पटना: बिहार में किसान आंदोलन को मजबूती प्रदान करने और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर भाकपा माले, अखिल भारतीय किसान महासभा व खेग्रामस द्वारा राजधानी पटना स्थित गेट पब्लिक लाइब्रेरी में किसान-मजदूर महापंचायत का आयोजन किया गया. महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान, मजदूर और भाकपा माले के कार्यकर्ता शामिल हुए.
![महापंचायत में शामिल लोग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-02-cpiml-kishan-panchayat-in-patna-pkg-bh10042_18032021185125_1803f_1616073685_345.jpg)
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया 'बिहार के किसानों के साथ भाजपा-जदयू ने धोखा किया है. 2006 में एमएसपी एक्ट को खत्म करके सरकार ने यहां के किसानों की दुर्दशा कर दी है. यहां के किसानों को फसलों की सबसे कम कीमत मिलती हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि देश के हरेक हिस्से में किसानों को एमएसपी मिले. भाजपा के लोग पंजाब और बिहार को एक दूसरे के विरोध में खड़ा करना चाहते हैं, लेकिन आज इस महापंचायत ने साफ संदेश दिया है कि बिहार के किसान आंदोलन के साथ मजबूती से खड़े हैं. जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मान लेती, तब तक यह आंदोलन इसी प्रकार जारी रहेगा'.
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उन्होंने कहा 'हमारी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार रद्द करें. बिहार विधानसभा में उसके खिलाफ प्रस्ताव पारित करें. एमएसपी को कानूनी दर्जा देकर एमएसपी एक्ट को फिर से लागू करें और भूमिहीन व बटाईदार किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ प्रदान करे. संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर 26 मार्च को भारत बंद करने का फैसला लिया गया है.'