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गंगा उद्धव योजनाः बोले मंत्री- 2022 में पूरा हो जाएगा पहले फेज का काम - जदयू जनसुनवाई कार्यक्रम

बिहार में गंगा उद्धव योजना के पहले फेज का काम वर्ष 2022 में पूरा हो जाएगा. इस बात की जानकारी जल संसाधन मंत्री ने दी. उन्होंने कहा कि 4 महीने पहले ही काम पूरा हो जाता. कोरोना के कारण देरी हुई. पढ़ें रिपोर्ट...

पटना
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Published : Oct 1, 2021, 4:00 PM IST

पटनाः बिहार में गंगा जल (Water of Ganga River) को राजगीर, गया ले जाने के लिए गंगा उद्धव योजना (Ganga Uddhav Yojna) पर काम तेजी से चल रहा है. जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचे जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि गंगा उद्धव योजना का काम अपने स्पीड से चल रहा है. कोरोना के कारण कुछ असर पड़ा है. इसका कार्य 4 महीने पहले पूरा हो जाता. अब पहले फेज का काम 2022 में पूरा होगा.

यह भी पढ़ें- गंगा उद्धव योजनाः पटना के हाथीदह से राजगीर, नवादा और गया पहुंचेगा गंगाजल, दूर होगा जल संकट

'गंगा उद्धव योजना को लेकर तेजी से काम चल रहा है. अगले साल 2022 में पहले फेज का काम पूरा हो जाएगा. बिहार में पहली बार गंगाजल को लिफ्ट कर दूसरे स्थान पर ले जाने की तैयारी हो रही है. कोरोना का असर पड़ा है. नहीं तो 4 महीने पहले ही इस योजना को पूरा कर लिया जाता. गंगा उद्धव योजना से भी बाढ़ से बचाव का काम होगा. क्योंकि गंगा में जो अधिक जल बाढ़ के समय आएगा, उसे ही लिफ्ट किया जाएगा. वह भी 4 महीने के लिए.' -संजय झा, मंत्री, जल संसाधन विभाग

देखें वीडियो

गंगा उद्धव योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. संजय झा का दावा है कि इस पर काम तेजी से चल रहा है और अगले साल इस पर ट्रायल भी शुरू हो जाएगा. बता दें कि साल 2020 से ही योजना पर काम शुरू हो गया है. तीन फेज में इस योजना पर होना है. पिछले दिनों उन्होंने जल जीवन हरियाली योजना की समीक्षा बैठक की थी, जिसमें योजना की प्रगति की भी रिपोर्ट ली थी. जल संसाधन विभाग और पीएचईडी विभाग इस योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

योजना की प्रमुख्य बातें

  • गंगा उद्धव योजना राजगीर के साथ नवादा और गया को भी मिलेगा पेयजल.
  • पटना के मोकामा हाथीदह से गंगाजल पाइप लाइन के सहारे तीन शहरों को पहुंचाया जाएगा.
  • 191 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन होगी.
  • राजगीर गया और नवादा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है.
  • जुलाई से अक्टूबर तक चार महीने गंगाजल को पाइप के सहारे ले जाया जाएगा.
  • मोकामा के हाथीदह से सरमेरा-बरबीघा होते हुए गिरियक तक पाइप से गंगाजल लाया जाएगा
  • 51 किलोमीटर की दूरी में एक ही चैनल होगा. उसके बाद गिरियक से तीन रास्ते होंगे. एक तरफ राजगीर तो दूसरी तरफ नवादा के लिए पाइपलाइन जाएगी. गिरियक से ही बाणगंगा होते हुए गया के मानपुर तक पाइप पहुंचेगी.
  • इस योजना पर लगभग 2,800 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है.
  • गया शहर को इस योजना से 186 मिलीयन लीटर पानी की उपलब्धता होगी, जबकि नालंदा के गिरियक के लिए प्रतिदिन 24 मिलीमीटर पानी की आपूर्ति होगी. पानी को शोधित करने के लिए जगह-जगह उपकरण लगाने की व्यवस्था भी की गई है.

बिहार में गंगा जल को पेयजल के रूप में इतने बड़े पैमाने पर प्रयोग पहली बार किया जा रहा है. राजधानी पटना के लोगों को भी एक बार पेयजल के रूप में गंगाजल पिलाने की योजना शुरू करने की घोषणा तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने की थी, लेकिन वह जमीन पर नहीं उतर सकी. नीतीश कुमार की यह योजना राजगीर के लोगों के साथ नवादा और गया के लोगों को भी लाभ पहुंचाएगी.

यह भी पढ़ें- राजगीर पर मेहरबान CM नीतीश, गंगा उद्धव योजना के तहत इन 3 शहरों पर मिलेगा पेयजल

पटनाः बिहार में गंगा जल (Water of Ganga River) को राजगीर, गया ले जाने के लिए गंगा उद्धव योजना (Ganga Uddhav Yojna) पर काम तेजी से चल रहा है. जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचे जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि गंगा उद्धव योजना का काम अपने स्पीड से चल रहा है. कोरोना के कारण कुछ असर पड़ा है. इसका कार्य 4 महीने पहले पूरा हो जाता. अब पहले फेज का काम 2022 में पूरा होगा.

यह भी पढ़ें- गंगा उद्धव योजनाः पटना के हाथीदह से राजगीर, नवादा और गया पहुंचेगा गंगाजल, दूर होगा जल संकट

'गंगा उद्धव योजना को लेकर तेजी से काम चल रहा है. अगले साल 2022 में पहले फेज का काम पूरा हो जाएगा. बिहार में पहली बार गंगाजल को लिफ्ट कर दूसरे स्थान पर ले जाने की तैयारी हो रही है. कोरोना का असर पड़ा है. नहीं तो 4 महीने पहले ही इस योजना को पूरा कर लिया जाता. गंगा उद्धव योजना से भी बाढ़ से बचाव का काम होगा. क्योंकि गंगा में जो अधिक जल बाढ़ के समय आएगा, उसे ही लिफ्ट किया जाएगा. वह भी 4 महीने के लिए.' -संजय झा, मंत्री, जल संसाधन विभाग

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गंगा उद्धव योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. संजय झा का दावा है कि इस पर काम तेजी से चल रहा है और अगले साल इस पर ट्रायल भी शुरू हो जाएगा. बता दें कि साल 2020 से ही योजना पर काम शुरू हो गया है. तीन फेज में इस योजना पर होना है. पिछले दिनों उन्होंने जल जीवन हरियाली योजना की समीक्षा बैठक की थी, जिसमें योजना की प्रगति की भी रिपोर्ट ली थी. जल संसाधन विभाग और पीएचईडी विभाग इस योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

योजना की प्रमुख्य बातें

  • गंगा उद्धव योजना राजगीर के साथ नवादा और गया को भी मिलेगा पेयजल.
  • पटना के मोकामा हाथीदह से गंगाजल पाइप लाइन के सहारे तीन शहरों को पहुंचाया जाएगा.
  • 191 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन होगी.
  • राजगीर गया और नवादा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है.
  • जुलाई से अक्टूबर तक चार महीने गंगाजल को पाइप के सहारे ले जाया जाएगा.
  • मोकामा के हाथीदह से सरमेरा-बरबीघा होते हुए गिरियक तक पाइप से गंगाजल लाया जाएगा
  • 51 किलोमीटर की दूरी में एक ही चैनल होगा. उसके बाद गिरियक से तीन रास्ते होंगे. एक तरफ राजगीर तो दूसरी तरफ नवादा के लिए पाइपलाइन जाएगी. गिरियक से ही बाणगंगा होते हुए गया के मानपुर तक पाइप पहुंचेगी.
  • इस योजना पर लगभग 2,800 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है.
  • गया शहर को इस योजना से 186 मिलीयन लीटर पानी की उपलब्धता होगी, जबकि नालंदा के गिरियक के लिए प्रतिदिन 24 मिलीमीटर पानी की आपूर्ति होगी. पानी को शोधित करने के लिए जगह-जगह उपकरण लगाने की व्यवस्था भी की गई है.

बिहार में गंगा जल को पेयजल के रूप में इतने बड़े पैमाने पर प्रयोग पहली बार किया जा रहा है. राजधानी पटना के लोगों को भी एक बार पेयजल के रूप में गंगाजल पिलाने की योजना शुरू करने की घोषणा तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने की थी, लेकिन वह जमीन पर नहीं उतर सकी. नीतीश कुमार की यह योजना राजगीर के लोगों के साथ नवादा और गया के लोगों को भी लाभ पहुंचाएगी.

यह भी पढ़ें- राजगीर पर मेहरबान CM नीतीश, गंगा उद्धव योजना के तहत इन 3 शहरों पर मिलेगा पेयजल

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