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पटना : ई-कियोस्क मशीन बनी शोभा की वस्तु, किसान नहीं ले रहे कोई रूचि - पटना समाचार

जिले में ई-कियोस्क मशीन को स्थापित किया गया है. इस मशीन से किसानों को कृषि संबंधित जानकारी दी जाएगी. लेकिन किसानों को इसके प्रति कोई रूचि नहीं दिखाई दे रही है. यह मशीन मात्र एक शोभा बनकर रह गयी है.

farmers are not interested in e-kiosk machines
ई-कियोस्क मशीन का किया गया था उद्घाटन
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Published : Sep 24, 2020, 8:27 AM IST

पटना: जिले में 9 जुलाई 2018 को पूरे बिहार का पहला ई-कियोस्क मशीन लगाया गया था. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने एक वृहद कार्यक्रम का आयोजन कर इस ई-कियोस्क मशीन का उद्घाटन किया था. लेकिन आज तक इस मशीन का कोई प्रयोग नहीं किया गया. यह बस शोभा की वस्तु बन कर रह गई है.


किसानों की सुविधाओं के लिए लगाई गई मशीन
बिहार में किसानों की सुविधा के लिए उन्हें कृषि से संबंधित और मौसम की जानकारी देने के लिए बिहार सरकार ने ई-कियोस्क मशीन लगाने की पहल की. इसके लिए जिले के मसौढी प्रखंड को चुना गया. बिहार में पहला मशीन मसौढी में लगाकर उद्घाटन किया गया. वहीं कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने किसानों को कहा कि अब किसानों को दूसरे पर आश्रित नहीं होना पडे़गा.


आधार कार्ड से जोड़ा गया मशीन
किसानों के आधार कार्ड को इस ई-कियोस्क मशीन से जोड़ दिया जाएगा. इसके बाद सभी किसानों को कृषि से संबंधित तमाम तरह कि जानकारियां दी जाएगी. मिट्टी की गुणवत्ता, खाद, सभी तरह के बीज, वैज्ञानिक खेती, फसलों में लगने वाले कीड़े के उपचार, सभी तरह के कृषि यंत्र, उपकरणों की जानकारियां, ऑपरेट करने की जानकारियां, फसल की पैदावार बढाने के तरीके से संबंधित जानकारियां इस ई-कियोस्क मशीन के जरिए किसानों को दिया जाना था.


मशीन को चालू होने में लगता है वक्त
मशीन के उद्घाटन के दूसरे ही दिन से किसानों को इसके प्रति रूचि नहीं दिखाई दी. इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि इसे ऑपरेट करना किसी किसानों को नहीं आता था. इसके बाद कई महीनों बाद एक ऑपरेटर नियुक्त किया गया. लेकिन इसके बाद भी किसानों की मशीन के प्रति रूचि नहीं देखी गई. किसानों की माने तो एटीएम जैसा दिखने वाला यह मशीन कोई काम का नहीं. किसानों का कहना है कि इसे चालू होने में काफी वक्त लगता है.

पटना: जिले में 9 जुलाई 2018 को पूरे बिहार का पहला ई-कियोस्क मशीन लगाया गया था. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने एक वृहद कार्यक्रम का आयोजन कर इस ई-कियोस्क मशीन का उद्घाटन किया था. लेकिन आज तक इस मशीन का कोई प्रयोग नहीं किया गया. यह बस शोभा की वस्तु बन कर रह गई है.


किसानों की सुविधाओं के लिए लगाई गई मशीन
बिहार में किसानों की सुविधा के लिए उन्हें कृषि से संबंधित और मौसम की जानकारी देने के लिए बिहार सरकार ने ई-कियोस्क मशीन लगाने की पहल की. इसके लिए जिले के मसौढी प्रखंड को चुना गया. बिहार में पहला मशीन मसौढी में लगाकर उद्घाटन किया गया. वहीं कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने किसानों को कहा कि अब किसानों को दूसरे पर आश्रित नहीं होना पडे़गा.


आधार कार्ड से जोड़ा गया मशीन
किसानों के आधार कार्ड को इस ई-कियोस्क मशीन से जोड़ दिया जाएगा. इसके बाद सभी किसानों को कृषि से संबंधित तमाम तरह कि जानकारियां दी जाएगी. मिट्टी की गुणवत्ता, खाद, सभी तरह के बीज, वैज्ञानिक खेती, फसलों में लगने वाले कीड़े के उपचार, सभी तरह के कृषि यंत्र, उपकरणों की जानकारियां, ऑपरेट करने की जानकारियां, फसल की पैदावार बढाने के तरीके से संबंधित जानकारियां इस ई-कियोस्क मशीन के जरिए किसानों को दिया जाना था.


मशीन को चालू होने में लगता है वक्त
मशीन के उद्घाटन के दूसरे ही दिन से किसानों को इसके प्रति रूचि नहीं दिखाई दी. इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि इसे ऑपरेट करना किसी किसानों को नहीं आता था. इसके बाद कई महीनों बाद एक ऑपरेटर नियुक्त किया गया. लेकिन इसके बाद भी किसानों की मशीन के प्रति रूचि नहीं देखी गई. किसानों की माने तो एटीएम जैसा दिखने वाला यह मशीन कोई काम का नहीं. किसानों का कहना है कि इसे चालू होने में काफी वक्त लगता है.

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