पटना: राजधानी समेत प्रदेश भर में बारिश कम होने के कारण सूखे जैसे हालात हो गए हैं. सावन के महीने में जून जैसे हालात को लेकर पूरा दक्षिण बिहार कराह रहा है. मानसून की बेरुखी के कारण इस बार किसान बेहद परेशान हैं. खेत सूख गए हैं. खेत में लगी धान की फसल जल चुकी है. इसको लेकर किसान पूरे दक्षिण बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर मसौढ़ी में किसानों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया.
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मसौढ़ी में किसानों का प्रदर्शन: मसौढ़ी के पाली रोड में अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले किसान बचाओ कॉर्पोरेट लूट का राज मिटाओ, डीजल अनुदान नहीं चाहिए, किसानों को मुफ्त बिजली चाहिए. 6 महीने तक तमाम किसान मजदूर के लिए राशन का प्रबंध करो आदि नारों के साथ किसान सड़क पर उतरकर घंटों विरोध प्रदर्शन किया . इस मौके पर किसानों ने केंद्र सरकार पर कृषि और किसानों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.
"सरकार जब रात्रि के अंधेरे में नोटबंदी कर सकती है. कॉर्पोरेट के हित में ग्लोबल टेंडर निकाल सकती है. करोड़ों रुपए खर्च कर गंगा का पानी पटना से गया ले जा सकती है तो वह कृषि संकट के समाधान और किसानों की भलाई के लिए काफी खर्च वाली नहर का आधुनिकीकरण और इंद्रपुरी जलाशय का निर्माण क्यों नहीं कर सकती हैं.?"- शशि भूषण कुमार, प्रखंड सचिव, अखिल भारतीय किसान महासभा
दक्षिण बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग: अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रखंड सचिव ने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा ही किसानों के हित के प्रतिकूल है. उन्होंने किसानों से बिना भेदभाव के आपस से मिलकर एक राजनीतिक संगठित होने का आग्रह किया ताकि स्थितियों में बदलाव के लिए सरकार को मजबूर किया जा सके. मसौढ़ी पाली रोड में लखनौर बिदौली के पास किसान सड़क पर उतर कर घंटो विरोध प्रदर्शन किया. इसमें किसान भगवान सिंह, शशि भूषण कुमार, बिटेश्वर यादव, सत्यनारायण प्रसाद, ऊषा देवी आदि शामिल रहे.