पटना: बिहार को हर साल बाढ़ (Flood in Bihar) का दंश झेलना पड़ता है. लेकिन इस बार गंगा मइया (Water Level of ganga) ने भी रौद्र रुप धारण कर लिया है. ऐसे में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. कई इलाके बाढ़ में डूबे हैं. लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं.
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हर साल कोसी बिहार में तबाही लाती थी जिससे लड़ना बिहार के लिए मुश्किल होता था लेकिन इस बार गंगा भी अपना विकराल रौद्र रूप दिखा रही है. बात पटना की करें या मुंगेर की या फिर बक्सर की हर जगह हालात एक जैसे हैं. पूरे बिहार में गंगा जहां से भी गुजरती है, सभी जगहों पर गंगा का पानी बहुत तेजी से बढ़ रहा है.
ईटीवी भारत ने सभी जगहों पर ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर पड़ताल की. बात बक्सर की करें तो यहां पर भी गंगा का विकराल रूप ही दिख रहा है. ईटीवी भारत संवाददाता उमेश पांडेय ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि गंगा का जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. पानी कई घरों में प्रवेश कर गया है. गंगा के किनारे रहने वाले लोगों के बीच खौफ है. बक्सर के 5 प्रखंड बाढ़ से प्रभिवत हुए हैं. दियारा क्षेत्र के लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है. फिलहाल प्रशासन ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है.
मुंगेर में भी गंगा का पानी लगातार बढ़ रहा है. ईटीवी भारत संवाददाता सुनील कुमार ने यहां का जायजा लिया है. जानकारी के मुताबिक लगातार 3 दिनों से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और बाढ़ की संभावना यहां प्रबल हो गई है. अनुमान के मुताबिक अगले 24 घंटे के अंदर गंगा खतरे के निशान को पार कर जाएगी.
पटना में भी गंगा का पानी सड़कों पर आ चुका है और लोगों को परेशानी भी हो रही है. हालांकि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार भी इस बात को मान रहे हैं इस बार गंगा का पानी ज्यादा बढ़ा है और पटना को लेकर भी सरकार सजग है अधिकारियों को इस पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
नालंदा, गया, जहानाबाद के उन हिस्सों को जो प्रभावित है कई नदियों से, कई जगहों पर तो हमने देखा है कि बहुत पानी है. खतरा और बढ़ सकता है. इसलिए हमने बता दिया है कि डीएम को क्या करना है. टाल एरिया पर भी खास नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
बिहार में बाढ़ साल दर साल जिस तरीके से प्रभावित करने के लिए क्षेत्र को बढ़ा रहा है उसके लिए कोई न कोई दूरगामी योजना बनानी होगी. हालांकि नीतीश कुमार से नदी जोड़ो योजना पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस पर काम करना होगा. केंद्र को रिपोर्ट भेजी गई है.
जिस तरीके से नदियों से बिहार तबाह हो रहा है बिहार और केंद्र में चल रही दो इंजन की सरकार को सोचना होगा क्योंकि बिहार में बाढ़ जब विकराल रुप लेती है तो बिहार के आम लोगों की जिंदगी के जीने का हर इंजन ही बंद हो जाता है.
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