पटना(मसौढ़ी): कृषि बिल के खिलाफ शहर से लेकर गांव तक सभी जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है. ऐसे में शुक्रवार को मसौढ़ी अनुमंडल मुख्यालय पर किसानों ने प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने सरकार पर जमकर हमला बोला. आंदोलनकारियों की मानें तो सरकार की कृषि बिल किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने वाला कानून है. यह काला कानून है, जो किसानों के हित में नहीं है. किसानों के लिए यह तीनों कानून काला बिल है.
विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान
कृषि बिल को लेकर पंजाब और हरियाणा में किसान विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. वहीं, अब हर अनुमंडल स्तर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन वृहद रूप से शुरू हो गया है. आंदोलनकारियों की मानें तो कृषि सुधार के नाम पर सरकार ने 3 कानून बनाकर सभी किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने में लगे हैं. ऐसे में किसान बंधुआ मजदूर हो जाएंगे, मूल्य आश्वासन, संरक्षण कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश 1955 संबंधित कई तरह के कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
कृषि बिल वापस लेने की मांग
आंदोलनकारियों की माने तो सरकार से 4 बिंदु पर मांग की गई है. जिसमें एक राष्ट्र एक बाजार नहीं बल्कि एक राष्ट्र एक समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं. समर्थन मूल्य से कम खरीदारी वालों को कानूनी दायरे में लेकर दंडित किये जाने की मांग कर रहे हैं. वही, नया बिजली बिल अध्यादेश 2020 को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.