पटना: बिहार में आउटसोर्सिंग पर बहाली का विरोध कर रहे कार्यपालक सहायकों (Executive Assistants) ने सोमवार को बीजेपी (BJP) के प्रदेश कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थी दो तरह से बहाली करने और पुराने पैनल के आधार पर बहाली न करने को प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, पंचायती राज मंत्री उनके ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब बहाली तो प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से ही होगी.
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बिहार में बड़ी संख्या में कार्यपालक सहायक अभ्यर्थियों की बहाली विभिन्न जिलों में दक्षता परीक्षा लेकर की गई है. ऐसे में अभ्यर्थियों का एक पैनल भी सभी जिले में बनाया गया है. इस पैनल से वर्ष 2019 तक बहाली की गई.
भाजपा दफ्तर पहुंचे कार्यपालक सहायक अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्ष 2019 के बाद उस पैनल से कोई बहाली नहीं की जा रही है. सरकार ने आउटसोर्सिंग पर बहाली की बात कहकर फिर से परीक्षा लेने की शर्त रख दी है. जिसका अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं.
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कार्यपालक सहायक अभ्यर्थी सरकार की इस नई नीति का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि कैरियर अनिश्चित हो जाएगा. प्राइवेट कंपनी आउटसोर्सिंग पर मनमर्जी बहाली करेगी, जो किसी तरह से उचित नहीं है. अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बाद पंचायती राज मंत्री सहयोग कार्यक्रम के दफ्तर से बाहर निकले और उनसे सीधे बातचीत की.
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि नई नीति के तहत बेल्ट्रॉन के जरिए ही बहाली की जाएगी. उसके लिए हम सिर्फ योग्य अभ्यर्थियों की परीक्षा लेकर बहाली करेंगे. पुराने सिस्टम से कोई बहाली नहीं की जाएगी. पंचायती राज मंत्री ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि अब बेल्ट्रॉन के जरिए ही कार्यपालक सहायक की बहाली परीक्षा लेकर की जाएगी. इसके साथ ही उन्हें सभी पंचायतों में नियुक्ति दी जाएगी. जिससे आरटीपीएस काउंटर सुचारू रूप से चल सके. इधर कार्यपालक सहायक अभ्यर्थी पंचायती राज मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और अपनी मांग पर कायम हैं.