज तो कम हुआ है, लेकिन लोगों के घरों से पानी अभी भी कम नही हुआ है. पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेदहा पंचायत के श्रीपतनगर, नयाटोला भैसाहिया गांव के एक हजार परिवार निर्माणधीन छितौनी तमकुही में शरण लिए हुए हैं.
सड़क पर नदी की लहरें
बेतिया के चनपटिया और नरकटियागंज का मुख्य सड़क इन दिनों हादसों को दावत दे रही है. इन दिनों सड़क पर चार से पांच फीट पानी बह रहा है. जिससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मुजफ्फरपुर: नून नदी में उफान
मुजफ्फरपुर में नून नदी की उफान पर है. जिले के छाजन पंचायत के पास बन रहे कोठी पुल के बगल में डायवर्सन रोड मंगलवार देर शाम नून नदी की तेज धार में बह गया. डायवर्सन रोड बहने से फिलहाल तुर्की और सरैया के बीच सड़क सम्पर्क टूट गया है.
मधुबनी: कमला बलान खतरे के निशान से ऊपर
मधुबनी में कमला, कोसी, धौस, जमुनी, गागन सभी नदियां उफान पर हैं. जिले के जयनगर से झंझारपुर तक कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. झंझारपुर में कमला खतरे के निशान से 2 मीटर 70 सेंटीमीटर ऊपर है.
बेगूसराय में बूढ़ी गंडक का रौद्र रूप
बेगूसराय में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसकी वजह से लोगों को तटबंध टूटने का डर सता रहा है. वहीं अधिकारी लगातार बांध का निरीक्षण कर रहे हैं. बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान 42.63 मीटर को पार कर गया है. मंगलवार की सुबह रोसड़ा में जलस्तर 43.06 मीटर दर्ज किया गया है.
नालंदा में उफान पर पंचाने नदी
झारखंड में बारिश का असर पंचाने नदी पर पड़ता है. पंचाने नदी में पानी आने से जिले के बिहार शरीफ, रहुई, हरनौत प्रखंड में बाढ़ का खतरा खतरा बढ़ गया है.
छपरा: NDRF की टीम तैनात
छपरा जिले में गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि की संभावना को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में हैं. बाढ़ से निपटने के लिए जिले में राहत बचाव कार्य के उद्देश्य से एनडीआरएफ की दो टीमों की तैनाती की गई है.
मोतिहारी: बूढ़ी गंडक और तिलावे नदी का बांध टूटा
वाल्मीकिनगर बराज से छोड़े गए 4 लाख 36 हजार क्यूसेक पानी से गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इस बीच, बूढ़ी गंडक का रिंग बांध और तिलावे नदी का बांध टूट गया है. जिससे कई गांवों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है.
नदियों का जलस्तर
जल संसाधन विभाग बिहार ने बुधवार सुबह 6 बजे तक नदियों के जलस्तर का आंकड़ा जारी किया है.
गंगा का जलस्तर
गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पास है. पटना के दीघा में 50.45 मीटर डेंजर प्वाइंट है, तो गंगा 48.02 मीटर पर बह रही है. नदी का जलस्तर मुंगेर में डेंजर जोन पर है.
बागमती खतरे के निशान के पार
अब अगर बागमती की बात करें, तो इसका जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. नदी सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में अपना कहर बरपा रही है. इसके साथ-साथ अधवारा नदी भी उफान पर है.
इन नदियों का जलस्तर
महानंदा नदी पूर्णिया में उफान पर है, यहां इसका जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. दूसरी ओर पुनपुन, लालबकैया, भुतही बलान नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं. इनका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
बूढ़ी गंडक, कमला बलान, घाघरा और खिरोई नदी
इन सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के पार है. मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर के पंचायतों में इनके जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है.
बहरहाल, नदियों का बढ़ता जलस्तर चिंता का सबब बना हुआ है. बिहार सरकार जहां एक ओर कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने में लगी हुई है. वहीं, दूसरी ओर अब उसके सामने बाढ़ भी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है.