पटनाः मसौढ़ी के ग्रामीण इलाकों में पराली को खेतों में जलाने से किसान बाज नहीं आ रहे हैं. शाम होते ही किसान पराली जलाना शुरू कर देते हैं. खेतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण तो बढ़ता ही है, मिट्टी की उर्वरता भी घट जाती है. बावजूद इसके पराली जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
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पराली जलाने से नुकसान
जानकार बताते हैं कि खेतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही खेतों कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है. लिहाजा किसानों से बार-बार पराली नहीं जलाने की अपील की जाती है. लेकिन मसौढ़ी के ग्रामीण इलाकों में पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. ये तस्वीरें मसौढ़ी के खरांट पंचायत के बलिहारी गांव की है, जहां पर शाम होने के बाद किसान खेतों की पराली में आग लगा देते हैं.
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पराली जलाने पर सरकार सख्त
बता दें कि खेतों में पराली जलाने को लेकर सरकार भी काफी सख्त है. इस पर प्रतिबंध भी लगाया गया है. नियम है कि ऐसा करने वाले किसानों को दंडित करते हुए सरकार के सभी योजनाओं से 3 सालों तक वंचित कर दिया जाएगा. लेकिन बावजूद किसान इसकी सुध नहीं ले रहे हैं.