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Hajj Yatra 2022: 18 जून को कोलकाता से रवाना होगा पहला जत्था, आज हज भवन में जलसा.. CM होंगे शरीक

हज यात्रा (Hajj Yatra 2022) को लेकर आज पटना के हज भवन में जलसा (Jalsa at Hajj Bhawan in Patna) का आयोजन किया जा रहा है. सीएम नीतीश कुमार और बिहार सरकार के कई मंत्री और आला अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे. हज यात्रियों का पहला जत्था 18 जून को कोलकाता से रवाना होगा.

हज यात्रियों का पहला जत्था 18 जून को कोलकाता से रवाना होगा
हज यात्रियों का पहला जत्था 18 जून को कोलकाता से रवाना होगा
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Published : Jun 12, 2022, 10:33 AM IST

पटना: बिहार के हज यात्रियों का पहला जत्था (First batch of Hajj pilgrims from Bihar) 18 जून को कोलकाता से सऊदी अरब के लिए रवाना होगा. हज यात्रा को लेकर पटना हज भवन में दुआइया मजलिस (Jalsa at Hajj Bhawan in Patna) का आज आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भी शामिल होंगे. सीएम हज से जुड़ी तमाम तैयारियों का जायजा लेंगे. साथ ही वो यहां हाजियों से भी बातचीत करेंगे.

ये भी पढ़ें: हजयात्रियों को लेनी होंगी टीकों की दोनों खुराकें: नकवी

पटना के हज भवन में जलसा: राज्य हज कमेटी के चेयरमैन अब्दुल हक के अनुसार 18 जून को कोलकाता से पहला जत्था हज के लिए जाएगा. इसमें पटना जिले के हज यात्री होंगे. इसके लिए 17 जून को पटना के हज यात्रियों को कोलकाता ले जाया जाएगा. पटना के हज यात्रियों के लिए विभूति एक्सप्रेस में अलग से दो बोगियां जोड़ी जाएगी. बिहार के हज यात्रियों का दूसरे जत्था 21 जून को कोलकाता से उड़ान भरेगा और आखिरी जत्था 23 जून को कोलकाता से ही रवाना होगा. इस बार बिहार से 1883 लोग हज यात्रा पर जा रहे हैं. हज यात्रा को लेकर राज्य हज कमेटी की ओर से शेड्यूल जारी कर दिया गया है. अधिक जानकारी के लिए हज कमिटी ने मोबाइल नंबर भी जारी किया है, जो इस प्रकार से है. 97096 47585, 70708 10696, 82714 63343.

हज यात्रा क्यों जरूरी?: मुस्लिमों के लिए हज यात्रा बेहद जरूरी मानी जाती है. ये इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. इस्लाम में 5 स्तंभ हैं- कलमा पढ़ना, नमाज पढ़ना, रोजा रखना, जकात देना और हज पर जाना. कलमा, नमाज और रोजा रखना तो हर मुसलमान के लिए जरूरी है. लेकिन जकात (दान) और हज में कुछ छूट दी गई है. जो सक्षम हैं यानी जिनके पास पैसा है, उनके लिए ये दोनों (जकात और हज) जरूरी हैं. हज सऊदी अरब के मक्का शहर में होता है, क्योंकि काबा मक्का में है. काबा वो इमारत है, जिसकी ओर मुंह करके मुसलमान नमाज पढ़ते हैं. काबा को अल्लाह का घर भी कहा जाता है. इस वजह से ये मुसलमानों का तीर्थ स्थल है.

हज यात्रा में कौन जा सकता है?: हज यात्रा में सिर्फ वही मुस्लिम जा सकते हैं जिनकी उम्र 65 साल से कम होगी. यानी, अगर आपका जन्म 10 जुलाई 1957 के बाद हुआ है तो आप हज यात्रा पर जा सकते हैं. ये नियम कोरोना के मद्देजनर हैं. हज यात्रा पर जाने के लिए कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी जरूरी हैं. इसके साथ ही वैक्सीनेशन के बावजूद सऊदी अरब जाने से 72 घंटे पहले निगेटिव RTPCR रिपोर्ट चाहिए होगी. हज यात्रा में 45 साल से ऊपर की महिलाएं बिना पुरुष साथी के भी जा सकती हैं. हालांकि, उनके साथ 4 महिला साथी होना जरूरी है.

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पटना: बिहार के हज यात्रियों का पहला जत्था (First batch of Hajj pilgrims from Bihar) 18 जून को कोलकाता से सऊदी अरब के लिए रवाना होगा. हज यात्रा को लेकर पटना हज भवन में दुआइया मजलिस (Jalsa at Hajj Bhawan in Patna) का आज आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भी शामिल होंगे. सीएम हज से जुड़ी तमाम तैयारियों का जायजा लेंगे. साथ ही वो यहां हाजियों से भी बातचीत करेंगे.

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पटना के हज भवन में जलसा: राज्य हज कमेटी के चेयरमैन अब्दुल हक के अनुसार 18 जून को कोलकाता से पहला जत्था हज के लिए जाएगा. इसमें पटना जिले के हज यात्री होंगे. इसके लिए 17 जून को पटना के हज यात्रियों को कोलकाता ले जाया जाएगा. पटना के हज यात्रियों के लिए विभूति एक्सप्रेस में अलग से दो बोगियां जोड़ी जाएगी. बिहार के हज यात्रियों का दूसरे जत्था 21 जून को कोलकाता से उड़ान भरेगा और आखिरी जत्था 23 जून को कोलकाता से ही रवाना होगा. इस बार बिहार से 1883 लोग हज यात्रा पर जा रहे हैं. हज यात्रा को लेकर राज्य हज कमेटी की ओर से शेड्यूल जारी कर दिया गया है. अधिक जानकारी के लिए हज कमिटी ने मोबाइल नंबर भी जारी किया है, जो इस प्रकार से है. 97096 47585, 70708 10696, 82714 63343.

हज यात्रा क्यों जरूरी?: मुस्लिमों के लिए हज यात्रा बेहद जरूरी मानी जाती है. ये इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. इस्लाम में 5 स्तंभ हैं- कलमा पढ़ना, नमाज पढ़ना, रोजा रखना, जकात देना और हज पर जाना. कलमा, नमाज और रोजा रखना तो हर मुसलमान के लिए जरूरी है. लेकिन जकात (दान) और हज में कुछ छूट दी गई है. जो सक्षम हैं यानी जिनके पास पैसा है, उनके लिए ये दोनों (जकात और हज) जरूरी हैं. हज सऊदी अरब के मक्का शहर में होता है, क्योंकि काबा मक्का में है. काबा वो इमारत है, जिसकी ओर मुंह करके मुसलमान नमाज पढ़ते हैं. काबा को अल्लाह का घर भी कहा जाता है. इस वजह से ये मुसलमानों का तीर्थ स्थल है.

हज यात्रा में कौन जा सकता है?: हज यात्रा में सिर्फ वही मुस्लिम जा सकते हैं जिनकी उम्र 65 साल से कम होगी. यानी, अगर आपका जन्म 10 जुलाई 1957 के बाद हुआ है तो आप हज यात्रा पर जा सकते हैं. ये नियम कोरोना के मद्देजनर हैं. हज यात्रा पर जाने के लिए कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी जरूरी हैं. इसके साथ ही वैक्सीनेशन के बावजूद सऊदी अरब जाने से 72 घंटे पहले निगेटिव RTPCR रिपोर्ट चाहिए होगी. हज यात्रा में 45 साल से ऊपर की महिलाएं बिना पुरुष साथी के भी जा सकती हैं. हालांकि, उनके साथ 4 महिला साथी होना जरूरी है.

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