पटना: राजधानी पटना से सटे दानापुर में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया (Fake teacher exposed in Patna Danapur) है. दरअसल दानापुर में फर्जी अंक पत्र के बूते घालमेल कर 2006 में पंचायत शिक्षक बने मो शाहिद हुसैन की पोल निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने खोल दी है. निगरानी पुनि सह सहायक जांचकर्ता ने जांच के क्रम में मो शाहिद हुसैन के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर आरोप में केस दर्ज कराया है. अभी भी दर्जनों फर्जी शिक्षक हैं जो उच्च न्यायालय, पटना के निर्देश बाद भी त्याग पत्र समर्पित करने के बजाय फर्जी अंकपत्र के सहारे शिक्षक बने हुए हैं.
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शाहिद समेत अन्य को बनाया गया आरोपित: दरअसल मो शाहिद हुसैन बीते 5 साल से फर्जी अंक पत्र के सहारे शिक्षक बना हुआ था. थाने के नया टोला स्थित मध्य विद्यालय सिपाही भगत में नगर शिक्षक के रूप में बहाल हुआ. मो शाहिद हुसैन पिछले 1 सिंतबर 2011 से स्कूल से बिना सूचना के अनुपस्थित है. निगरानी पुनि ने दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि उसने उच्च न्यायालय, पटना में निर्धारित एमनेस्टि पीरियड में त्याग पत्र भी समर्पित नहीं किया. दर्ज केस में मो शाहिद समेत अन्य अज्ञात को आरोपित बनाया गया है.
सत्यापन में अंकपत्र पाया गया फर्जी: पालीगंज थाना क्षेत्र के करीमपुर कटका निवासी स्व मो सदाकत हुसैन के पुत्र मो शाहिद हुसैन की मैट्रिक के अंक पत्र के आधार पर अप्रशिक्षिक के रूप में दानापुर प्रखंड के नगर परिषद क्षेत्र में नियुक्ति हुई थी. इसने मैट्रिक की परीक्षा वर्ष 1980 में दी थी. जिसका रौल कोड 7123, रौल नंबर 096 था. प्रथम श्रेणी से पास मो शाहिद का प्राप्तांक 690 था. जिसे सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना भेजा गया था. वहां जांच में पाया गया कि वीणा रानी, पिता रामेश्वर सिन्हा, रौल नंबर 7123, रौल नंबर 0096, वर्ष 1980 , प्राप्तांक 450 द्वितीय श्रेणी दर्ज है. सत्यापन में अंकपत्र फर्जी पाया गया.
"निगरानी के पुनि सह सहायक जांचकर्ता, शिक्षक जांच प्रभारी के लिखित आवेदन में मामला दर्ज कर छानबीन किया जा रहा है." :- कमलेश्वर प्रसाद सिंह, थानााध्यक्ष