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राजधानी में हुए जलजमाव पर बोले विशेषज्ञ- हजारों करोड़ का हुआ नुकसान

इस संबंध में आर्थिक विशेषज्ञ प्रो. एन के चौधरी ईटीवी भारत से को कहा कि पटना में हुए जलजमाव से नुकसान को 1975 के बाद सबसे बड़ा नुकसान बता रहे हैं. आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर एन के चौधरी के अनुसार लोगों का सामान तो बर्बाद हुआ ही साथ ही कई दिनों तक उनका व्यवसाय भी ठप रहा.

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Published : Oct 30, 2019, 5:27 PM IST

पटना: राजधानी पटना में इस बार बारिश और जलजमाव से लोगों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा है. हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक नुकसान को लेकर किसी तरह का असेसमेंट नहीं किया गया है. लेकिन, विशेषज्ञ इसे 1975 में आई बाढ़ के बाद सबसे बड़ा नुकसान बता रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह नुकसान हजारों करोड़ की राशि से कम नहीं है.

स्थानीय निवासी की व्यथा
राजेंद्र नगर निवासी आंचल कपूर ने बताया कि राजेंद्र नगर, कंकड़बाग सहित दर्जनों मोहल्ले में भीषण जलजमाव का नजारा देखने को मिला. लोगों की गाड़ियां, घर के कीमती सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान सब बर्बाद हो गया. उन्होंने कहा कि यहां तक बैंकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. स्थानीय निवासी ने बताया कि व्यवसायियों का व्यवसाय ठप हो गया. दुकान का सारा सामान भी बर्बाद हो गया. लेकिन सरकार की तरफ से कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि इसको लेकर लोगों ने अपना विरोध भी जताया. इसके बाद भी सरकार की तरफ से न तो इन नुकसान का कोई असेसमेंट किया गया और ना ही किसी तरह की मदद की अब तक आश्वासन ही दिया गया.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'1975 से ज्यादा हुआ नुकसान'
इस संबंध में आर्थिक विशेषज्ञ प्रो. एन के चौधरी ने ईटीवी भारत से कहा कि पटना में हुए जलजमाव से नुकसान को 1975 के बाद सबसे बड़ा नुकसान है. आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर एन के चौधरी के अनुसार लोगों का सामान तो बर्बाद हुआ ही साथ ही कई दिनों तक उनका व्यवसाय भी ठप रहा. जिससे और भी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि सरकार को इस नुकसान का एक असेसमेंट कराना चाहिए. यह नुकसान हजार करोड़ से कम का नहीं होगा.

विशेषज्ञ ने बताया नुकसान
वहीं, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर एके झा का भी कहना है कि इस जलजमाव से बहुत नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पटना की आबादी बढ़ी है और लोगों के पास महंगे सामान आए हैं. यदि नुकसान देखा जाए तो इसका आंकलन करना मुश्किल है. फिर भी अगर न्यूनतम की बात की जाए तो हजार करोड़ से कम का नुकसान नहीं हुआ है.

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प्रो. एके झा

JDU ने भी माना भारी नुकसान
सरकार की ओर से भले ही राजधानी पटना के लोगों के नुकसान का कोई असेसमेंट नहीं कराया गया हो और ना ही मदद का आश्वासन दिया गया. लेकिन, सत्ताधारी दल जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का भी कहना है कि नुकसान की राशि बहुत बड़ी है. उन्होंने कहा कि मध्यमवर्गीय के साथ-साथ निम्न मध्यवर्गीय परिवारों के जीवनभर की कमाई बर्बाद हो गई है.

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जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

इंश्योरेंस से मिलेगी लोगों को राहत
हालांकि, सरकार की ओर से फिलहाल इतना ही किया जा रहा है कि लोगों का जो इंश्योरेंस क्लेम है, कंपनियों के पास उसका जल्द से जल्द सेटलमेंट हो जाए. इससे लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. लेकिन, जिन सामानों का इंश्योरेंस लोगों ने नहीं कराया, उसकी भरपाई के लिए अबतक सरकार की तरफ से आश्वासन नहीं मिला है और न ही सरकार की तरफ से कोई इसपर कुछ बोलने के लिए तैयार है.

पटना: राजधानी पटना में इस बार बारिश और जलजमाव से लोगों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा है. हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक नुकसान को लेकर किसी तरह का असेसमेंट नहीं किया गया है. लेकिन, विशेषज्ञ इसे 1975 में आई बाढ़ के बाद सबसे बड़ा नुकसान बता रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह नुकसान हजारों करोड़ की राशि से कम नहीं है.

स्थानीय निवासी की व्यथा
राजेंद्र नगर निवासी आंचल कपूर ने बताया कि राजेंद्र नगर, कंकड़बाग सहित दर्जनों मोहल्ले में भीषण जलजमाव का नजारा देखने को मिला. लोगों की गाड़ियां, घर के कीमती सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान सब बर्बाद हो गया. उन्होंने कहा कि यहां तक बैंकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. स्थानीय निवासी ने बताया कि व्यवसायियों का व्यवसाय ठप हो गया. दुकान का सारा सामान भी बर्बाद हो गया. लेकिन सरकार की तरफ से कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि इसको लेकर लोगों ने अपना विरोध भी जताया. इसके बाद भी सरकार की तरफ से न तो इन नुकसान का कोई असेसमेंट किया गया और ना ही किसी तरह की मदद की अब तक आश्वासन ही दिया गया.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'1975 से ज्यादा हुआ नुकसान'
इस संबंध में आर्थिक विशेषज्ञ प्रो. एन के चौधरी ने ईटीवी भारत से कहा कि पटना में हुए जलजमाव से नुकसान को 1975 के बाद सबसे बड़ा नुकसान है. आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर एन के चौधरी के अनुसार लोगों का सामान तो बर्बाद हुआ ही साथ ही कई दिनों तक उनका व्यवसाय भी ठप रहा. जिससे और भी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि सरकार को इस नुकसान का एक असेसमेंट कराना चाहिए. यह नुकसान हजार करोड़ से कम का नहीं होगा.

विशेषज्ञ ने बताया नुकसान
वहीं, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर एके झा का भी कहना है कि इस जलजमाव से बहुत नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पटना की आबादी बढ़ी है और लोगों के पास महंगे सामान आए हैं. यदि नुकसान देखा जाए तो इसका आंकलन करना मुश्किल है. फिर भी अगर न्यूनतम की बात की जाए तो हजार करोड़ से कम का नुकसान नहीं हुआ है.

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प्रो. एके झा

JDU ने भी माना भारी नुकसान
सरकार की ओर से भले ही राजधानी पटना के लोगों के नुकसान का कोई असेसमेंट नहीं कराया गया हो और ना ही मदद का आश्वासन दिया गया. लेकिन, सत्ताधारी दल जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का भी कहना है कि नुकसान की राशि बहुत बड़ी है. उन्होंने कहा कि मध्यमवर्गीय के साथ-साथ निम्न मध्यवर्गीय परिवारों के जीवनभर की कमाई बर्बाद हो गई है.

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जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

इंश्योरेंस से मिलेगी लोगों को राहत
हालांकि, सरकार की ओर से फिलहाल इतना ही किया जा रहा है कि लोगों का जो इंश्योरेंस क्लेम है, कंपनियों के पास उसका जल्द से जल्द सेटलमेंट हो जाए. इससे लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. लेकिन, जिन सामानों का इंश्योरेंस लोगों ने नहीं कराया, उसकी भरपाई के लिए अबतक सरकार की तरफ से आश्वासन नहीं मिला है और न ही सरकार की तरफ से कोई इसपर कुछ बोलने के लिए तैयार है.

Intro:पटना-- राजधानी पटना में इस बार बारिश और जलजमाव से लोगों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा है। हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक नुकसान को लेकर किसी तरह का असेसमेंट नहीं करवाया गया है लेकिन विशेषज्ञ इसे 1975 में आई बाढ़ के बाद सबसे बड़ा नुकसान बता रहे हैं और यह नुकसान हजारों करोड़ की राशि से कम नहीं है।
पेश है खास रिपोर्ट---


Body: राजधानी पटना के राजेंद्र नगर कंकड़बाग सहित एक दर्जन मोहल्ले में भीषण जलजमाव रहा। लोगों की गाड़ियां घर के कीमती सामान इलेक्ट्रॉनिक सामान सब बर्बाद हो गया है बैंकों को भी भारी नुकसान इन इलाकों में उठाना पड़ा व्यवसायियों के व्यवसाय ठप हो गए दुकान में रखे सामान बर्बाद हो गया । राजेंद्र नगर कंकड़बाग जिसे इलाकों में स्कूल का सामान बर्बाद हो गया। लोगों ने अपना विरोध भी जताया धरना प्रदर्शन तक किया । इसके बाद भी सरकार के तरफ से न तो इन नुकसान का कोई असेसमेंट करवाया गया और ना ही किसी तरह की मदद की अब तक आश्वासन ही दिया गया । राजेंद्र नगर में रहने वाले आचल कपूर का कहना है कि नुकसान अनलिमिटेड में है बताना मुश्किल है।
बाईट-- आचल कपूर राजेंद्र नगर निवासी
लेकिन विशेषज्ञ राजधानी पटना में हुए जलजमाव के नुकसान को 1975 के बाद सबसे बड़ा नुकसान बता रहे हैं आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर एन के चौधरी के अनुसार लोगों के समान तो बर्बाद हुए हैं उनका व्यवसाय कई दिनों तक ठप रहा और यह एक बड़ा नुकसान है । सरकार को लोगों के नुकसान का एक असेसमेंट जरूर कराना चाहिए यह नुकसान हजार करोड़ से कम का नहीं होगा।
बाईट--प्रो एन के चौधरी, आर्थिक विशेषज्ञ।
A N Sinha Institute के प्रोफेसर एके झा का भी कहना है कि 1975 में भी बहुत नुकसान हुआ था पटना के लोगों का लेकिन जिस तरह से राजधानी की आबादी बढ़ी है और लोगों के पास महंगे सामान आए हैं यदि नुकसान देखा जाए तो 1975 से कम नुकसान नहीं होगा। विशेषज्ञ प्रोफेसर झा के अनुसार भी यह नुकसान हजार करोड़ से कम नही होगा।
बाईट-- प्रोफेसर एके झा, विशेषज्ञ
सरकार की ओर से भले ही राजधानी पटना के लोगों के नुकसान का कोई असेसमेंट नहीं कराया गया हो और ना ही किसी तरह के मदद का आश्वासन अभी तक दिया गया हो लेकिन सत्ताधारी दल जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन का भी कहना है कि नुकसान की राशि बहुत बड़ी है और मध्यमवर्गीय के साथ निम्न मध्यवर्गीय परिवारों के जीवन भर की कमाई बर्बाद हो गई है।
बाईट-- राजीव रंजन प्रवक्ता जदयू




Conclusion:सरकार की ओर से फिलहाल इतना ही किया जा रहा है लोगों का जो क्लेम है इंश्योरेंस कंपनियों के पास उसका जल्द से जल्द सेटलमेंट हो जाए हालांकि इससे लोगों को जरूर राहत मिलेगी लेकिन इसके बावजूद जिन सामानों का कोई इंश्योरेंस लोगों ने नहीं कराया या नहीं हो सकता उसकी भरपाई कैसे होगी इसका किसी तरह का आश्वासन कहीं से लोगों को नहीं मिल रहा है। सरकार की ओर से इस पर कोई कुछ बोलने को भी तैयार नहीं है ।
अविनाश, पटना।
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