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बिहार में बाढ़ का तांडव, अब तक 73 लोगों की मौत - Patna

बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है. नेपाल के तराई इलाके और उत्तर बिहार में बारिश के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में आए बाढ़ का संकट और गहराता जा रहा है

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Published : Jul 18, 2019, 7:54 AM IST

Updated : Jul 18, 2019, 11:12 AM IST

पटनाः बिहार में बाढ़ से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. राज्य के 12 जिले बाढ़ का तांडव झेल रहे हैं. उत्तरी बिहार के 25 लाख से ज्यादा लोग इस विभिषिका की चपेट में हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबकि बुधवार तक ये आपदा 73 लोग को लील चुकी है.

मोतिहारी में 21 लोगों की मौत
जिलेवार बात करें तो मोतिहारी में अबतक 21 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अररिया में 15 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. मधुबनी में प्रलयंकारी बाढ़ से 8 लोगों की मौत हुई तो किशनगंज के जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने 4 मौत की पुष्टि की है. जिसमें दो बच्चे और दो जवान शामिल हैं.

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सुरक्षित जगहों पर जाते लोग

सीतामढ़ी में 5 लोगों की मौत
सीतामढ़ी में 5 लोगों की मौत हुई, तो वहीं सुपौल में भी मरने वालों की संख्या 5 हो गई है. शिवहर में 6 बच्चियों की मौत हुई, जबकि मुजफ्फरपुर में 2 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं दरभंगा में दो और बेतिया में 3 लोगों की मौत इस भीषण आपदा के कारण हो चुकी है.

राहत और बचाव कार्य जारी
बाढ़ के कारण मौत के ये आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इन सभी के बीच सरकार लगातार बेहतर राहत और बचाव कार्य के दावे तो कर रही है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की शिकायत और जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रहे हैं.

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पानी में डूबा गांव

लोगों का ठिकाना बना राहत शिविर
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं.

बाढ़ से प्रभावित इलाके और परेशान लोग

विपक्ष ने सरकार को घेरा
बहरहाल, जो भी हो सदन में विपक्ष विरोध कर रहा है और सीएम नीतीश कुमार बाढ़ इलाकों का हवाई दौरा कर अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने के दंभ भर रहे हैं, लेकिन इन सब के बीच दशकों से बाढ़ की आपदा झेल रहे बिहारियों की किस्मत नहीं बदल रही.

पटनाः बिहार में बाढ़ से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. राज्य के 12 जिले बाढ़ का तांडव झेल रहे हैं. उत्तरी बिहार के 25 लाख से ज्यादा लोग इस विभिषिका की चपेट में हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबकि बुधवार तक ये आपदा 73 लोग को लील चुकी है.

मोतिहारी में 21 लोगों की मौत
जिलेवार बात करें तो मोतिहारी में अबतक 21 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अररिया में 15 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. मधुबनी में प्रलयंकारी बाढ़ से 8 लोगों की मौत हुई तो किशनगंज के जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने 4 मौत की पुष्टि की है. जिसमें दो बच्चे और दो जवान शामिल हैं.

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सुरक्षित जगहों पर जाते लोग

सीतामढ़ी में 5 लोगों की मौत
सीतामढ़ी में 5 लोगों की मौत हुई, तो वहीं सुपौल में भी मरने वालों की संख्या 5 हो गई है. शिवहर में 6 बच्चियों की मौत हुई, जबकि मुजफ्फरपुर में 2 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं दरभंगा में दो और बेतिया में 3 लोगों की मौत इस भीषण आपदा के कारण हो चुकी है.

राहत और बचाव कार्य जारी
बाढ़ के कारण मौत के ये आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इन सभी के बीच सरकार लगातार बेहतर राहत और बचाव कार्य के दावे तो कर रही है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की शिकायत और जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रहे हैं.

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पानी में डूबा गांव

लोगों का ठिकाना बना राहत शिविर
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं.

बाढ़ से प्रभावित इलाके और परेशान लोग

विपक्ष ने सरकार को घेरा
बहरहाल, जो भी हो सदन में विपक्ष विरोध कर रहा है और सीएम नीतीश कुमार बाढ़ इलाकों का हवाई दौरा कर अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने के दंभ भर रहे हैं, लेकिन इन सब के बीच दशकों से बाढ़ की आपदा झेल रहे बिहारियों की किस्मत नहीं बदल रही.

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Last Updated : Jul 18, 2019, 11:12 AM IST
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