पटना: साल 2020 ना सिर्फ बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण है बल्कि बिहार की राज्यसभा की 5 सीटें इस साल खाली हो रही हैं. इन सीटों पर भी इस साल चुनाव होने हैं. पांच में से कम से कम 2 सीटें राष्ट्रीय जनता दल के खाते में जाने वाली हैं. इसे लेकर ना सिर्फ राजद बल्कि महागठबंधन के अन्य नेता भी अपनी अपनी फील्डिंग में लगे हुए हैं.
दरअसल, 2020 में बिहार से राज्यसभा के 5 सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले इन 5 सीटों को लेकर सभी पार्टियों में सरगर्मी तेज हो गई है. विशेष रूप से महागठबंधन की बात करें तो राजद के पास 2 सीटें 2020 में आ रही हैं. जिनके लिए एक तरफ तो शिवानंद तिवारी और रघुवंश सिंह जैसे राजद के कई वरिष्ठ नेता उम्मीद लगाए बैठे हैं. वहीं, महागठबंधन में ना सिर्फ उपेंद्र कुशवाहा और शरद यादव बल्कि शत्रुघ्न सिन्हा भी लाइन में हैं.
खाली होने वाली सीटें
हरिवंश नारायण सिंह (जदयू)- 9 अप्रैल 2020
रामनाथ ठाकुर (जदयू)- 9 अप्रैल 2020
कहकशां परवीन (जदयू)- 9 अप्रैल 2020
आर के सिन्हा (बीजेपी)- 9 अप्रैल 2020
सीपी ठाकुर (बीजेपी)- 9 अप्रैल 2020
इस आधार पर आरजेडी के पास जाएगी 2 सीट
इसके अलावा 1 अन्य सीट के लिए भी मतदान होगा, यानी कुल 7 सीटों के लिए इस बार मतदान होना है. बता दें कि राज्यसभा में बिहार से शरद यादव की सीट खाली है. जदयू से असंबद्ध होने के कारण उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. राज्यसभा चुनाव किसी राज्य विधानसभा की सीटों के आधार पर होता है. बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटों के आधार पर एक राज्यसभा सीट के लिए कम से कम 27 विधायकों का वोट चाहिए होता है. इस आधार पर राजद के पास दो राज्य सभा सीटें इस बार होंगी.
आरजेडी और बीजेपी की ओर से बयानबाजी जारी
इसपर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कुछ भी बोलने से बचे रहे हैं. उनका कहना है कि ये पार्टी शीर्ष नेतृत्व का फैसला होगा, इस पर हमारा बयान देना उचित नहीं है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अजफर शमशी ने कहा कि आरजेडी की ओर से जो भी दावेदार हैं, सभी कटी पतंग हैं. इन नेताओं का न कोई विजन है और न ही कोई मिशन. पूरे देश में एनडीए की लहर है.
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बहरहाल, एक तरफ विधानसभा चुनाव है और दूसरी तरफ से राज्यसभा का चुनाव. ऐसे में इन दोनों के लिए महागठबंधन के नेताओं में जबरदस्त खींचतान चल रही है. लालू पर दबाव बनाने के लिए लगातार शरद यादव, उपेंद्र कुशवाहा और मांझी अलग बैठक कर रहे हैं. इधर लालू से मुलाकात करने में भी शत्रुघ्न सिन्हा और शरद यादव आगे हैं.