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Bihar MLC Election : 24 सीटों के लिए NDA और RJD में जबरदस्त जंग, जीत के साथ विधान परिषद में ताकत बढ़ाना चाहते हैं दोनों - एमएलसी चुनाव के लिए आरजेडी और एनडीए में टक्कर

बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) में पंचायत चुनाव के नव निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इस चुनाव में एनडीए और आरजेडी की तरफ से पूरी ताकत लगाई जा रही है. आरजेडी ने तो अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं. वहीं एनडीए की तरफ से बीजेपी और जेडीयू ने सीटों का बंटवारा तो कर लिया है लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा अब तक नहीं की है. जेडीयू और बीजेपी अपने पुराने उम्मीदवारों को ही मौका देने जा रही है, केवल औपचारिक ऐलान होना बाकी है.

एमएलसी चुनाव के लिए आरजेडी और एनडीए में टक्कर
एमएलसी चुनाव के लिए आरजेडी और एनडीए में टक्कर
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Published : Mar 6, 2022, 7:00 PM IST

पटना: बिहार में 24 सीटों पर एमएलसी का चुनाव (MLC Elections On 24 Seats in Bihar) होना है. फिलहाल बिहार विधान परिषद में जेडीयू के सबसे अधिक 23 विधान पार्षद हैं. उसके बाद बीजेपी के सदस्यों की संख्या 16 है, जबकि आरजेडी के केवल 5 एमएलसी हैं. वहीं कांग्रेस के तीन, सीपीआई के दो विधान पार्षद हैं. इसके अलावे हम और वीआईपी के 1-1 सदस्य हैं. वैसे तो विधान परिषद की खाली हुई 24 सीटों में से ज्यादातर बीजेपी और जेडीयू के हैं लेकिन आरजेडी के लिए सदन में अपनी स्थिति मजबूत करना है तो इसमें से अधिक से अधिक सीट जीतना जरूरी होगा. इसलिए आरजेडी ने 24 में से 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार दिए हैं. केवल एक सीट लेफ्ट पार्टी के लिए छोड़ी है. इसी कारण कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारे हैं.

ये भी पढ़ें: बिहार में ड्राइविंग सीट चाहता है RJD, लेकिन बगैर कांग्रेस के सहयोग के सफलता आसान नहीं!

दोनों गठबंधन में बिखराव: पिछले साल 2 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के बाद आरजेडी के लिए 24 विधान परिषद सीटों का चुनाव महत्वपूर्ण है लेकिन उपचुनाव की तरह ही विधान परिषद चुनाव में भी महागठबंधन बिखर चुका है. दूसरी तरफ एनडीए में बीजेपी और जेडीयू एक बार फिर से एकजुटता के साथ इस चुनाव में लड़ने जा रही है. 12 सीट पर बीजेपी अपने उम्मीदवार दे रही है तो वहीं 11 सीट पर जेडीयू और एक सीट पर पशुपति पारस की आरएलजेपी चुनाव लड़ रही है. हालांकि एनडीए में मुकेश सहनी और जीतनराम मांझी सीट नहीं मिलने से नाराज हैं. सहनी ने तो सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की भी घोषणा कर दी है. जानकार मानते हैं कि एनडीए पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

एनडीए ने किया जीत का दावा: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है पंचायत प्रतिनिधि जो चुनकर आए हैं, उनमें से अधिकांश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपोर्टर हैं, क्योंकि सीएम ने त्रिस्तरीय पंचायत को लेकर जो फैसला लिया है उसके कारण ही बड़ी संख्या में आधी आबादी को मौका मिला है. उन्होंने दावा किया कि एनडीए एकजुट है और परिणाम उनके पक्ष में आएंगे. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर का कहना है कि कहीं कोई मुकाबला है ही नहीं. एक भी सीट विपक्ष को मिलने वाला नहीं है. उनका सारा गणित फेल हो जाएगा और एनडीए को बड़ी सफलता मिलेगी.

आरजेडी को भी जीत की उम्मीद: उधर, आरजेडी के प्रदेश महासचिव नागेंद्र प्रसाद सिंह का दावा है कि पंचायत प्रतिनिधि जो नव निर्वाचित हुए हैं, अधिकांश आरजेडी खेमे के हैं. पंचायत प्रतिनिधियों में नीतीश सरकार को लेकर नाराजगी भी है. इसीलिए आरजेडी को पंचायत प्रतिनिधियों का वोट मिलेगा और आने वाले समय में विधान परिषद में हमारी स्थिति बेहद मजबूत होगी.

4 अप्रैल को मतदान: बिहार में 24 सीटों पर एमएलसी का चुनाव (MLC Elections On 24 Seats in Bihar) होना है. इसके लिए 9 मार्च से 16 मार्च तक नामांकन की समय सीमा तय की गई है. 21 मार्च तक नामांकन वापसी की तारीख है. 4 अप्रैल को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग की प्रक्रिया चलेगी और 7 अप्रैल को काउंटिंग होगी और नतीजे सामने आएंगे. इस बार कई ग्राम पंचायतों का नगर निगम क्षेत्र में सम्मिलित होने के कारण लगभग 6000 से अधिक मतदाता कम होंगे और इस बार मतदाताओं की संख्या 1,32,000 के करीब रहने का अनुमान है.

बिहार में आचार संहिता लागू: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि एमएलसी चुनाव को लेकर प्रदेश में आचार संहिता आज से लागू हो गई है. इस बार चुनाव के दौरान लोकसभा सांसद और विधायकों को उनके क्षेत्र के किसी एक प्रखंड में मतदान देने का अधिकार होगा. जिन विधानसभा क्षेत्र में दो से तीन ब्लॉक आते हैं, ऐसे में विधायक और लोकसभा सांसद के लिए अपने क्षेत्र के किसी एक ब्लॉक के मतदान केंद्र को चुनने का अधिकार होगा, जहां वह मतदान के दिन मतदान कर सकेंगे.

ये भी पढ़ें: बिहार MLC चुनाव : फिर 'एकला चलो' की राह पर चिराग, सिर्फ खेल बिगाड़ना मकसद या फिर भविष्य की राजनीति

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पटना: बिहार में 24 सीटों पर एमएलसी का चुनाव (MLC Elections On 24 Seats in Bihar) होना है. फिलहाल बिहार विधान परिषद में जेडीयू के सबसे अधिक 23 विधान पार्षद हैं. उसके बाद बीजेपी के सदस्यों की संख्या 16 है, जबकि आरजेडी के केवल 5 एमएलसी हैं. वहीं कांग्रेस के तीन, सीपीआई के दो विधान पार्षद हैं. इसके अलावे हम और वीआईपी के 1-1 सदस्य हैं. वैसे तो विधान परिषद की खाली हुई 24 सीटों में से ज्यादातर बीजेपी और जेडीयू के हैं लेकिन आरजेडी के लिए सदन में अपनी स्थिति मजबूत करना है तो इसमें से अधिक से अधिक सीट जीतना जरूरी होगा. इसलिए आरजेडी ने 24 में से 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार दिए हैं. केवल एक सीट लेफ्ट पार्टी के लिए छोड़ी है. इसी कारण कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारे हैं.

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दोनों गठबंधन में बिखराव: पिछले साल 2 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के बाद आरजेडी के लिए 24 विधान परिषद सीटों का चुनाव महत्वपूर्ण है लेकिन उपचुनाव की तरह ही विधान परिषद चुनाव में भी महागठबंधन बिखर चुका है. दूसरी तरफ एनडीए में बीजेपी और जेडीयू एक बार फिर से एकजुटता के साथ इस चुनाव में लड़ने जा रही है. 12 सीट पर बीजेपी अपने उम्मीदवार दे रही है तो वहीं 11 सीट पर जेडीयू और एक सीट पर पशुपति पारस की आरएलजेपी चुनाव लड़ रही है. हालांकि एनडीए में मुकेश सहनी और जीतनराम मांझी सीट नहीं मिलने से नाराज हैं. सहनी ने तो सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की भी घोषणा कर दी है. जानकार मानते हैं कि एनडीए पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

एनडीए ने किया जीत का दावा: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है पंचायत प्रतिनिधि जो चुनकर आए हैं, उनमें से अधिकांश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपोर्टर हैं, क्योंकि सीएम ने त्रिस्तरीय पंचायत को लेकर जो फैसला लिया है उसके कारण ही बड़ी संख्या में आधी आबादी को मौका मिला है. उन्होंने दावा किया कि एनडीए एकजुट है और परिणाम उनके पक्ष में आएंगे. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर का कहना है कि कहीं कोई मुकाबला है ही नहीं. एक भी सीट विपक्ष को मिलने वाला नहीं है. उनका सारा गणित फेल हो जाएगा और एनडीए को बड़ी सफलता मिलेगी.

आरजेडी को भी जीत की उम्मीद: उधर, आरजेडी के प्रदेश महासचिव नागेंद्र प्रसाद सिंह का दावा है कि पंचायत प्रतिनिधि जो नव निर्वाचित हुए हैं, अधिकांश आरजेडी खेमे के हैं. पंचायत प्रतिनिधियों में नीतीश सरकार को लेकर नाराजगी भी है. इसीलिए आरजेडी को पंचायत प्रतिनिधियों का वोट मिलेगा और आने वाले समय में विधान परिषद में हमारी स्थिति बेहद मजबूत होगी.

4 अप्रैल को मतदान: बिहार में 24 सीटों पर एमएलसी का चुनाव (MLC Elections On 24 Seats in Bihar) होना है. इसके लिए 9 मार्च से 16 मार्च तक नामांकन की समय सीमा तय की गई है. 21 मार्च तक नामांकन वापसी की तारीख है. 4 अप्रैल को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग की प्रक्रिया चलेगी और 7 अप्रैल को काउंटिंग होगी और नतीजे सामने आएंगे. इस बार कई ग्राम पंचायतों का नगर निगम क्षेत्र में सम्मिलित होने के कारण लगभग 6000 से अधिक मतदाता कम होंगे और इस बार मतदाताओं की संख्या 1,32,000 के करीब रहने का अनुमान है.

बिहार में आचार संहिता लागू: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि एमएलसी चुनाव को लेकर प्रदेश में आचार संहिता आज से लागू हो गई है. इस बार चुनाव के दौरान लोकसभा सांसद और विधायकों को उनके क्षेत्र के किसी एक प्रखंड में मतदान देने का अधिकार होगा. जिन विधानसभा क्षेत्र में दो से तीन ब्लॉक आते हैं, ऐसे में विधायक और लोकसभा सांसद के लिए अपने क्षेत्र के किसी एक ब्लॉक के मतदान केंद्र को चुनने का अधिकार होगा, जहां वह मतदान के दिन मतदान कर सकेंगे.

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