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बड़ा फैसला: अब सड़क दुर्घटना में मौत होने पर परिजनों को मिलेगा मुआवजा, जानें कितनी होगी राशि - सड़क दुर्घटना में मौत

सड़क दुर्घटना के हताहत लोग मुआवजा राशि के लिए दावा कर सकेंगे. राज्य सरकार सड़क दुर्घटना में मौत होने पर उनके परिजनों को 5 लाख तो गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये देगी. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

Family will get compensation on death in road accident in Bihar
Family will get compensation on death in road accident in Bihar
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Published : Sep 15, 2021, 10:24 PM IST

Updated : Sep 17, 2021, 7:27 PM IST

पटना: बिहार में अब सड़क दुर्घटना (Road Accident) में व्यक्ति की भी मौत होने पर उसके आश्रितों को मुआवजा (Compensation) दिया जाएगा. यह फैसला आज यानी 15 सितंबर से पूरे राज्य में लागू हो गया. परिवहन विभाग (Transport Department) के मुताबिक, सड़क हादसे में मरने वालों के आश्रितों और घायलों को राज्य सरकार 15 सितंबर से मुआवजा देगी. मृतकों के आश्रितों को 5 लाख रुपए मुआवजा के रूप में दिया जाएगा. वही गंभीर रूप से घायल होने पर 50,000 रुपये की राशि दी जाएगी.

यह भी पढ़ें - सावधान! हेलमेट पहन कर ही चलाएं बाइक, एक्शन में है परिवहन विभाग

परिवहन विभाग ने इसके लिए सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए तत्काल लागू करने की बात कही है. इसके लिए बिहार सरकार ने वाहन दुर्घटना सहायता निधि बनाई है जो लोगों को दुर्घटना के बाद मुआवजा राशि के रूप में मदद पहुंचाएगी. इस निधि में 50 करोड़ की राशि जमा की जाएगी जो जरूरत के अनुसार लोगों को दी जाएगी.

देखें वीडियो

विभाग के मुताबिक, बीमारहित वाहनों की स्थिति में मुआवजा राशि का समायोजन वाहन स्वामी से किया जाएगा. पीड़ितों के द्वारा दावा करने के 30 दिनों के भीतर यह राशि वाहन मालिकों को देनी होगी. इसी के साथ, बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहनों से सड़क दुर्घटना या मृत्यु होने पर उक्त वाहन को पुलिस द्वारा जब्त व नीलामी की प्रक्रिया की जायेगी.

हालांकि, वाहन मालिक अगर आदेश का पालन नहीं करते हैं तो वाहनों को जब्त करने के बाद नीलाम की जाएगी और राशि वसूली जाएगी. लेकिन, वाहन को तब तक नहीं छोड़ा जा सकेगा जब तक कि न्यायाधिकरण के निर्णय के अनुरूप मुआवजा नहीं मिल जाता. इस संबंध में बिहार मोटरगाड़ी नियमावली, 1992 एवं बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली,1961 में संशोधन किया गया है.

बिहार के परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह व्यवस्था बुधवार से पूरे राज्य में लागू हो गया है. दुर्घटना होने पर मुआवजे का दावा किये जाने के बाद इसकी जांच अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा की जाएगी उसके बाद जिलाधिकारी अंतिम रूप से मुआवजे का फैसला करेंगे.

मुआवजे की राशि दुर्घटना सहायता निधि से सीधे परिवहन पदाधिकारी को भेजी जाएगी. बता दें कि, पूर्व में एक से अधिक लोगों की मौत होने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से मुआवजा की राशि पीड़ित परिवार को दी जाती थी.

यह भी पढ़ें - दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रयासरत विभाग, ब्लैक स्पॉट्स को किया जा रहा चिन्हित

पटना: बिहार में अब सड़क दुर्घटना (Road Accident) में व्यक्ति की भी मौत होने पर उसके आश्रितों को मुआवजा (Compensation) दिया जाएगा. यह फैसला आज यानी 15 सितंबर से पूरे राज्य में लागू हो गया. परिवहन विभाग (Transport Department) के मुताबिक, सड़क हादसे में मरने वालों के आश्रितों और घायलों को राज्य सरकार 15 सितंबर से मुआवजा देगी. मृतकों के आश्रितों को 5 लाख रुपए मुआवजा के रूप में दिया जाएगा. वही गंभीर रूप से घायल होने पर 50,000 रुपये की राशि दी जाएगी.

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परिवहन विभाग ने इसके लिए सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए तत्काल लागू करने की बात कही है. इसके लिए बिहार सरकार ने वाहन दुर्घटना सहायता निधि बनाई है जो लोगों को दुर्घटना के बाद मुआवजा राशि के रूप में मदद पहुंचाएगी. इस निधि में 50 करोड़ की राशि जमा की जाएगी जो जरूरत के अनुसार लोगों को दी जाएगी.

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विभाग के मुताबिक, बीमारहित वाहनों की स्थिति में मुआवजा राशि का समायोजन वाहन स्वामी से किया जाएगा. पीड़ितों के द्वारा दावा करने के 30 दिनों के भीतर यह राशि वाहन मालिकों को देनी होगी. इसी के साथ, बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहनों से सड़क दुर्घटना या मृत्यु होने पर उक्त वाहन को पुलिस द्वारा जब्त व नीलामी की प्रक्रिया की जायेगी.

हालांकि, वाहन मालिक अगर आदेश का पालन नहीं करते हैं तो वाहनों को जब्त करने के बाद नीलाम की जाएगी और राशि वसूली जाएगी. लेकिन, वाहन को तब तक नहीं छोड़ा जा सकेगा जब तक कि न्यायाधिकरण के निर्णय के अनुरूप मुआवजा नहीं मिल जाता. इस संबंध में बिहार मोटरगाड़ी नियमावली, 1992 एवं बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली,1961 में संशोधन किया गया है.

बिहार के परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह व्यवस्था बुधवार से पूरे राज्य में लागू हो गया है. दुर्घटना होने पर मुआवजे का दावा किये जाने के बाद इसकी जांच अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा की जाएगी उसके बाद जिलाधिकारी अंतिम रूप से मुआवजे का फैसला करेंगे.

मुआवजे की राशि दुर्घटना सहायता निधि से सीधे परिवहन पदाधिकारी को भेजी जाएगी. बता दें कि, पूर्व में एक से अधिक लोगों की मौत होने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से मुआवजा की राशि पीड़ित परिवार को दी जाती थी.

यह भी पढ़ें - दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रयासरत विभाग, ब्लैक स्पॉट्स को किया जा रहा चिन्हित

Last Updated : Sep 17, 2021, 7:27 PM IST
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