पटना: चिलचिलाती गर्मी और पछुआ हवा इन दिनों बिहार के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. प्रदेश सहित राजधानी पटना में भी इन दिनों गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही अगलगी की घटनाएं बढ़ गई हैं.
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आग का रौद्र रूप
हाल के दिनों में पटना के कई इलाकों में आग ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. हालांकि लोदीपुर स्थित बिहार राज्य अग्निशमन विभाग कार्यालय में मौजूद कर्मचारी कहते हैं कि अगलगी की घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशमन विभाग पूरी तरह से तैयार है. हालांकि इस कार्यालय में लगी अग्निशमन विभाग की आग बुझाने वाली गाड़ियां पूरी तरह से जर्जर हो गई हैं.
पूरी तैयारी का विभाग का दावा
विभाग का दावा है कि आग पर काबू पाने के लिए विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. लेकिन हालात ऐसे हैं कि अगलगी की घटनाओं में उपयोग किए जाने वाले वॉटर टैंकर से वाटर बदस्तूर लिक होता रहता है. तो वहीं वाटर टैंकर बिना मेंटेनेंस के काफी जर्जर स्थिति में नजर आते हैं.
'बिहार के किसी कोने में अगर अगलगी की घटनाएं होती है तो सबसे पहले उसकी सूचना लोदीपुर स्थित बिहार अग्निशमन विभाग कार्यालय के पास आती है. और यहां मौजूद कर्मी संबंधित जिले के अग्निशमन विभाग को इस अगलगी की घटना के लोकेशन की तुरंत जानकारी देते हैं. अगर किसी संकरी गली में आग लग जाती है तो उस पर काबू करने के लिए अग्निशमन विभाग के पास छोटे वाटर टैंकर भी मौजूद हैं.'- सुरेश राम, कर्मी अग्निशमन विभाग ,पटना
संसाधनों की कमी से जूझ रहा विभाग
विभाग में संसाधनों की कमी भी देखने को मिल रही है. फिर भी फायर फाइटर सभी तरह की परिस्थितियों से निपटने का दावा कर रहे हैं.पटना के लोदीपुर में मौजूद बिहार अग्निशमन विभाग कार्यालय में लगे अग्निशमन विभाग के वाटर टैंकर पूरी तरह से जर्जर हो गए हैं. 15 साल से अधिक हुए वाटर टैंकर मेंटेनेंस के अभाव में लिक कर रहे हैं.
कैसे बुझेगी आग ?
हालात ऐसे हैं कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां सड़कों पर चलने लायक नहीं दिख रही हैं. हालांकि इस मामले पर बोलने से अग्निशमन विभाग के कर्मी बचते नजर आए.
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विभाग कर रहा लोगों को जागरुक
गौरतलब है कि अग्निशमन विभाग समय-समय पर मॉक ड्रिल, नुक्कड़ नाटक और वर्कशॉप के जरिए झुग्गी झोपड़ी से लेकर पंचायतों तक अगलगी की घटनाओं से बचने के लिए लोगों को जागरुक करने का कार्य करती नजर आती है. और इस मामले को लेकर सभी कमांडेंट से अग्निशमन विभाग डेली रिपोर्ट भी लेता है. तमाम कोशिशों के बावजूद जबतक संसाधनों को दुरुस्त नहीं किया जाएगा तब तक आग की बढ़ती घटनाओं को रोक पाने में फायर फाइटर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
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