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मसौढ़ी में खाद को लेकर किसान परेशान, लंबी कतारों में हो रही है जद्दोजहद - पटना जिले में खाद का लक्ष्य र

मसौढ़ी और धनरूआ में एक बार फिर से खाद को लेकर किसानों के बीच जद्दोजहद शुरू हो गई है. खाद लेने के लिए किसान लाइन लगाकर अपनी बारी का घंटों इंतजार करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

मसौढ़ी में खाद के लिए हंगामा
मसौढ़ी में खाद के लिए हंगामा
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Published : Dec 26, 2022, 2:07 PM IST

पटना: राजधानी पटना के ग्रामीण इलाकों में किसान (Farmers in rural areas of Patna) एक बार फिर से परेशान और हताश हैं. खेतों में इन दिनों रबी की बुवाई लगभग हो चुकी है और खाद की काफी जरूरत पर रही हैं, ऐसे में किसान खाद के लिए हो हंगामा और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल पूरे पटना जिला में जितना लक्ष्य रखा गया है उसके अनुरूप खाद की आपूर्ति नहीं हो पाई है लगभग 50 हजार मैट्रिक टन पूरे पटना जिले में खाद का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन महज आधे से कम ही इस बार आपूर्ति हो पाई है. जिस वजह से मसौढ़ी धनरूआ एवं तमाम प्रखंडों में खाद कम रहने के कारण किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है.

पढ़ें-पटना के गांव में किसान पाठशाला, खेतों में पराली नहीं जलाने का दिलाया संकल्प


खाद के लिए किसानों की जद्दोजहद: कई किसानों की माने तो सुबह 4:00 बजे ही लोग लंबी लाइन लगाकर खाद लेने को मजबूर हैं लेकिन उनकी बारी आने पर खाद खत्म हो जा रहा है. सोमवार को अलहे सुबह सैकड़ों की संख्या में किसान कोऑपरेटिव बैंक स्थित बिस्कोमान भवन में खाद लेने के लिए पहुंचे थे जहां पर उन्हें खाद नहीं मिल पाया है. मसौढ़ी में 1200 बैग खाद आया था, जहां तकरीबन 600 से अधिक किसान लंबी लाइन लगाकर अपने खाद लेने का इंतजार कर रहे थे. हालांकि खाद समय पर नहीं मिल पाया और खाद खत्म हो गया जिसे लेकर घंटों विरोध प्रदर्शन और हो हंगामा चला.


विधायक ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप: पटना के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों किसान खाद को लेकर मारामारी करते नजर आ रहे हैं, लंबी लाइन लगाकर घंटों समय देने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लोग काफी परेशान हैं. इसको लेकर विधायक गोपाल रविदास ने कहा है कि इसके लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार है हर बार खाद की आपूर्ति के लिए मैराथन बैठकर तो होती हैं लेकिन खाद की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाती है. प्रत्येक किसान को आधार कार्ड पर दो बैग दिया जा रहा है, लेकिन वही किसानों को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध हो रहा है.

"इसके लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार है हर बार खाद की आपूर्ति के लिए मैराथन बैठकर तो होती हैं लेकिन खाद की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाती है. प्रत्येक किसान को आधार कार्ड पर दो बैग दिया जा रहा है, लेकिन वही किसानों को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध हो रहा है."-गोपाल रविदास, भाकपा माले विधायक

पढ़ें-मसौढ़ी को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग, पंचायत प्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन

पटना: राजधानी पटना के ग्रामीण इलाकों में किसान (Farmers in rural areas of Patna) एक बार फिर से परेशान और हताश हैं. खेतों में इन दिनों रबी की बुवाई लगभग हो चुकी है और खाद की काफी जरूरत पर रही हैं, ऐसे में किसान खाद के लिए हो हंगामा और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल पूरे पटना जिला में जितना लक्ष्य रखा गया है उसके अनुरूप खाद की आपूर्ति नहीं हो पाई है लगभग 50 हजार मैट्रिक टन पूरे पटना जिले में खाद का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन महज आधे से कम ही इस बार आपूर्ति हो पाई है. जिस वजह से मसौढ़ी धनरूआ एवं तमाम प्रखंडों में खाद कम रहने के कारण किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है.

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खाद के लिए किसानों की जद्दोजहद: कई किसानों की माने तो सुबह 4:00 बजे ही लोग लंबी लाइन लगाकर खाद लेने को मजबूर हैं लेकिन उनकी बारी आने पर खाद खत्म हो जा रहा है. सोमवार को अलहे सुबह सैकड़ों की संख्या में किसान कोऑपरेटिव बैंक स्थित बिस्कोमान भवन में खाद लेने के लिए पहुंचे थे जहां पर उन्हें खाद नहीं मिल पाया है. मसौढ़ी में 1200 बैग खाद आया था, जहां तकरीबन 600 से अधिक किसान लंबी लाइन लगाकर अपने खाद लेने का इंतजार कर रहे थे. हालांकि खाद समय पर नहीं मिल पाया और खाद खत्म हो गया जिसे लेकर घंटों विरोध प्रदर्शन और हो हंगामा चला.


विधायक ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप: पटना के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों किसान खाद को लेकर मारामारी करते नजर आ रहे हैं, लंबी लाइन लगाकर घंटों समय देने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लोग काफी परेशान हैं. इसको लेकर विधायक गोपाल रविदास ने कहा है कि इसके लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार है हर बार खाद की आपूर्ति के लिए मैराथन बैठकर तो होती हैं लेकिन खाद की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाती है. प्रत्येक किसान को आधार कार्ड पर दो बैग दिया जा रहा है, लेकिन वही किसानों को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध हो रहा है.

"इसके लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार है हर बार खाद की आपूर्ति के लिए मैराथन बैठकर तो होती हैं लेकिन खाद की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाती है. प्रत्येक किसान को आधार कार्ड पर दो बैग दिया जा रहा है, लेकिन वही किसानों को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध हो रहा है."-गोपाल रविदास, भाकपा माले विधायक

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