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नवरात्र के पहले दिन धूमधाम से हुई मां शैलपुत्री की पूजा, निकाली गई शोभा यात्रा

शारदीय नवरात्र के शुरुआत के साथ ही देवी मंदिरों और पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती के सस्वर पाठ के साथ विधि विधान से कलश स्थापन की गई. इस दौरान कई जगहों पर महिलाओं और कुंवारी कन्याओं ने कलश और शोभा यात्रा भी निकाली.

शारदीय नवरात्र के पहले दिन धूमधाम से हुई मां शैलपुत्री की पूजा
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Published : Sep 30, 2019, 12:03 AM IST

पटनाः कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है. इसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाती है. इस बार 9 मंगलकारी संयोग मिल रहे हैं, 2 दिन अमृत सिद्धि, 2 दिन स्वार्थसिद्धि, 2 दिन रवि योग और दो सोमवार होंगे जो शिव शक्ति के प्रतीक हैं. भक्तजन माता की आराधना में लीन हो गए हैं.

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कलश यात्रा

सिद्धेश्वर काली मंदिर की मान्यता
रविवार को राजधानी के सिद्धेश्वर काली मंदिर से कलश यात्रा का आयोजन किया गया. इसमें 108 महिलाएं श्रद्धालु शामिल हुई. जो सिर पर कलश रखकर गंगा नदी के पावन तट पर गंगाजल भरेंगी. इसके बाद उनके मंदिर पहुंचने के बाद कलश की स्थापना होगी. इस मंदिर की काफी मान्यता है. यहां हर साल कलश यात्रा का आयोजन किया जाता है.

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मंदिर में कलश स्थापन

मुजफ्फरपुर में भारी वर्षा में कलश स्थापना
9 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में पहला दिन विशेष महत्व रखता है. कलश स्थापना को लेकर मुजफ्फरपुर के मंदिरों में गहमागहमी है. कई देवी मंदिरों में भारी वर्षा और खराब मौसम के बीच कलश स्थापना कर दी गई. भक्तों में मां के प्रति काफी उत्साह देखा जा रहा है. इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है जो काफी शुभ है. इससे बारिश की अच्छी संभावना है. जिससे किसानों को फायदा होगा, लेकिन देवी का जाना मुर्गी से हो रहा है जो अशुभ है और कलह उत्पन्न होगा.

शारदीय नवरात्र के पहले दिन धूमधाम से हुई मां शैलपुत्री की पूजा

सुरसंड में निकाली गई मंगल शोभा यात्रा
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण सांस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः मंत्र के साथ सीतामढ़ी के सुरसंड में नवरात्र के पहले दिन विशाल मंगल शोभा यात्रा निकाली गई. इसमें हजारों कुंवारी कन्याओं ने हिस्सा लिया. यह हर साल काफी भव्य तरीके से निकाला जाता है. यहां के देवी मंदिरों और पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती के सस्वर पाठ के साथ विधि विधान से कलश स्थापन की गई.

पटनाः कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है. इसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाती है. इस बार 9 मंगलकारी संयोग मिल रहे हैं, 2 दिन अमृत सिद्धि, 2 दिन स्वार्थसिद्धि, 2 दिन रवि योग और दो सोमवार होंगे जो शिव शक्ति के प्रतीक हैं. भक्तजन माता की आराधना में लीन हो गए हैं.

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कलश यात्रा

सिद्धेश्वर काली मंदिर की मान्यता
रविवार को राजधानी के सिद्धेश्वर काली मंदिर से कलश यात्रा का आयोजन किया गया. इसमें 108 महिलाएं श्रद्धालु शामिल हुई. जो सिर पर कलश रखकर गंगा नदी के पावन तट पर गंगाजल भरेंगी. इसके बाद उनके मंदिर पहुंचने के बाद कलश की स्थापना होगी. इस मंदिर की काफी मान्यता है. यहां हर साल कलश यात्रा का आयोजन किया जाता है.

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मंदिर में कलश स्थापन

मुजफ्फरपुर में भारी वर्षा में कलश स्थापना
9 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में पहला दिन विशेष महत्व रखता है. कलश स्थापना को लेकर मुजफ्फरपुर के मंदिरों में गहमागहमी है. कई देवी मंदिरों में भारी वर्षा और खराब मौसम के बीच कलश स्थापना कर दी गई. भक्तों में मां के प्रति काफी उत्साह देखा जा रहा है. इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है जो काफी शुभ है. इससे बारिश की अच्छी संभावना है. जिससे किसानों को फायदा होगा, लेकिन देवी का जाना मुर्गी से हो रहा है जो अशुभ है और कलह उत्पन्न होगा.

शारदीय नवरात्र के पहले दिन धूमधाम से हुई मां शैलपुत्री की पूजा

सुरसंड में निकाली गई मंगल शोभा यात्रा
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण सांस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः मंत्र के साथ सीतामढ़ी के सुरसंड में नवरात्र के पहले दिन विशाल मंगल शोभा यात्रा निकाली गई. इसमें हजारों कुंवारी कन्याओं ने हिस्सा लिया. यह हर साल काफी भव्य तरीके से निकाला जाता है. यहां के देवी मंदिरों और पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती के सस्वर पाठ के साथ विधि विधान से कलश स्थापन की गई.

Intro:शारदीय नवरात्रि की शुरुआत रविवार से हो गयी .बाबा गरीब नाथ की नगरी मुजफ्फरपुर में श्रद्धालु माता की आराधना में लीन हो गई है ,नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाती है ।


Body:देवी उपासना का पर्व नवरात्र रविवार से शुरू हो गया 9 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में पहला दिन विशेष महत्व रखता है देवी की कलश स्थापना देवी की आगमन किन परिस्थितियों में हो रहा है इन चीजों से पूरे साल का निर्धारण होता है । कलश स्थापना को लेकर जिले के मंदिरों में गहमागहमी है कई देवी मंदिरों में भारी वर्षा और खराब मौसम के बीच कलश स्थापना कर दी गई है भक्तों में मां के प्रति काफी उत्साह देखा जा रहा है दुर्गा मां का आगमन इस बार देवलोक से धरती लोक पर हाथी पर हो रहा है जो शुभ संकेत है देवी के आगमन से धरती पर बारिश की अच्छी संभावना है इससे किसानों को फायदा होगा लेकिन 9 दिनों तक सेवा भाव कराने के बाद देवी का धरती लोक से देवलोक जाना मुर्गी से हो रहा है जो अशुभ संकेत है जिससे कलह उत्पन्न होगा ।
बाइट पंडित भास्कर चौबे


Conclusion:वही शारदीय नवरात्र में पथम दिन माँ शैल पुत्री की पूजा अर्चना मंदिर और घरों में बड़ी धूमधाम से की जा रही है ।
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