पटना: राजधानी पटना सटे बिहटा में बन रहे दूसरे बस अड्डे निर्माण (Bihta Bus Stand) का विरोध शुरू हो गया है. शुक्रवार को हजारों किसानों ने सड़कर उतर कर (Farmers Protest At Bihta) विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने साफ तौर पर कहा कि जान दे देंगे लेकिन बस अड्डा के निर्माण के लिए सरकार को यहां जमीन नहीं देंगे.
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दरअसल पटना जिले के बिहटा के कन्हौली में बन रहे 50 एकड़ में जिले के दूसरे बस अड्डे के विरोध में कन्हौली गांव के तमाम किसानों एवं गांव के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि सरकार ने हमारे साथ गलत किया है. गांव की तमाम कृषि भूमि जमीन को सरकार ने अधिग्रहण करने का फैसला बनाया है. लेकिन इसे हम लोग नहीं होने देंगे. कृषि भूमि जमीन से हमारा पूरा परिवार कई पुश्तों से खेती से अपना गुजारा चला रहा है.
'सरकार केवल गरीबों को मारने का काम कर रही है. जमीन लेने से पहले किसानों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बात तक नहीं की. कृषि जमीन के साथ-साथ गांव के कई घर को भी तोड़ा जाएगा. यह कभी नहीं होने नहीं देंगे. कन्हौली मौजा के अलावा पास में बिशनपुरा, पैनाठी में भी काफी जमीन है लेकिन वहां के जमीन सरकार नहीं ले रही है. क्योंकि बिल्डर के द्वारा जमीन पहले से ही अधिग्रहण किया जा चुका है. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार जो 50 एकड़ जमीन कन्हौली मौजा से ले रही है. उसे वापस ले नहीं तो अपनी जान दे देंगे' :- सपनी देवी, स्थानीय महिला
कन्हौली गांव के किसान अनिल कुमार ने बताया कि सरकार की नजर हर वक्त गरीबों पर रहती है. कन्हौली में प्रस्तावित बस स्टैंड के लिए सरकार जमीन अधिग्रहण कर रही है. वहां सभी जमीन कृषियोग्य एवं उपजाऊ जमीन है. साथ ही गांव के कई घर को भी तोड़ा जा रहा है. अगर ऐसा रहा तो पूरा गांव खाली हो जाएगा. किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति हो जाएगी, इसलिए हम लोग जान दे देंगे लेकिन अपना जमीन नहीं देंगे सरकार को बस स्टैंड यहां से कहीं और ले जाना होगा अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आने वाले समय में और बड़ा आंदोलन करेंगे.
बता दें कि राजधानी पटना में बने बस अड्डे के दबाव को कम करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहटा के कन्हौली के पास पटना रिंग रोड प्रोजेक्ट के नजदीक 50 एकड़ में जिले का दूसरा बस अड्डा बनाने का निर्णय ले चुके हैं. कैबिनेट में भी इसकी राशि लगभग 217 करोड़ पास भी हो चुका है. कैबिनेट में पास होने के बाद अब इसके विरोध में कन्हौली मौजा के तमाम किसान एवं ग्रामीण सड़क पर उतर चुके हैं. अगर सरकार किसानों की बात नहीं सुनती है तो आने वाले समय में किसान बड़ा आंदोलन करने का निर्णय ले रहे हैं.
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